Gurugram Pollution: खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, ग्रेप का दूसरा चरण लागू; जानें किन-किन चीजों पर लगी रोक
गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेप का दूसरा चरण लागू कर दिया है। इस चरण में डीजल जेनरेटरों पर प्रतिबंध सड़कों पर पानी का छिड़काव ट्रैफिक जाम वाली सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए प्रबंध करना सीएंडडी प्वाइंट की पहचान कर प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर रोकथाम लगाना शामिल है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। क्षेत्र में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसको लेकर अब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएमक्यूएम) ने ग्रेप का दूसरा चरण (एक्यूआई 301 से 400 तक ) लागू कर दिया है। पहले चरण की पाबंदियों के साथ ही दूसरे चरण के प्रतिबंध भी लागू होंगे।
सोमवार को गुरुग्राम में टेरी ग्राम में एक्यूआई 227 और विकास सदन में 192 दर्ज किया गया। लेकिन नगर निगम और जीएमडीए के पास प्रदूषण से निपटने के कोई खास प्रबंध नहीं हैं। निर्माण साइटों पर खुले में निर्माण सामग्री रखी जा रही है। सड़कों पर धूल और मिट्टी जमी हुई है। मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों से सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
जगह-जगह सीएंडडी वेस्ट (मलबे) के ढेर लगे हुए हैं और इसका निपटान नहीं किया जा रहा है। हवा जहरीली होने के कारण बच्चों और बुजुर्गों तथा सांस के मरीजों को परेशानी होने लगी है।
ग्रेप -2 में यह प्रतिबंध हुए लागू
- डीजल जेनरेटरों को बंद रखने के लिए विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।
- सड़कों पर पानी का छिड़काव जरूरी किया गया।
- ट्रैफिक जाम वाली सड़कों और चौराहों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए प्रबंध करने होंगे।
- सीएंडडी प्वाइंट की पहचान कर प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर रोकथाम लगानी होगी।
- उद्योगों में डीजल जेनरेटरों के चलाने पर पाबंदी को सख्ती से लागू करना अनिवार्य।
- चौराहों-यातायात भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती।
- सीएनजी-इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं का विस्तार।
- रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को सर्दियों के दौरान खुले में बायोमास या वेस्ट जलाने से बचने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों को आवश्यक रूप से इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराना होगा
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें
बढ़ते प्रदूषण स्तर की रोकथाम के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने लोगों को सलाह दी है कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करना चाहिए। तकनीक का उपयोग करें, कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुनें। अपनी गाड़ियों में नियमित अंतराल पर एयर फिल्टर बदलते रहें। धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें। अक्टूबर से जनवरी तक ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने से बचें।
सीएक्यूएम ने ग्रेप का दूसरा चरण लागू कर दिया है। दूसरे चरण के नियमों का पालन सुनिश्चत कराने के लिए विभागों को निर्देश दिए गए हैं। - विजय चौधरी, क्षेत्रीय अधिकारी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड