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Chintels Paradiso: टावर सी की सीढ़ियों और बेसमेंट के पिल्लरों में दिखने लगीं दरारें, लैब टेस्ट की रिपोर्ट भी चिंताजनक

निरीक्षण के दौरान सी टावर की सीढ़ियों और पिल्लरों में भी दरारें देखने को मिली हैं। जे टावर की श्रीराम लैब टेस्ट की रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आई है। ऐसे में इन टावरों में रहने वाले लोगों को भी चिंता सताने लगी है। अब इन टावरों के निवासियों ने भी मार्केट रेट के हिसाब से पैसा रिफंड करने की मांग शुरू कर दी है।

By Aditya Raj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 24 Dec 2023 01:40 PM (IST)
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टावर सी की सीढ़ियों और बेसमेंट के पिल्लरों में दिखने लगीं दरारें

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम।  सेक्टर 109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के टावर सी तथा जे में आइआइटी दिल्ली की टीम के निरीक्षण के बाद हड़कंप मचा है। टीम ने टावर के जे-203 और जे-003 का निरीक्षण किया। इसके साथ ही सी टावर का भी निरीक्षण किया है।

मार्केट रेट के हिसाब से पैसा रिफंड करने की मांग शुरू

निरीक्षण के दौरान सी टावर की सीढ़ियों और पिल्लरों में भी दरारें देखने को मिली हैं। जे टावर की श्रीराम लैब टेस्ट की रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आई है। ऐसे में इन टावरों में रहने वाले लोगों को भी चिंता सताने लगी है। अब इन टावरों के निवासियों ने भी मार्केट रेट के हिसाब से पैसा रिफंड करने की मांग शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि लैब टेस्ट की रिपोर्ट ठीक न आने की वजह से आइआइटी दिल्ली की टीम ने धरातल पर निरीक्षण करने का निर्णय लिया था। इस दौरान टीम के साथ बिल्डर प्रतिनिधि तथा श्रीराम लैब के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उन्होंने दोनों टावरों का अलग-अलग निरीक्षण किया।

स्थानीय निवासियों की माने तो दोनों टावरों के निरीक्षण के बाद टीम प्रतिनिधियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थीं। की गई टिप्पणी भी नकारात्मक ही थी। ऐसे में इन टावरों का भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है।

सालाना ऑडिट बताया गया था अनिवार्य

आइआइटी दिल्ली की तरफ से टावर डी, ई, एफ, जी, एच को पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। टावर ए, बी, सी की रिपोर्ट ठीक आई थी, लेकिन इन टावरों का हर साल ऑडिट कराना अनिवार्य बताया गया था। अब जे टावर की रिपोर्ट आने से पहले ही माहौल नकारात्मक नजर आ रहा है।

बता दें कि फेज एक में चार टावरों का निर्माण हुआ था, जिसमें टावर ए, बी, सी तथा जे थे। टावर सी में भी दरार दिखनी शुरू हो गई है। टावर जे की रिपोर्ट आने से पहले ही माहौल ठीक नही है। सी टावर 13 मंजिला है, इसमें 52 फ्लैट हैं। 18 मंजिला जे टावर में 72 फ्लैट हैं। दोनों टावरों में 90 फीसदी परिवार रहते हैं।

अपनी जान जोखिम में डाल रहे लोग

सी टावर में रह रहीं सेवानिवृत अधिकारी एस्तेर कर ने कहा कि उनके टावर के बेसमेंट की बाहर जाने वाली सीढ़ी के एक तरफ बैरिकेडिंग की गई है। दूसरी सीढ़ी में गहरी दरारें दिख रही हैं। हम यहां रहकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

बिल्डर से चाहते है कि मार्केट रेट से फ्लैट का पैसा दे। जिससे दूसरा फ्लैट खरीदकर जीवन बसर कर सकें। इस बारे में चिंटेल्स इंडिया लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट जेएन यादव का कहना है कि दिल्ली आइआइटी ने सोसायटी के टावरों का निरीक्षण किया। टीम ने असुरक्षित टावरों की बैरिकेडिंग करने के लिए कहा है। सोसायटी के जे और सी टावर में छोटी मोटी दरारें हैं। जिसे ठीक करवाया जाएगा।