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अनंतराज बिल्डर्स को बड़ा झटका, गुरुग्राम कोर्ट ने हाउसिंग प्रोजेक्ट पर लगाई रोक

गुरुग्राम की अदालत ने अनंत राज बिल्डर्स के सेक्टर 65 हाउसिंग प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है। डेवलपर और उसकी तीन सहयोगी कंपनियों पर धोखाधड़ी से लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि डेवलपर ने हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) से आगे की अनुमति नहीं ली।

By Aditya Raj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 03 Nov 2024 11:42 AM (IST)
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गुरुग्राम की सिविल कोर्ट ने अनंतराज बिल्डर्स को झटका दिया।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। गुरुग्राम के सेक्टर 65 में 12 एकड़ के हाउसिंग प्रोजेक्ट पर अनंतराज बिल्डर्स को बड़ा झटका लगा है। गुरुग्राम की सिविल कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाई है। डेवलपर और उसकी तीन सहयोगी कंपनियों पर धोखाधड़ी से लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है।

लगभग 26-27 जमीन मालिकों जिनमें शिकायतकर्ता सुशीला देवी भी शामिल हैं। उनके अनुसार डेवलपर ने हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) से आगे की अनुमति मांगी थी।

शिकायतकर्ता के वकील तनुज जगलान ने बताया कि 9 मई 2018 को वजीराबाद के एक सहायक कलेक्टर ने बिना किसी सूचना के एक एकतरफा प्रोजेक्ट की जमीन की डिमार्केशन आदेश जारी किया गया था। इसके बाद बादशाहपुर के एसडीएम ने आठ फरवरी 2022 को इस आदेश पर रोक लगा दी और 25 अप्रैल 2023 को इसे पूरी तरह से रद कर दिया गया।

18 अक्टूबर 2023 को अवैध हो गया लाइसेंस

अदालत ने पाया कि लाइसेंस के लिए जमीन का विभाजन आवश्यक है जो डेवलपर द्वारा पूरा नहीं किया गया था। अदालत ने कहा कि डेवलपर ने फरवरी 2022 और अप्रैल 2023 के आदेशों को छुपाकर लाइसेंस प्राप्त किया था। 25 अप्रैल 2023 को भूमि की डिमार्केशन नहीं रह गई थी जिससे 18 अक्टूबर 2023 को दिया गया लाइसेंस अवैध हो गया।

आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे- डेवलपर के वकील

शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने डेवलपर के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए गुरुग्राम पुलिस में एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई है जो अब तक लंबित है। वहीं, डेवलपर के वकील राम अवतार गुप्ता ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे।

अदालत ने डेवलपर्स को जमीन बेचने से रोका

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता ने अपनी जमीन को लेकर एक मजबूत मामला पेश किया है और यदि रोक नहीं लगाई गई तो उन्हें भारी नुकसान होगा। अब अदालत ने डेवलपर्स को जमीन बेचने या किसी तीसरे पक्ष को अधिकार देने से रोका है और मामले के निपटारे तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में बढ़ रहा अतिक्रमण का दायरा

औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में रोजाना नियमों को तोड़कर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसको लेकर नगर निगम और हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन ( एचएसआइआइडीसी) के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

रेहड़ियों को हटाने के लिए नगर निगम द्वारा कार्रवाई करनी है जबकि पक्के निर्माण कर किए गए अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी एचएसआइआइडीसी की है। औद्योगिक क्षेत्र के सभी सेक्टरों में ग्रीन बेल्ट की आड़ में पक्के निर्माण कर दुकानें लगाई जा रही हैं।

एचएसआइआइडीसी के नियमों के अनुसार किसी भी तरह की दुकान को मंजूरी नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र में केवल औद्योगिक गतिविधियों को मंजूरी दी गई है। यहां लगातार ग्रीन बेल्ट को पक्का कर दुकानें चलाई जा रही हैं। इन दुकानों को किराए पर देकर मोटा किराया भी लिया जा रहा है। यह एचएसआइआइडीसी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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