... तो इस वजह से किशोर बन रहे हिंसक, किशोरों ने युवक-युवतियों को मार डाला; जानिए पूरा मामला
बच्चों और किशोरों के हिंसक होने का कारण एक वीडियो गेम्स और रील्स भी है। किशोर इंटरनेट मीडिया पर आए दिन हिंसक वीडियो बनाकर पोस्ट करते हैं। गुरुग्राम में पिछले 15 दिनों में दो ऐसे मर्डर हुए हैं जिन्हें किशोरों ने किया है। उसमें उनके हिंसक होने का कारण हिंसक वीडियो भी है। इस तरह किशोर हिंसक होकर परिवारों को उजाड़ दे रहे हैं।
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। आज इंटरनेट मीडिया पर हजारों ऐसी रील्स हैं, जिसमें हिंसा की प्रवृत्ति दिखाई जाती है। वीडियो गेम्स और फिल्मों की कॉपी कर बड़ों के साथ-साथ किशोर भी उन्हीं के तरीके से रील्स बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। इससे वह खुद तो बिगड़ ही रहे हैं और साथ ही निजी जिंदगी में भी थोड़ी सी अनबन होने पर किशोर हिंसक प्रवृत्ति की वारदात कर दूसरे परिवारों को भी उजाड़ रहे हैं।
अभी हाल ही में 15 दिनों में दो ऐसे मामले आए, जिसमें किशोरों ने एक लड़की और एक लड़के की जान ले ली। एक जुलाई को जहां 16 वर्षीय किशोर ने राजेंद्रा पार्क थाना क्षेत्र में पास ही के फ्लैट में रहने वाली नौ वर्षीय लड़की की जान ले ली।
वहीं, 10 जुलाई की रात सेक्टर-40 में 15 वर्षीय किशोर ने अपने 16 वर्षीय दोस्त को मौत के घाट उतार दिया। दोनों ही मामलों में किशोर हत्यारोपित हैं।
ऑनलाइन वीडियो देखकर रची साजिश
राजेंद्रा पार्क वाले हत्याकांड में नाबालिग आरोपी वीडियो गेम्स देखता था और मोबाइल पर ऑनलाइन जुआ भी खेलता था। जुए में वह अपने दोस्त के 60 हजार रुपये हार गया था। इसलिए उसने ऑनलाइन वीडियो देखकर चोरी की साजिश रची। चोरी करने पहुंचे आरोपी ने लड़की से छेड़छाड़ भी की।
उसके चिल्लाने पर नाबालिग ने लड़की की चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को बेड पर डालकर आग लगा दी।
लड़की के सामने अपमान नहीं सह सका किशोर
वहीं, सेक्टर-40 में लड़की के सामने अपने साथ गलत व्यवहार होने पर किशोर को इतना ज्यादा गुस्सा आया कि उसने दोस्त की हत्या की साजिश रच ली। उसने नया चाकू खरीदा और बीयर के बहाने घर से बुलाकर अपने साथ ले गया। यहां उसने चाकू से गला काटकर हत्या कर दी।
उसने गले के साथ-साथ पेट भी गहरे घाव किए। सूत्रों के अनुसार यह भी इंटरनेट मीडिया से काफी प्रभावित था। आरोपित की दोस्ती भी उस लड़की से इंस्टाग्राम पर ही हुई थी।
अकेलेपन के कारण बच्चे देखते हैं मोबाइल
गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में घर का खर्च चलाने के लिए दंपती काम करते हैं, ऐसे में बच्चे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। वे मोबाइल और टीवी में व्यस्त होकर किसी भी तरह का वीडियो देखते हैं और फिर उसी तरह की हरकते करते हैं। वहीं माता-पिता में अक्सर झगड़े भी बच्चों की मनोदशा पर प्रभाव डालते हैं।
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सलाह-
- बच्चों को ज्यादा देर मोबाइल देखने के लिए न दें
- समय-समय पर चेक करें कि बच्चे किस तरह का कंटेंट देख रहे हैं
- लैपटॉप या कंप्यूटर पर भी नजर बनाए रखें
- वह किससे बात कर रहे हैं, किसके साथ बच्चों की दोस्ती है, उनसे भी समय-समय पर बातचीत करें
- स्कूल में बच्चों के बारे में फीडबैक लें
किशोरों में हिंसक प्रवृत्ति कई वजहों से बढ़ती है। आमतौर पर जितने भी रील्स इंटरनेट मीडिया पर आते हैं, वह हिंसा से भरे होते हैं। कहीं मारपीट के वीडियो हैं तो कहीं गोली मारने के। बच्चे इन्हीं सब चीजों से सीखते हैं। उनका हिंसक प्रभाव वीडियो गेम्स भी बढ़ता है। इस समय तो थ्रीडी वीडियो गेम्स आ गए हैं। इसमें बच्चा अपना अवतार जेनरेट कर खेलता है। इससे उसे उस में दुनिया में जीने का आभास होता है। हारने के दौरान वह और हिंसक हो जाता और कुछ भी करने से पहले सोचता नहीं। एकाकी परिवार और माता-पिता दोनों के कामकाज करने के कारण बच्चों को समय न मिलना भी इसका एक कारण है। दूसरा खेलने की कमी और सहनशक्ति कम होने से भी इस तरह के मामले सामने आते हैं। -डॉ. ब्रह्मदीप सिंधू, वरिष्ठ मनोचिकित्सक