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Gurugram News: किसानों के दिल्ली कूच से साइबर सिटी को 200 करोड़ का नुकसान, 10 दिन बाद स्थिति और होगी खराब

किसानों के दिल्ली कूच से साइबर सिटी को 200 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। पंजाब से कारोबार पूरी तरह ठप है। वहां से न माल आ पा रहा है और न ही जा पा रहा है। हिमाचल प्रदेश जम्मू-कश्मीर पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के भी अधिकतर इलाकों में ट्रांसपोर्ट नहीं जा पा रहे हैं। कुछ इलाकों में जा पा रहे हैं तो काफी दूरी तय करके।

By Aditya Raj Edited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 15 Feb 2024 10:23 PM (IST)
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किसानों के दिल्ली कूच से साइबर सिटी को 200 करोड़ का नुकसान।
आदित्य राज, गुरुग्राम। किसानों के दिल्ली कूच की घोषणा से चार दिनों के भीतर साइबर सिटी को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यदि भय का माहौल 10 दिन से अधिक रहा फिर प्रतिदिन सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान साइबर सिटी को झेलना पड़ेगा।

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड के कई इलाकों में न माल जा पा रहा है और न ही वहां से माल आ पा रहा है। जिन इलाकों में माल जा पा रहा है वह काफी दूरी तय करके। इस वजह से माल ढुलाई का खर्च काफी अधिक पड़ रहा है। उत्तर भारत से दक्षिण भारत के इलाकों में भी माल की आवाजाही पर काफी असर पड़ रहा है।

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ट्रांसपोर्टेशन के ऊपर सबसे अधिक असर

साइबर सिटी ऑटोमोबाइल एवं गारमेंट का हब है। दोनों सेक्टर से हजारों ट्रांसपोर्ट जुड़े हैं। माल्ट एक्सट्रैक्ट का भी हब साइबर सिटी है। किसानों की दिल्ली कूच से ट्रांसपोर्टेशन के ऊपर सबसे अधिक असर है। पंजाब से कारोबार पूरी तरह ठप है। वहां से न माल आ पा रहा है और न ही जा पा रहा है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के भी अधिकतर इलाकों में ट्रांसपोर्ट नहीं जा पा रहे हैं। कुछ इलाकों में जा पा रहे हैं तो काफी दूरी तय करके। इससे ढुलाई का खर्च काफी अधिक पड़ रहा है।

सप्लाई चेन टूटने से होगा भारी नुकसान 

उद्यमियों का कहना है कि अभी भी औद्योगिक इकाइयों के पास रॉ-मेटेरियल है। सभी के पास 10 से 15 दिन का स्टॉक होता है। यदि माहौल इसी तरह का रहा अगले कुछ दिनों तक रहा वैसे में सप्लाई चेन पूरी तरह टूट जाएगा। सप्लाई चेन टूटने का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। एक बार सप्लाई चेन टूटने का असर लगातार कई दिनों तक रहता है।

लुधियाना से माल निकलना पूरी तरह ठप

पंजाब का लुधियाना ऑटो कंपोनेंट का ही नहीं बल्कि गारमेंट हब भी है। साइबर सिटी से लेकर पूरे देश में लुधियाना से टीशर्ट सहित कई प्रकार के कपड़े जाते हैं। लुधियाना से माल निकलना पूरी तरह ठप है। इसी तरह मंडी गोविंदगढ़ से कच्चा लोहा पूरे देश में पहुंचता है। वहां से भी माल निकलना पूरी तरह ठप है।

एक बार फिर उद्योग जगत संकट में है। पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कोरोना संकट से भी भारी नुकसान हुआ था। अब नया संकट सामने है। इसे झेलना बहुत मुश्किल होगा। जितनी जल्द हो माहौल को बेहतर किया जाए। माल का पेमेंट जब रूक जाएगा फिर कारोबार ही ठप हो जाएगा।  - दिनेश अग्रवाल, उद्योगपति, आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

पंजाब में ट्रांसपोर्ट का जाना सौ फीसद बंद है। आसपास के कई राज्यों में भी बहुत कम ट्रांसपोर्ट जा पा रहे हैं। यही नहीं उत्तर भारत से दक्षिण भारत में भी ट्रांसपोर्ट के जाने में परेशानी हो रही है। पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड होकर ही उत्तर भारत से दक्षिण भारत के अधिकतर इलाकों में जा सकते हैं। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 40 प्रतिशत कारोबार ठप है। - विनोद शर्मा, उपाध्यक्ष, आल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

अधिकतर उद्योग के पास 10 से 15 दिन का ही रॉ मेटेरियल होता है। इसके बाद यदि माल आना बंद रहता है तो सप्लाई चेन टूट जाती है। सप्लाई चेन टूटना उद्योग जगत के लिए घातक होता है। इतना नुकसान होता है कि लंबे समय तक उसकी भरपाई करनी होती है। पंजाब के विभिन्न इलाकों से माल आना पूरी तरह बंद हो चुका है। - दीपक मैनी, चेयरमैन, प्रोग्रेसिव फेडरेशन आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज

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