फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़: मैच-कंसर्ट की टिकट बुक कराने के नाम पर लगाते थे चपत; विदेशी नागरिकों से हुई ठगी के खुले बड़े राज
गुरुग्राम में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पता चला कि वे फुटबॉल मैच और सिंगर कंसर्ट की टिकट बुकिंग कराने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। अभी आरोपित पुलिस की पूछताछ में और भी बड़े राज खोल सकते हैं। पढ़िए पुलिस ने कैसे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। रग्बी मैच, फुटबॉल मैच और सिंगर कंसर्ट की टिकट बुकिंग कराने के नाम पर विदेशी नागरिकों के साथ ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का साइबर पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, गिरफ्तार हुए आरोपितों की पहचान दिल्ली के फतेहपुर बेरी के भाटी कलां निवासी सोनू, घिटोरनी के तरला मोहल्ला निवासी सूरज कुमार व लक्ष्य अपार्टमेंट निवासी सीमांत राघव और उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के खुर्जा निवासी आकाश चौहान के रूप में हुई है। आरोपित सोनू कॉल सेंटर का संचालन करता था।
आरोपितों के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा
बताया गया कि टीम की शिकायत पर आरोपितों के विरुद्ध साइबर अपराध पूर्व थाने में मामला दर्ज किया गया है। आरोपितों के पास से टीम ने चार लैपटॉप, चार हेडफोन और चॉर्जर बरामद किया है।
सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध प्रियांशु दीवान ने बताया कि साइबर अपराध पूर्व टीम को सूचना मिली थी कि सेक्टर-55 के मकान नंबर 367 में अवैध रूप से कॉल सेंटर चलाकर विदेशी लोगों के साथ ठगी की जा रही है।
सूचना मिलने पर की गई छापामारी
सूचना के आधार पर मौके पर छापामारी की गई। टीम को मौके पर युवक फुटबॉल मैच, रग्बी मैच और सिंगर कंसर्ट की टिकट के नाम पर ठगी करने की वारदात करते पाए गए। पुलिस ने संचालक समेत चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
विज्ञापन में होता था उनका टोल फ्री नंबर
आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह गूगल पर विदेश में सिंगर कंसर्ट, फुटबॉल मैच, रग्बी मैच की टिकट बुक करने के लिए विज्ञापन करते थे। विज्ञापन में उनका टोल फ्री नंबर होता था। टिकट बुकिंग करने के दौरान वह लोगों को उनके कार्ड में दिक्कत बता देते थे। इसके बाद वह उनसे वॉलमार्ट के गिफ्ट कार्ड खरीदवाते थे। इसके बाद उनसे गिफ्ट कार्ड के नंबर पूछकर उन नंबर को टेलीग्राम के माध्यम से चाइनीज लोगों के पास भेज देते थे।
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ऐसे ठगी करते थे आरोपित
पुलिस के अनुसार, आरोपित इन नंबर को रिडीम करके पैसों को क्रिप्टो वालेट में डाल देते हैं। आरोपित साेनू अपने साथी आकाश चौहान को मुनाफे का 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देता था। आरोपित सूरज कुमार और सीमांत राघव को विदेशी लोगों को कॉल करने के लिए हुआ था। दोनों को ठगी की कमाई राशि के 30 प्रतिशत हिस्सा देता था। इसके साथ ही समय-समय पर इंसेंटिव भी दिया जाता था ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की वारदात को कर सके।