Move to Jagran APP

गुरुग्राम में जमकर गरजा अथॉरिटी का बुलडोजर, तोड़े गए अवैध निर्माण; एसपीआर से हटाया अतिक्रमण

गुरुग्राम के सकतपुर में अवैध निर्माण पर जीएमडीए का बुलडोजर चला। एसपीआर और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन पर भी अतिक्रमण हटाया गया। दो किलोमीटर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। सदर बाजार में दो दिन पहले हटाए गए अतिक्रमण फिर से लौट आए हैं। निर्माण स्थलों से उड़ रही धूल पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 15 बिल्डरों को नोटिस भेजे हैं।

By Sandeep Kumar Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 12 Nov 2024 02:57 PM (IST)
Hero Image
अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की एन्फोर्समेंट टीम ने सोमवार को सकतपुर क्षेत्र में किए जा रहे अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की। इसके साथ ही एसपीआर और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन पर अतिक्रमण हटाया। डीटीपी आरएस बाठ ने बताया कि सकतपुर में अवैध निर्माण को रोका नहीं जा रहा था टीम ने लगभग 60 मीटर लंबी चारदीवारी को ढहाने के साथ ही कॉलम भी तोड़े गए।

दो किलोमीटर क्षेत्र को कराया अतिक्रमण मुक्त

इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा। इसके अलावा टीम ने एसपीआर गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन पर किए गए अतिक्रमण को हटाया। यहां पर टीम ने 15 खोखे, दो सर्विस स्टेशन और 30 टीन शेड को तोड़ने की कार्रवाई की और लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करवाया। बादशाहपुर चौक से सेक्टर 67 टी प्वॉइंट तक सोहना रोड भी अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया।

तोड़फोड़ के दो दिन बाद सदर बाजार में हुआ अतिक्रमण

सदर बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए दो दिन पहले चले तोड़फोड़ अभियान का कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है। बाजार में फिर से अतिक्रमण हो गया है। दुकानदारों ने दुकानों के आगे सामान रख लिया है।

रेहड़ियों के बाजार की गलियों में खड़ा होने के कारण पैदल चलने का रास्ता भी नहीं बचा है। बाजार की 30 फुट चौड़ी गलियां छह से सात फुट में सिमट गई हैं। बाजार में आटो रिक्शा, दुपहिया वाहन से लेकर कारें और बड़े वाहन दिनभर घूमते हैं। इसके कारण ग्राहकों को परेशानी होती है।

अतिक्रमण के कारण बाजार में लगता है जाम

स्ट्रीट्स फॉर पीपल चैलेंज के तहत वर्ष 2021 में नगर निगम ने सदर बाजार को चलने योग्य बनाने और इसके सुंदरीकरण करने के लिए एक सप्ताह का ट्रायल किया था। बाजार में गमले और बेंच आदि लगाए गए थे, लेकिन योजना इससे आगे नहीं बढ़ी और बाजार व्यवस्थित नहीं हो पाया। बता दें कि बृहस्पतिवार शाम को जीएमडीए और नगर निगम की टीम ने सदर बाजार में अतिक्रमण हटाने के साथ ही अतिक्रमणकारियों के सामान को भी जब्त किया था।

हरियाणा म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट के अंतर्गत अतिक्रमण करने वालों के चालान काटने और दुकानों को भी सील करने का भी प्रविधान है। अतिक्रमण के कारण सदर बाजार में दिनभर ट्रैफिक जाम रहता है।

सदर बाजार में यह है परेशानी

  • अतिक्रमण के कारण लोगों को पैदल चलने की जगह नहीं मिलती है।
  • ज्यादातर दुकानों के आगे वाहनों की अवैध पार्किंग रहती है।
  • नई स्ट्रीट लाइटें लगाने की जरूरत है।
  • शौचालयों की सुविधा बेहतर करने की आवश्यकता है।
  • बाजार की सड़कें टूटी हुई हैं। सफाई व्यवस्था बदहाल है।
  • नियमानुसार बाजारों में सुबह के अलावा रात को भी सफाई होनी चाहिए।

इन विभागों की है अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी

सेक्टरों और कालोनियों की आंतरिक सड़कें निगम के अधीन हैं। निगम क्षेत्र के बाजारों में भी अतिक्रमण निगम को हटाना है। मुख्य सड़कों और ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जीएमडीए को करनी है।

निर्माण साइटों पर उड़ रही डस्ट, पोर्टल पर ‘खानापूर्ति’

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के नियम धूल में उड़ रहे हैं। बड़े बिल्डर ग्रेप नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। निर्माण साइटों से डस्ट (धूल) उड़ने के चलते 15 बिल्डरों को अब हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस भेजे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर इसके बाद भी निर्माण साइटों पर प्रदूषण की रोकथाम के उपाय नहीं किए गए तो जुर्माना लगाने के साथ ही प्रोजेक्ट को बंद भी किया जा सकता है।

नियमों के उल्लंघन पर कम से कम 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सभी निर्माण साइट बीस हजार वर्ग मीटर या इससे ज्यादा बड़ी हैं। बता दें कि 500 वर्ग मीटर या इससे बड़े प्लाट धारकों या बिल्डरों को निर्माण या तोड़फोड़ करने से पहले हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। गुरुग्राम में सबसे ज्यादा प्रदूषण निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल के कारण होता है।

500 वर्ग मीटर से बीस हजार वर्ग मीटर तक की निर्माण साइटों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी नगर निगम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की है, लेकिन नियमों को ताख पर निर्माण करने के बावजूद ऐसे बिल्डरों पर सख्ती नहीं बरतने के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।