Gurugram Aravalli Save: अरावली के सीने पर कितने व कहां-कहां बने हैं फार्म हाउस, खुलासे में जुटा वन विभाग
Gurugram Aravalli Save एनजीटी के आदेश पर वन विभाग वन क्षेत्र में बने फार्म हाउस को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहा है। 6 महीने के भीतर सभी फार्म हाउसों को ध्वस्त कर करने की बात है।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। Gurugram Aravalli Save: दिल्ली-एनसीआर के लिए जीवनदायिनी माने जाने वाली अरावली के सीने पर कितने व कहां-कहां फार्म हाउस बने हैं, इस बारे में पूरी सच्चाई राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से सामने आएगी। इसे देखते हुए वन विभाग सर्वे शुरू करने से पहले राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगेगा। रिकॉर्ड से साफ हो जाएगा कि कब-कब फार्म हाउस के लिए रजिस्ट्री कराई गई। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वर्ष 1990 के दौरान से ही फार्म हाउस विकसित होने शुरू हो गए थे। रायसीना एवं गैरतपुर बास इलाके में सबसे पहले फार्म हाउस विकसित किए गए। इसके बाद धन कुबेरों का फार्म हाउसों के प्रति ऐसा आकर्षण बढ़ा कि अरावली इलाके में फार्म हाउस बनाने की बाढ़ सी आ गई। इलाके में दो हजार से अधिक फार्म हाउस हैं। अब एनजीटी के आदेश पर वन विभाग वन क्षेत्र में बने फार्म हाउसाें को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहा है। आदेश में अगले छह महीने के भीतर सभी फार्म हाउसों को ध्वस्त करने की बात कही गई है। फार्म हाउसों को ध्वस्त करने से पहले सर्वे करना आवश्यक है। इससे पता चल सकेगा कि किस इलाके में कितने फार्म हाउस हैं और किनके नाम हैं। जानकारी सामने आने के बाद सभी को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद ध्वस्त करने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा सर्वे
वन विभाग अगले सप्ताह से सर्वे शुरू कर देगा। इससे पहले राजस्व विभाग से पूरी जानकारी हासिल कर ली जाएगी। सर्वे कार्य में सभी गार्ड से लेकर रेंज ऑफिसर तक लगेंगे। विभाग के उच्च अधिकारी भी इलाके में पहुंचेंगे ताकि सर्वे में कमी न रहे। बताया जाता है कि एक बार वर्ष 2007 के दौरान भी सर्वे किया गया था। रिपोर्ट विधानसभा में सौंपी गई थी। उस सर्वे रिपोर्ट का भी पता किया जाएगा। उस रिपोर्ट से यह साफ होगा कि वर्ष 2007 से पहले कितने फार्म हाउस बने और उसके बाद कितने बने। इससे यह भी पता चल जाएगा कि विधानसभा में वर्ष 2007 के दौरान मुद्दा उठने के बाद भी अरावली के सीने पर फार्म हाउस विकसित होते रहे।
सभी फार्म हाउस हैं अवैध
डॉ. आरपी बालवान (पर्यावरण कार्यकर्ता व सेवानिवृत्त वन संरक्षक) का कहना है कि कोई सर्वे करने की आवश्यकता नहीं है। वन क्षेत्र में जहां भी फार्म हाउस बने हुए हैं, सीधे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए। जब वन क्षेत्र में गैर वानिकी कार्य हो ही नहीं सकते, फिर साफ है कि जो भी निर्माण केंद्र सरकार की अनुमति के बिना हुए हैं, वे सभी अवैध हैं। सर्वे के नाम पर फिर मामले को ठंडा करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
फार्म हाउस ध्वस्त करने के लिए सर्वे जरूरी
जय कुमार (जिला वन अधिकारी, गुरुग्राम) के मुताबिक, फार्म हाउसों को ध्वस्त करने से पहले सर्वे करना आवश्यक है। सर्वे से ही पता चलेगा कि किस इलाके में कितने फार्म हाउस हैं, फार्म हाउसों की साइज क्या है। इसके लिए राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगा जाएगा। रिकॉर्ड से साफ हो जाएगा कि कौन से फार्म हाउस किसके नाम है। एनजीटी के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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