Gurugram Crime: 'यू आर अंडर अरेस्ट', रिटायर्ड DG की दो घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी; ठगों ने यूं ठगे ढाई लाख
Gurugram Crime News पंजाब के पूर्व डीजी जेल एपी भटनागर को साइबर ठगों ने अंतरराष्ट्रीय मानव और ड्रग्स तस्करी गिरोह में फंसे होने का डर दिखाकर जांच के नाम पर ₹2.5 लाख की चपत लगाई। कथित रूप से सीबीआई अफसर बनकर ठगों ने उन्हें दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट भी किया। साइबर थाना ईस्ट पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगों ने पंजाब के सेवानिवृत्त डीजी (जेल) एपी भटनागर को अंतरराष्ट्रीय मानव और ड्रग्स तस्करी गिरोह में फंसे होने का डर दिखाकर जांच के नाम पर उनसे ढाई लाख रुपये की ठगी कर ली। कथित रूप से सीबीआई अफसर बनकर ठगों ने उन्हें दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट भी किया। साइबर थाना ईस्ट पुलिस मामले की जांच कर रही है।
साइबर पुलिस के अनुसार, पंजाब के पूर्व डीजी जेल एपी भटनागर (80) इस समय गुरुग्राम के सेक्टर-55 में रह रहे हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि पांच सितंबर को उनके पास कथित रूप से कस्टम डिपार्टमेंट से फोन आया। फोन करने वाले कथित अधिकारी ने कहा कि उनके नाम से दिसंबर 2023 में दिल्ली से मलेशिया के लिए एक पार्सल बुक कराया गया था।
वसंतकुंज थाने से संपर्क करने को कहा
इसमें उनके आधार कार्ड और फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया है। बताया कि इस पार्सल में नशीला पदार्थ एमडीएम, 16 फर्जी पासपोर्ट, 56 एटीएम कार्ड हैं। एपी भटनागर को साउथ दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस थाने का नंबर देकर उनसे संपर्क करने के लिए कहा।
मानव तस्करी में शामिल होना बताया
जब उन्होंने दिए गए नंबर पर फोन किया तो बताया गया कि इस समय अंतरराष्ट्रीय मानव और नशा तस्करी के कई गैंग सक्रिय हैं। उनमें उनका नाम भी आ रहा है। जब एपी भटनागर ने अपनी पहचान बताई तो उनकी कॉल को कथित रूप से मुंबई के सीबीआई अफसर के पास ट्रांसफर कर दी गई।
दो घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट
सीबीआई अफसर ने करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और कहा कि उन्हें खातों की जांच करानी होगी। इसके नाम पर उनसे ढाई लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए गए। कहा गया कि जांच पूरी होने के बाद राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन रुपये ट्रांसफर होने के बाद फोन कॉल रिसीव होनी बंद हो गई।
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सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी से डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला नहीं है। अभी हाल ही में नोएडा में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल एनके धीर को डिजिटल अरेस्ट कर इसी तरह से निशाना बनाया गया और करीब दो करोड़ रुपये ठगे गए।