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कितना सुरक्षित है आपका पैसा? साइबर ठगों के नेटवर्क में बैंक अफसर; अब तक पकड़े गए 18 कर्मचारी

बैंक खाते में पैसे की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल साइबर ठगों ने बैंकिंग प्रणाली में सेंध लगाई है। गुरुग्राम में छह महीने में 18 बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर ठगों से मिलीभगत में गिरफ्तार किया गया है। बैंक कर्मचारी श्रमिकों के नाम पर खाते खोलकर साइबर ठगों को बेचते थे। आरबीआई ने खाता खोलने के नियम कड़े किए हैं।

By Vinay Trivedi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 19 Sep 2024 01:17 PM (IST)
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साइबर ठगी के मामलों में लगातार बैंक अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगों ने सुरक्षित मानी जाने वाली बैंकिंग प्रणाली में ही सेंध लगा रखी है। छह महीने में अब तक साइबर पुलिस ने अलग-अलग बैंकों के 18 अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर ठगों से मिलीभगत में पकड़ा है। बैंक कर्मचारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

एक के बाद एक बैंक अधिकारियों के पकड़े जाने के बाद अब यह भी सवाल उठ रहा है साइबर ठगों का नेटवर्क आखिर कितना बड़ा है। साइबर ठगी के मामले में जांच के दौरान सबसे पहली बार 26 फरवरी को कोटक महिंद्रा बैंक के तीन अधिकारियों का नाम सामने आया था। इसमें एमजी रोड शाखा के बैंक अधिकारी मोहित राठी, महेश और विश्वकर्मा मौर्या को गिरफ्तार किया था।

हर खाते के बदले मिलते थे 20 से 25 हजार

ये आरोपित बिलासपुर स्थित कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों के नाम के खाते खोलते थे और मेवात के एक अन्य आरोपित के माध्यम से साइबर ठगों को खाता बेचते थे। हर खाते के बदले इन्हें 20 से 25 हजार रुपये मिलते थे। पहली बार बैंक अधिकारियों की साइबर ठगों से संलिप्तता सामने आने के बाद साइबर पुलिस और बैंक महकमे में काफी खलबली मची।

इसके बाद साइबर पुलिस हर बार ठगी की जांच में खाताधारक और खाता खोलने वाले बैंक कर्मचारियों तक पहुंचने लगी। एक के बाद एक मामलों की जांच में 18 बैंक अधिकारी और कर्मचारी पकड़े गए। इनमें जहां निजी बैंकों कोटक, यस, आरबीएल, एयू स्माल फाइनेंस, पीएनबी, आइडीएफसी, आईसीआईसीआई के कर्मचारी शामिल हैं तो दूसरी ओर सरकारी बैंक एसबीआइ कर्मचारी पर भी संलिप्तता का दाग लगा।

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आरबीआई ने भी खाता खोलने के नियम कड़े किए

डीसीपी साइबर क्राइम सिद्धांत जैन ने बताया कि साइबर ठगों से बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद इस मामले में आरबीआई को भी पत्र लिखा गया था। आरबीआई ने मामलों की गंभीरता को देखते हुए बैंक प्रबंधनों को खाते खोलने के नियमों का कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए थे। बैंक के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कर्मचारियों के कामकाज पर भी नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है।

इस तरह के मामलों में अब तक पकड़े गए 18 बैंक कर्मचारी

  • 26 फरवरी : मोहित राठी, महेश और विश्वकर्मा मौर्या (कोटक महिंद्रा गुरुग्राम)
  • 2 मार्च : मो. मुकीम, अनिकेश, रोशन (यस बैंक दिल्ली)
  • 11 मार्च : दीपक, धर्मेंद्र (यस बैंक, रोहिणी, दिल्ली)
  • 1 अप्रैल : अमित (आरबीएल, हौज खास, दिल्ली)
  • 8 अप्रैल : जेलदार बरार (एयू स्माल फाइनेंस बैंक)
  • 10 अप्रैल : हिमांशु गंगवार (यस बैंक, राजेंद्रा प्लेस दिल्ली)
  • 10 मई : देवेंद्र शर्मा (पीएनबी, जयपुर)
  • 20 मई : यूसुफ मोहम्मद चांद (यस बैंक, अंधेरी, मुंबई)
  • 23 मई : सतीश (आइडीएफसी, झुंझुनूं, राजस्थान)
  • 3 जुलाई : राहुल कुमार (एसबीआइ, गुरुग्राम)
  • 9 जुलाई : हरप्रीत (आईसीआईसीआई, मंडी गोविंदगढ़, पंजाब)
  • 27 जुलाई : उत्सव (पूर्वी कर्मी आईसीआईसीआई, इंदौर)
  • 17 सितंबर : आकाशदीप (आईसीआईसीआई, मंडी गोविंदगढ़, पंजाब)
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