इस मामले में द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट बुर्ज खलीफा-एफिल टावर को भी पछाड़ देगा, लागत आएगी लगभग 9000 करोड़
द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट इस साल के भीतर नहीं बल्कि अगले साल मार्च तक तैयार होगा। केंद्रीय Dwarka Expressway सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने प्रोजेक्ट को इस साल के भीतर पूरा कराने का लक्ष्य रखा था लेकिन निर्माण कंपनियों की लापरवाही उनके लक्ष्य के ऊपर भारी पड़ गई। अभी 20 प्रतिशत से अधिक काम बाकी है।
By Aditya RajEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 17 Sep 2023 09:13 PM (IST)
गुरुग्राम, आदित्य राज। Dwarka Expressway Project: द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट इस साल के भीतर नहीं बल्कि अगले साल मार्च तक तैयार होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने प्रोजेक्ट को इस साल के भीतर पूरा कराने का लक्ष्य रखा था, लेकिन निर्माण कंपनियों की लापरवाही उनके लक्ष्य के ऊपर भारी पड़ गई। अभी 20 प्रतिशत से अधिक काम बाकी है।
एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए बनाई जा रही सुरंग का काम भी 20 प्रतिशत से अधिक बाकी है। एक्सप्रेस-वे के गुरुग्राम हिस्से को तो इस साल मई में ही चालू किया जाना था, लेकिन बताया जाता है कि अभी कम से कम दो महीने और लगेंगे।
नौ हजार करोड़ की लागत से हो रहा तैयार
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (Delhi Gurugram Expressway) पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। काम तेजी और बेहतर तरीके से हो, इसे ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट को दो हिस्से में बांटा गया है।
Marvel of Engineering: The Dwarka Expressway! A State-of-the-Art Journey into the Future 🛣#DwarkaExpressway #PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/Qhgd77WatW
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 20, 2023
दोनों कंपनियां समय पर नहीं कर पाई काम
गुरुग्राम हिस्से की जिम्मेदारी नामी कंपनी एलएंडटी (L&T) के पास है, जबकि दिल्ली हिस्से की जिम्मेदारी भी नामी कंपनी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पास है। दोनों कंपनियां समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने में विफल साबित हो गईं।गडकरी करते रहे निरीक्षण
दोनों हिस्से में निर्माण कार्य के दौरान हादसा होने से लगातार कई दिनों तक कार्य प्रभावित रहे। यह हाल तब जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समय-समय पर प्रोजेक्ट का स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। कई बार प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक कर चुके हैं।मार्च तक और झेलेंगे ट्रैफिक का दबाव
मई महीने के दौरान निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए गडकरी ने कहा था कि अगले छह महीने के भीतर प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई, NHAI) के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद सफी का कहना है कि मार्च तक प्रोजेक्ट पूरा होगा। यानी मार्च तक लोगों को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव झेलना पड़ेगा।देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे (Urban Expressway)
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे है। यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है। निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल होगा, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है। 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है। प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है।देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है। इसका 18.9 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम में, बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है। इसमें से 23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) बनाया जा रहा है। गुरुग्राम एवं दिल्ली के हिस्से को दो-दो भाग में बांटा गया है।गुरुग्राम के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास, जबकि दिल्ली इलाके के दोनों भागों की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी के पास है।दिल्ली का पहले-दूसरे भाग का खर्चा
दिल्ली में पहला भाग गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 2068 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दूसरा भाग बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 2507 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।गुरुग्राम का पहला और दूसरा भाग, उसका खर्चा
गुरुग्राम इलाके में पहला भाग खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से बसई-धनकोट के नजदीक तक लगभग 8.76 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 1859 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दूसरा भाग बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक लगभग 10.2 किलोमीटर का है। इसके भाग के ऊपर 2228 करोड़ रुपये खर्च होने की अनुमान है।शिवमूर्ति से टर्मिनल-तीन तक छह लेन की सुरंग
द्वारका एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिल-तीन तक पहुंच सकें, इसके लिए महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने से दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-तीन (Delhi Airport Terminal 3) तक छह लेन की ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। महिपालपुर में ही शिवमूर्ति के नजदीक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे को द्वारका एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। जोड़ने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। फ्लाईओवर व सुरंग बनने से दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहन सीधे द्वारका एक्सप्रेस-वे व टर्मिनल तीन की तरफ चले जाएंगे। इसी तरह द्वारका एक्सप्रेस-वे से गुरुग्राम की तरफ से आने वाले वाहन भी शिवमूर्ति के सामने से टर्मिनल-तीन की तरफ चले जाएंगे। जिन वाहनों को धौलाकुआं की तरफ जाना है, वे सीधे दिल्ली-एक्सप्रेस-वे पर चले जाएंगे।आने वाले समय में पानीपत की तरफ से आने वाले लोगों को भी सुरंग बनने से काफी लाभ होगा। दिल्ली-पानीपत रोड को गांव अलीपुर के नजदीक से द्वारका सेक्टर-25 को अर्बन एक्सटेंशन रोड बनाकर जोड़ा जा रहा है। अगले साल के अंत तक निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। ये भी पढ़ें- Dwarka Expressway: कब तक पूरा होगा द्वारका एक्सप्रेस-वे का काम? यहां जानिए सबकुछद्वारका सेक्टर-25 द्वारका एक्सप्रेस-वे से जुड़ा है। इससे पानीपत से आने वाले केवल 20 से 25 मिनट में ही गांव अलीपुर से टर्मिनल-तीन तक पहुंच जाएंगे। इससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव 40 प्रतिशत से अधिक कम होने की उम्मीद है।फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर चालू होने से काफी लाभ
खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण पूरा हो चुका है लेकिन द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा न होने से इसे चालू नहीं किया जा रहा है। इसके चालू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे, सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) और नार्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) जिसे द्वारका एक्सप्रेस-वे कहा जाता है, आपस में जुड़ जाएंगे। किसी भी इलाके से आने वाले वाहन पूरी रफ्तार के साथ किसी भी रोड पर जा सकेंगे।ये भी पढ़ें- इंजीनियरिंग का करिश्मा है द्वारका एक्सप्रेसवे, जानें देश के पहले आठ लेन के Expressway की बड़ी खासियतउदाहरणस्वरूप एसपीआर गांव घाटा के नजदीक गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ी है। ऐसे में फरीदाबाद से आने वाले वाहन खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर पर चढ़कर किसी भी आसानी से पूरी रफ्तार के साथ जा सकेंगे।अनुभवी इंजीनियरों को काम पर नहीं लिया जाता है। अनुभवहीन इंजीनियरों को काम पर रखने की वजह से हादसे हो रहे हैं। इससे एनएचएआई की भी किरकिरी हो रही है। सेवानिवृत इंजीनियरों के अनुभव का एनएचएआई लाभ उठाए। -जेएस सुहाग, पूर्व तकनीकी सलाहकार, एनएचएआई।