दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले सावधान, तय स्पीड से अधिक तेज दौड़ाएंगे वाहन तो सीधे घर पहुंचेगा चालान
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) पर 15 अक्टूबर के बाद 120 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक रफ्तार में वाहन चलाना महंगा पड़ेगा। अधिक रफ्तार होते ही चालान हो जाएगा। इसके लिए व्हीकल स्पीड डिडक्शन सिस्टम (वीएसडीएस VSDS) विकसित करने का काम 10 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। अलीपुर से फिरोजपुर झिरका तक और अलवर से दौसा तक सिस्टम विकसित करने का काम पूरा हो चुका है।
By Aditya RajEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 25 Sep 2023 08:19 PM (IST)
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) पर 15 अक्टूबर के बाद 120 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक रफ्तार में वाहन चलाना महंगा पड़ेगा। अधिक रफ्तार होते ही चालान हो जाएगा। इसके लिए व्हीकल स्पीड डिडक्शन सिस्टम (वीएसडीएस, VSDS) विकसित करने का काम 10 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।
अलीपुर से फिरोजपुर झिरका तक और अलवर से दौसा तक सिस्टम विकसित करने का काम पूरा हो चुका है। केवल फिरोजपुर झिरका से अलवर के बीच का कुछ हिस्सा बाकी है। 10 किलोमीटर के अंतराल पर सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
अलीपुर से दौसा तक का हिस्सा है चालू
जिले में सोहना के नजदीक गांव अलीपुर से लेकर मुंबई तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे विकसित किया जा रहा है। इसका अलीपुर से लेकर राजस्थान में दौसा तक का हिस्सा 12 फरवरी से चालू किया जा चुका है। अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित है, लेकिन अधिकतर वाहन 150 किलोमीटर से भी अधिक रफ्तार में दौड़ रहे हैं।
9 हजार चालान हुए
राजस्थान इलाके में यानी अलवर से दौसा तक इंटरसेप्टर की सुविधा उपलब्ध है। इसके माध्यम से अब तक नौ हजार वाहनों का चालान किया जा चुका है। प्रतिदिन दो से तीन हादसे हो रहे हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है।रफ्तार अधिक होते ही कंट्रोल रूम को जाएगा मैसेज
इसे देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई, NHAI) पूरे रूट पर वीएसडीएस विकसित करने पर जोर देना शुरू कर दिया है। सिस्टम के चालू होने के बाद निर्धारित रफ्तार से अधिक होते ही नंबर प्लेट एनएचएआई के कंट्रोल रूम में दिख जाएगी।
कंट्रोल रूम को आगे ट्रैफिक पुलिस के सिस्टम से ऑनलाइन जोड़ दिया जाएगा। इस तरह जैसे ही किसी की वाहन की रफ्तार अधिक होगी, चालान हो जाएगा। सिस्टम विकसित करने के साथ ही राजस्थान इलाके की तरह ही हरियाणा इलाके में भी ट्रैफिक पुलिस से इंटरसेप्टर से नजर रखने को कहा गया है, ताकि कहीं भी वाहनों की रफ्तार 120 किमी से अधिक न हो सके।एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुकेश कुमार मीणा का कहना है कि 15 अक्टूबर के बाद वाहनों की रफ्तार में काफी हद तक नियंत्रण लग जाएगा। ऑनलाइन चालान सीधे लोगों के पास पहुंचेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।