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Gurgram News: हरेरा से आवंटियों की मांग, आइएलडी डेवलपर को दी जाए कड़ी सजा; 27 अक्टूबर तक सुनवाई स्थगित

बिल्डर ने अभी तक इस हाउसिंग परियोजना का काम पूरा नहीं किया है। इसके लिए बिल्डर ने आवंटियों से लाखों रुपये ले रखें हैं। 10 साल बीता जाने के बाद भी बिल्डर आवंटियों को फ्लैट उपलब्ध कराने में अक्षम रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarUpdated: Tue, 18 Oct 2022 04:25 PM (IST)
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हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), फाइल फोटो।

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। सेक्टर-37 स्थित आइएलडी ग्रीन ग्रुप हाउसिंग परियोजना अभी भी अधूरी है। आवंटियों ने हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम बेंच इस मामले में आइएलडी डेवलपर को कड़ी सजा की मांग की है। बेंच में सोमवार को इस मामले की सुनवाई थी और निर्णय होना था। फिलहाल बेंच ने 27 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया है।

बिल्डर ने अभी तक इस हाउसिंग परियोजना का काम पूरा नहीं किया है। इसके लिए बिल्डर ने आवंटियों से लाखों रुपये ले रखें हैं। 10 साल बीता जाने के बाद भी बिल्डर आवंटियों को फ्लैट उपलब्ध कराने में अक्षम रहा है। यही कारण है कि आवंटी बिल्डर पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

आवंटियों को हक दिलाने का प्रयास

हरेरा बेंच चार वर्षों से हाउसिंग परियोजना को पूरा कराने और पीड़ित आवंटियों को उनका हक दिलाने का प्रयास कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान प्राधिकरण के निर्देश का पालन न करने के कारण डेवलपर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसके बावजूद प्रतिवादी प्रमोटर ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।

सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे आवंटी

सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में आवंटी उपस्थित रहे। प्राधिकरण ने कहा कि उसके निर्देशों का बार-बार उल्लंघन बिल्डर द्वारा किया गया। इस कारण मामला आगे खिसकता गया। 200 आवंटी बिल्डर की मनमानी के कारण प्रभावित हैं। हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डा. केके खंडलेवाल ने कहा कि आवंटियों के हितों की रक्षा करना प्राधिकरण का कर्तव्य है। परियोजना को पूरा करने के लिए लगभग 36 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

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