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Delhi-NCR के लोगों के लिए गुड न्यूज, दिसंबर तक बनकर तैयार होगा द्वारका एक्सप्रेस-वे; जानें क्या हैं इसकी खासियत

द्वारका एक्सप्रेस-वे का दिल्ली भाग दिसंबर तक तैयार हो जाएगा जिससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव 30 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है। सुरंग के निर्माण में देरी के कारण प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका लेकिन अब इसे हर हाल में दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे है जिसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर पर बना है।

By Aditya Raj Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 25 Oct 2024 06:03 PM (IST)
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दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा द्वारका एक्सप्रेस-वे।
आदित्य राज, गुरुग्राम। अगले दो महीने के भीतर यानी दिसंबर तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का दिल्ली भाग भी तैयार हो जाएगा। अब दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से पालम एयरपोर्ट को सीधे जोड़ने के लिए बनाई जा रही सुरंग का तीन से चार प्रतिशत काम रह गया है। प्रोजेक्ट पूरा होने से एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव 30 प्रतिशत तक कम हाेने की उम्मीद है। इससे जहां ट्रैफिक जाम से कुछ हद तक निजात मिलेगी, वहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।

दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने से लेकर गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक तक लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इसका गुरुग्राम भाग चालू हो चुका है। दिल्ली भाग का ऊपरी हिस्सा तैयार है। सुरंग के निर्माण में देरी होने से प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हाे सका अन्यथा गत वर्ष दिसंबर तक ही प्रोजेक्ट पूरा होना था।

कार सीधे एयरपोर्ट पहुंचे, इसका खासा ध्यान

द्वारका एक्सप्रेस-वे से कारें सीधे एयरपोर्ट पहुंचें, इसे ध्यान में रखकर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल कारें दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से होती हुई एयरपोर्ट तक पहुंचती हैं। सुरंग चालू होने से द्वारका एक्सप्रेस-वे की तरफ से एयरपोर्ट जाने वाली हजारों कारों का दबाव दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से कम हो जाएगा।

सुरंग की कुल लंबाई लगभग किलोमीटर है। इसमें से दिल्ली के द्वारका की तरफ से साढ़े तीन किलोमीटर का हिस्सा कई महीने पहले तैयार हो चुका है। शिवमूर्ति के नजदीक से लेकर एयरपोर्ट तक के भाग का ही कुछ काम बाकी है।

दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद सफी का कहना है कि दिसंबर तक हर हाल में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य सामने रखकर काम किया जा रहा है। पूरी उम्मीद है कि दिसंबर के दाैरान सुरंग का निर्माण पूरा होते ही पूरे रूट पर वाहन दौड़ने लगेंगे।

सिंगल पिलर पर बना पहला एक्सप्रेस-वे

यह देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे है जिसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर पर बना है। एक्सप्रेस-वे की मजबूती को लेकर दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुणा अधिक है। बुर्ज खलीफा के निर्माण में जितने कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था उससे छह गुणा अधिक यानी 20 लाख सीयूएम का इस्तेमाल किया गया है।

करीब 30 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे 

यह देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है। 18.9 किलोमीटर भाग गुरुग्राम में, बाकी 10.1 किलोमीटर भाग दिल्ली में पड़ता है। 23 किलोमीटर एलिवेटेड और बाकी भूमिगत (टनल) है। गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर टोल प्लाजा बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। बताया जाता है कि अगले महीने तक टोल प्लाजा का निर्माण पूरा हो जाएगा।

द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक का बेहतर उदाहरण है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सोहना एवं मानेसर की तरफ से दिल्ली जाने वाले लोगों को एक घंटे की बचत होगी। इससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे के ऊपर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। निर्माण में बेहतर तकनीक के इस्तेमाल से ध्वनि प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया है। जहां तक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे को ट्रैफिक दबाव से पूरी तरह मुक्त करने का सवाल है तो इसके लिए एक्सप्रेस-वे को एलिवेटेड करना होगा।  जेएस सुहाग, जांच अधिकारी (पैनल पर) और पूर्व तकनीकी सलाहकार, एनएचएआई

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