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Chintels Paradiso Society: निवासियों के पास 2 विकल्प, 4 महीनों में पूरा रिफंड या 3 साल में लें नया फ्लैट

Chintels Paradiso Society पहले विकल्प के तहत टावर डी ई व एफ के आवंटियों को फ्लैट वापिस करने की सूरत में बिल्डर द्वारा प्रति वर्ग फीट की निर्धारित राशि और स्टाम्प शुल्क (जो फ्लैट की रजिस्ट्री के समय भुगतान किया गया था) की अदायगी की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 04 May 2023 09:07 AM (IST)
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निवासियों के पास 2 विकल्प, 4 महीनों में पूरा रिफंड या 3 साल में लें नया फ्लैट
गुरुग्राम, संवाद सहयोगी। सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के टावर डी के फ्लैटों को मुआवजा मिलने की धुंधली तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। उपायुक्त गुरुग्राम ने बिल्डर प्रबंधन के पहले विकल्प के हिसाब से जो भी आवंटी फ्लैट वापस कर पैसे लेना चाहे उन्हें निर्धारित प्रति वर्ग फीट शुल्क, इंटीरियर के मूल्यांकन की राशि के साथ रजिस्ट्री के समय दिया गया स्टाम्प ड्यूटी शुल्क चार माह के भीतर रिफंड करने के निर्देश दिए हैं।

बिल्डर ने भी इसे स्वीकार कर लिया है और अब उम्मीद जताई जा रही है कि काफी निवासी इस विकल्प पर समझौता कर सकते है हालांकि दूसरे विकल्प में फ्लैटों का निर्माण करके देने पर एक हजार रुपये प्रति वर्ग फीट मांगे जाने तथा वैकल्पिक फ्लैट के लिए किराए न देने पर आवंटियों ने डीसी के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है।

बुधवार को उपायुक्त गुरुग्राम की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित पहली मंजिल की कांफ्रेंस हाल में बैठक हुई। इसमें चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के आरडब्ल्यूए पदाधिकारी, डीटीपी एन्फोर्समेंट मनीष यादव, अधीक्षक अभियंता प्रवीण चौधरी मौजूद रहे।

उपायुक्त ने बैठक में निवासियों का बताया कि पूर्व में हुई बैठकों में टावर डी, ई व एफ के निवासियों द्वारा डेवलपर की ओर से समझौते के विकल्प तैयार करने की मांग रखी गयी थी जिसके आधार पर चिंटेल्स पैराडिसो बिल्डर प्रबंधन की तरफ से दो विकल्प तैयार किए।

3 साल में किया जाएगा नए फ्लैटों का निर्माण

इसमें पहले विकल्प के तहत टावर डी, ई व एफ के आवंटियों को फ्लैट वापिस करने की सूरत में बिल्डर द्वारा प्रति वर्ग फीट की निर्धारित राशि और स्टाम्प शुल्क (जो फ्लैट की रजिस्ट्री के समय भुगतान किया गया था) की अदायगी की जाएगी। वहीं दूसरे विकल्प के तहत बिल्डर द्वारा तीन साल की अवधि में नए फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें निवासियों को प्रति वर्ग फीट का निर्धारित शुल्क देना होगा।

उपायुक्त ने निवासियों को आश्वस्त किया कि वे इन दोनों विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चुनने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। बैठक में निवासियों द्वारा इंटीरियर पर खर्च की गई राशि के भुगतान के सवाल पर उपायुक्त ने कहा कि निवासियों की मांग पर जिला प्रशासन ने एक स्वतंत्र एजेंसी से टावर डी की इंटीरियर मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करवाई है।

चार माह में देनी होगी पूरी राशि

इसी क्रम में अगले एक सप्ताह में टावर ई व एफ की भी इंटीरियर मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उपायुक्त ने बिल्डर को निर्देश दिए कि एजेंसी की जांच रिपोर्ट में इंटीरियर का जो भी मूल्यांकन होगा, उसका भुगतान निवासियों को किया जाएगा। उपायुक्त ने बिल्डर प्रबंधन को यह भी निर्देश दिए कि यदि कोई निवासी पहले विकल्प का चुनाव करता है तो बिल्डर को आगामी चार माह में पूरी राशि का भुगतान करना होगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक डेवलपर द्वारा पूरी राशि का भुगतान नहीं किया जाता तब तक डेवलपर की ओर से निवासियों को जो किराये का भुगतान किया जा रहा है व इसी प्रकार जारी रहेगा। उन्होंने बिल्डर से कहा कि वे आगामी एक सप्ताह में समझौते का ड्राफ्ट तैयार कर उसे निवासियों की लीगल टीम के साथ साझा करें। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राकेश हुड्डा ने कहा कि उपायुक्त गुरुग्राम की तरफ से लिखित आदेश आने पर निवासियों के साथ चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।

बिल्डर के दूसरे विकल्प में पैसे देने की शर्त पर हमने आपत्ति दर्ज की है। चिंटेल्स इंडिया लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट जेएन यादव ने कहा कि बैठक में हुई चर्चा के बाद फ्लैट की एवज में हम आवंटियों को 6500 रुपये प्रति वर्ग फीट, इंटीरियर मूल्याकंन तथा स्टांप शुल्क की अदायगी करने को तैयार है और यह चार माह के भीतर किया जाएगा।

दूसरे विकल्प के मामले में, हम सीबीआरआइ की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे और फिर निर्देशानुसार आगे बढ़ेंगे चाहे वह मरम्मत हो या पुनर्निर्माण। पुनर्निर्माण सभी स्वीकृतियां और बाधाएं दूर होने के बाद 36 महीने के भीतर किया जाएगा। हमने उपायुक्त से आग्रह किया है कि हमारी रजिस्ट्री जल्द से जल्द खोली जाए ताकि हमारा प्रभावित नकदी प्रवाह सामान्य हो सके।

सीबीआरआइ की आडिट जांच का मुद्दा भी बैठक में उठा

बैठक में उपायुक्त के समक्ष सीबीआरआइ द्वारा कराए जा रहे स्ट्रक्चर आडिट का मामला भी उठा जिस पर डीसी ने निवासियों आश्वस्त किया बिल्डर अपने स्तर पर आडिट करने के लिए स्वतंत्र पर है, फिर भी ऑडिट रिपोर्ट आईआईटी दिल्ली से अलग आती है तो तीसरी स्वतंत्र एजेंसी से आडिट कराया जाएगा।

यदि निवासी दूसरे विकल्प के तहत फ्लैटों का निर्माण करता है तो निर्माण पूरा होने उपरांत स्ट्रक्चरल आडिट करा फ्लैटों को सौंपा जाएगा।फ्लैट खाली न करने पर आपदा प्रबंधन में होगा नोटिसबैठक में बताया गया कि जिला प्रशासन की हिदायत के बावजूद टावर ई व एफ में अभी भी कुछ निवासियों ने फ्लैट खाली नहीं किए हैं। इस पर उपायुक्त ने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में आपदा प्रबंधन के तहत नोटिस जारी करेंगे।

मामला एक नजर में

बता दें कि बीते साल दस फरवरी को चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के डी-टावर की छठी मंजिल के एक फ्लैट का ड्राइंग रूम पहली मंजिल तक आकर गिर गया था जिसके चलते हादसे में लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हो गए। हादसे के करीब सवा साल बाद भी फ्लैट मालिकों को न्याय नहीं मिला है। आज तक बिल्डर और फ्लैट मालिकों के बीच मुआवजे पर भी कोई सहमति नहीं बन पा रही थी।

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