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सावधान: फर्जी पुलिस अधिकारी बन ठगी कर रहे साइबर ठग, सामने आए कई मामले; पुलिस अफसरों ने लोगों से की ये अपील

Gurugram News गुरुग्राम में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने के मामले में सामने आ रहे हैं। शहर में कई धोखाधड़ी के मामले में सामने आ चुके हैं। पुलिस ने लोगों से कहा कि ऐसी कॉल आने पर घबराने की जरूरत नहीं है। अगर कोई ऐसी कॉल आती है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। पढ़िए पुलिस ने और क्या कहा है?

By Vinay Trivedi Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 10 Sep 2024 11:13 PM (IST)
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फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर साइबर ठगी करने के मामले में सामने आ रहे हैं। फाइल फोटो

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर साइबर ठग इतनी चालाकी से लोगों को झांसे में ले रहे हैं, और धोखाधड़ी कर रहे हैं कि किसी को इसका अहसास ही नहीं होता कि वह फर्जी हैं या असली। उन्हें वाट्सएप या वीडियाे काल कर डिजिटल अरेस्ट कर इतना डरा देते हैं कि वह कुछ सोच हीं नहीं पाते। केस से नाम और पुलिस के पचड़े से निकलने के लिए वह रुपये ट्रांसफर कर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

इस साल गुरुग्राम में भी साइबर ठगों द्वारा लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के कई मामले सामने आए हैं। ठगों ने आम लोगों से लेकर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों को भी इसका निशाना बनाया है। साइबर ठगों ने बीते दिनों ही पंजाब के पूर्व डीजी जेल को भी डिजिटल अरेस्ट कर उनसे ठगी कर ली। सभी मामलों में इनका तरीका केस में फंसे होने का डर दिखाना है। इसके लिए ये विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। कभी पार्सल में ड्रग्स भेजने की बात कहते हैं तो कभी मनी लांड्रिंग केस में फंसे होने की।

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले

5 सितंबर

पंजाब के सेवानिवृत्त डीजी जेल एपी भटनागर को कस्टम विभाग का अधिकारी बनकर फोन किया। उन्हें उनके नाम से बुक हुए पार्सल में ड्रग्स और फर्जी पार्सपोर्ट मलेशिया भेजे जाने की बात कही। दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे ढाई लाख रुपये खाते की जांच के नाम पर ले लिए गए।

27 अगस्त

साइबर ठगों ने सेक्टर 36 निवासी अजीत कुमार को उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में होने का डर दिखाकर अपने को क्राइम ब्रांच का बताकर ठगी कर ली। खातों की जांच के नाम पर 88 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।

31 जुलाई

मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर गुरुग्राम के साउथ सिटी फेस दो निवासी अजय सिंह राठौड़ से दस लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़ित को उसके बैंक खाते और आधार कार्ड का मनी लांड्रिंग में इस्तेमाल होने का डर दिखाया गया। डिजिटल अरेस्ट कर जांच के दौरान रुपये ट्रांसफर कराए गए।

11 अप्रैल

कूरियर में गैरकानूनी सामान और ड्रग्स बताकर सेक्टर 40 निवासी शशांक यादव से 24 लाख रुपये ठग लिए गए। आरोपितों ने कथित पुलिस अधिकारी बनकर जांच के नाम पर वीडियो काल कर युवक को डिजिटल अरेस्ट भी किया। खातों की जानकारी ली और पैसे ट्रांसफर कराए।

अगर कोई भी व्यक्ति आपको वाट्सएप काल कर पुलिस अधिकारी बनकर फोन कर रहा है तो सबसे पहले फोन काट दें। नार्मल काल से बात करें। संदिग्ध लगने पर उसकी शिकायत पुलिस के हेल्प लाइन नंबर 1930 पर दें। कोई भी अंजान लिंक न खोलें और न ही किसी के कहने पर जांच के नाम पर रुपये ट्रांसफर करें। वैसे सभी मामलों की पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही आरोपितों को पकड़ा जाएगा। कई मामलों में साइबर ठगों को गिरफ्तार भी किया गया है। - सिद्धांत जैन, डीसीपी साइबर क्राइम