प्रशासन की अनदेखी, पानी सूखने से गुरुग्राम की दमदमा झील में बोटिंग नहीं; बैटिंग कर रहे बच्चे
दमदमा झील पूरी तरह सूख चुकी है। इससे यह पर्यटक स्थल नहीं बल्कि खेल का मैदान नजर आ रही है। कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि पहले यहां झील रही होगी। पहले भी पानी कम हुआ है लेकिन पूरी तरह झील कभी नहीं सूखी। आसपास के लोगों का कहना है कि अरावली की सुरक्षा पर ध्यान न दिए जाने का नतीजा है दमदमा झील की बदहाली।
झील तक पानी पहुंचने के रास्ते लगभग बंद हाे गए
इस वजह से इसमें कभी भी पानी की कमी नहीं होती थी। पिछले कुछ सालों के दौरान देखते ही देखते अरावली पहाड़ी क्षेत्र में फार्म हाउसों की बाढ़ सी आ गई। इससे झील तक पानी पहुंचने के रास्ते लगभग बंद हाे गए। अब नजदीक की पहाड़ी से ही पानी झील तक पहुंचता है।बोरवेल के ऊपर नहीं दिया जा रहा ध्यान
वर्षा का पानी जुलाई से लेकर लगभग मार्च तक झील में रहता है। पानी कम होने पर अप्रैल से जून के बीच झील के सूखने की आशंका रहती है। इसके लिए लंबे समय से लोगों की मांग है कि झील में चारों तरफ एक-एक बोरवेल कराने के ऊपर ध्यान देना चाहिए। इससे झील में कुछ न कुछ पानी हमेशा रहेगा। मैं हिसार का रहने वाला हूं। दमदमा झील के बारे में बहुत सुना था। गुरुग्राम किसी काम से आया था। कुछ समय मिला तो सोचा कि झील में बोटिंग कर लूं। यहां आकर बहुत निराशा हुई। झील पूरी तरह सूख गई होगी, ऐसा सोच ही नहीं सकता था। इस वजह से पहुंच गया। देखकर ऐसा लगता है जैसे क्रिकेट का मैदान हो। इस बारे में शासन-प्रशासन को विचार करना चाहिए।दमदमा झील इस तरह से खूख जाएगी, इस बारे में सपने में भी कोई सोच नहीं सकता। साइबर सिटी की पहचान इस झील से भी है। शासन-प्रशासन को इस बारे में विचार करना चाहिए। झील का पानी कभी नहीं खत्म होना चाहिए। पानी कभी न खत्म हो, इसके लिए स्थायी इंतजाम करना चाहिए। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो इससे शहर की छवि को काफी नुकसान होगा।
- एएस मिश्रा, अधिवक्ता
इस बार झील का पानी पूरी तरह सूख गया है। ऐसा आगे न हो, इसके लिए जीएमडीए कैनाल से पानी झील तक पहुंचाने के ऊपर काम कर रहा है। अगले साल तक इसके ऊपर काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद कभी पानी की कमी नहीं रहेगी। पर्यटकों का आकर्षण दमदमा झील की तरफ और बढ़े, इस बारे में भी योजना बनाकर काम किया जाएगा।
- निशांत कुमार यादव, उपायुक्त, गुरुग्राम