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जहां बरसे पत्थर, वहां बरसे फूल... हिंसा के एक साल बाद निकली जलाभिषेक यात्रा, पुलिस ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Braj Mandal Jalabhishek Yatra साधु-संतों की अगुवाई में हरियाणा ब्रज क्षेत्र और राजस्थान के इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा में पहुंचे। शांतिपूर्ण यात्रा के लिए ढाई हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए और ड्रोन से भी नजर रखी गई। पिछले साल हिंसा को देखते हुए पुलिस प्रशासन चौकन्ना रहा। कई जगहों पर नाकेबंदी कर गाड़ियां की तलाशी ली गई।

By Vinay Trivedi Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 22 Jul 2024 06:59 PM (IST)
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गुरुग्राम के सेक्टर-10 श्री कृष्ण मंदिर से निकली ब्रजमंडल यात्रा कलश लेकर जिला नूंह के नल्हड़ मंदिर में पहुंची।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम/नूंह। सावन के पहले सोमवार पर साढ़े तीन सौ साधु-संतों की अगुवाई में ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच निकाली गई। ढाई हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में यात्रा शांतिपूर्ण यात्रा संपन्न हो गई।

रास्ते भर यात्रा की ड्रोन से निगरानी और वीडियोग्राफी कराई गई। यात्रा में जाने वाले वाहनों समेत सभी गाड़ियों की गहनता से तलाशी ली गई। पिछले साल नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर में पथराव के बाद हिंसा को देखते हुए इस बार पुलिस प्रशासन पहले से ही चौकन्ना था। इसको लेकर कई दिनों से तैयारियां की जा रही थीं। यात्रा में हरियाणा, ब्रज क्षेत्र और राजस्थान के इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

गुरुग्राम से निकाला गई यात्रा

गुरुग्राम से निकाली गई यात्रा में सोमवार सुबह आठ बजे सेक्टर-10ए श्री कृष्ण मंदिर में शहर के श्रद्धालु जमा हुए। यहां से राजीव नगर गुफा वाला मंदिर की साध्वी आत्मचेतन गिरि, सराय आश्रम के स्वामी मुक्तानंद महाराज, बाबड़ा बाकीपुर के स्वामी अमरदास महाराज, कादीपुर के स्वामी सेवादास महाराज, सराय आश्रम के स्वामी फतेनाथ महाराज और भीमगढ़ खेड़ी मंदिर की साध्वी आदिशक्ति के नेतृत्व जलाभिषेक यात्रा नूंह के लिए रवाना हुई।

आसपासके जिलों से पहुंचे श्रद्धालु

गुरुग्राम के पटौदी समेत हरियाणा के फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, पलवल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, ब्रज क्षेत्र और राजस्थान के इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा से पहुंचे। भोंडसी, सोहना, नूंह के कंवरसिका, रेवासन समेत कई जगहों पर यात्रा का स्वागत किया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया।

जिला नूंह के पहले गांव कवंरसिका में ब्रज मंडल यात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया गया

भोलेनाथ के जयकारों और भजनों के साथ झूमते-गाते हजारों श्रद्धालु सुबह साढ़े 11 बजे नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर पहुंचे। यहां गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। मंदिर में जलाभिषेक के बाद यात्रा फिरोजपुर झिरका के झीर्ण मंदिर और फिर शाम साढ़े चार बजे पुन्हाना के राधा कृष्ण शृंगार मंदिर पहुंची। 

जिला नूंह के नलहड़ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए उमड़े श्रद्धालु

यात्रा के साथ-साथ चले पुलिसकर्मी

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरुग्राम से यात्रा की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी साथ-साथ चले। जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनात थी। रास्ते में ड्रोन से भी निगरानी की गई। भोंडसी, सोहना के रायपुर, रेवासन, नूंह में नाके लगाकर यात्रा में शामिल वाहनों समेत नूंह की तरफ जाने वाली सभी गाड़ियों की तलाशी ली गई।

अफवाह न फैले, इसके लिए रविवार शाम छह बजे से ही 24 घंटे के लिए नूंह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके अलावा निगरानी के लिए जगह-जगह सीसीटी कैमरे भी लगाए गए थे। सोहना, नूंह के कई जगहों पर वज्र वाहन, वरुण वाहन, दंगा नियंत्रण वाहन, आरएएफ की टीम भी सुरक्षा व्यवस्था में लाठी और हेलमेट के साथ तैनात रही।

अरावली पहाड़ी पर कमाडों की रही तैनाती

पिछले साल 31 जुलाई 2023 को नूंह में हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा में नल्हड़ महादेव मंदिर के पास पथराव हो गया था। इसके बाद नूंह, गुरुग्राम समेत अन्य जगहों पर हिंसा फैल गई थी। इसमें छह लोग मारे गए थे और 80 से ज्यादा घायल हो गए थे। पिछले साल हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने शांतिपूर्ण यात्रा के लिए पहले से ही कमर कस ली थी।

नल्हड़ महादेव मंदिर व तिजारा रोड पर स्थित पांडवकालीन शिवमंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अरावली की वादियों की तलहटी में बने हैं। गत वर्ष उपद्रवी नल्हेश्वर मंदिर के पीछे की पहाड़ियों में छिप गए थे। इस बार इन अरावलियों पहाड़ियों की जांच व सुरक्षा के लिए ड्रोन से कड़ी नजर रखी गई।

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पहाड़ी के पास कमाडों की भी तैनाती रही। जिस भी मंदिर में यात्रा पहुंची, यहां पहले ही डाग स्क्वायड तैनात थे। वहीं, नूंह में भारी वाहनों के प्रवेश को लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई थी। वाहनों के न चलने और 90 प्रतिशत दुकानें बंद होने से नूंह में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात दिखे। बताया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वत: दुकानों को बंद किया था।

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