... तो इस वजह से किशोर बन रहे हिंसक, किशोरों ने युवक-युवतियों को मार डाला; जानिए पूरा मामला
बच्चों और किशोरों के हिंसक होने का कारण एक वीडियो गेम्स और रील्स भी है। किशोर इंटरनेट मीडिया पर आए दिन हिंसक वीडियो बनाकर पोस्ट करते हैं। गुरुग्राम में पिछले 15 दिनों में दो ऐसे मर्डर हुए हैं जिन्हें किशोरों ने किया है। उसमें उनके हिंसक होने का कारण हिंसक वीडियो भी है। इस तरह किशोर हिंसक होकर परिवारों को उजाड़ दे रहे हैं।
ऑनलाइन वीडियो देखकर रची साजिश
लड़की के सामने अपमान नहीं सह सका किशोर
अकेलेपन के कारण बच्चे देखते हैं मोबाइल
गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में घर का खर्च चलाने के लिए दंपती काम करते हैं, ऐसे में बच्चे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। वे मोबाइल और टीवी में व्यस्त होकर किसी भी तरह का वीडियो देखते हैं और फिर उसी तरह की हरकते करते हैं। वहीं माता-पिता में अक्सर झगड़े भी बच्चों की मनोदशा पर प्रभाव डालते हैं।ये भी पढ़ें- दिल्ली के कृष्ण विहार से एक बच्चे को किया अगवा, वृंदावन में दो बार बेचा; दंपती समेत पांच गिरफ्तार सलाह-- बच्चों को ज्यादा देर मोबाइल देखने के लिए न दें
- समय-समय पर चेक करें कि बच्चे किस तरह का कंटेंट देख रहे हैं
- लैपटॉप या कंप्यूटर पर भी नजर बनाए रखें
- वह किससे बात कर रहे हैं, किसके साथ बच्चों की दोस्ती है, उनसे भी समय-समय पर बातचीत करें
- स्कूल में बच्चों के बारे में फीडबैक लें
किशोरों में हिंसक प्रवृत्ति कई वजहों से बढ़ती है। आमतौर पर जितने भी रील्स इंटरनेट मीडिया पर आते हैं, वह हिंसा से भरे होते हैं। कहीं मारपीट के वीडियो हैं तो कहीं गोली मारने के। बच्चे इन्हीं सब चीजों से सीखते हैं। उनका हिंसक प्रभाव वीडियो गेम्स भी बढ़ता है। इस समय तो थ्रीडी वीडियो गेम्स आ गए हैं। इसमें बच्चा अपना अवतार जेनरेट कर खेलता है। इससे उसे उस में दुनिया में जीने का आभास होता है। हारने के दौरान वह और हिंसक हो जाता और कुछ भी करने से पहले सोचता नहीं। एकाकी परिवार और माता-पिता दोनों के कामकाज करने के कारण बच्चों को समय न मिलना भी इसका एक कारण है। दूसरा खेलने की कमी और सहनशक्ति कम होने से भी इस तरह के मामले सामने आते हैं। -डॉ. ब्रह्मदीप सिंधू, वरिष्ठ मनोचिकित्सक