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Gurugram Fire Death: चार मिनट में चार मौतें, दर्दनाक घटना ने जिला प्रशासन को बड़ा फैसला लेने पर किया मजबूर

गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव में हुई भीषण आग के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए इमारतों और औद्योगिक इकाइयों में बिजली व्यवस्था का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि इमारतों में लोड के हिसाब से बिजली सिस्टम विकसित है या नहीं। साथ ही लोगों को बिजली व्यवस्था की सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा।

By Aditya Raj Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 27 Oct 2024 05:38 PM (IST)
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गुरुग्राम जिला प्रशासन इमारतों का कराएगा सर्वे (इसी बिल्डिंग में लगी थी आग)।
आदित्य राज, गुरुग्राम। गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव में चार मिनट के भीतर चार मौत ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इमारतों में लोड के हिसाब से बिजली सिस्टम विकसित है या नहीं, इस बारे में सर्वे कराया जाएगा। औद्योगिक इकाइयों में भी सिस्टम लोड के हिसाब से है या नहीं, इसका भी सर्वे कराया जाएगा।

सर्वे की जिम्मेदारी औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय को या फिर किसी प्राइवेट एजेंसी को दी जाएगी, इस बारे फैसला जिला प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा। बैठक दीपावली के बाद उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक होगी। सरस्वती एन्क्लेव हादसे की जांच की जिम्मेदारी एसडीएम गुरुग्राम को सौंपी गई है। उन्हें जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

नूर आलम और मुश्ताक

पहले भी हो चुकी हैं इस तरह की घटनाएं

बृहस्पतिवार देर रात सरस्वती एन्क्लेव की इमारत में आग लगने की घटना से पहले भी इस तरह की कई घटनाएं पहले हो चुकी हैं। कुछ महीने पहले मानेसर की एक गारमेंट फैक्ट्री में आग लग गई थी। जब तक फैक्ट्री का पूरा सामान नहीं जल गया तब तक आग नहीं बुझी। तीन दिन पहले एक लाजिस्टिक कंपनी के कार्यालय में भीषण आग लग गई थी।

अमन, साहिल

शॉर्ट सर्किट से लगती हैं आग

अधिकतर घटनाओं में एक ही बात निकलकर सामने आती है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। इससे साफ है कि इमारतों के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन नहीं किया जा रहा है। लोड के हिसाब से इमारतों में बिजली सिस्टम विकसित कराने के ऊपर ध्यान नहीं दिया जाता है।

बिजली का ज्यादा पड़ जाता है लोड

यही नहीं अधिकतर लोग सिस्टम की क्षमता के हिसाब से अधिक लोड डाल देते हैं। उदाहरण स्वरूप किसी इमारत में 20 किलोवाट का बिजली सिस्टम विकसित है और उसके ऊपर लोड 30 किलोवाट का चलाया जाता है। इस वजह से शार्ट सर्किट होता है। इसे देखते हुए प्रशासन सर्वे कराएगा।

इससे पता चलेगा कि कितनी इमारतों में बिजली सिस्टम से अधिक लोड है। पता चलने के बाद लोगों को सिस्टम अपग्रेड करने के लिए कहा जाएगा। सोसायटियों में सिस्टम अपग्रेड करने को लेकर बिल्डरों को निर्देश जारी किए जाएंगे। सर्वे के दौरान ऊंची इमारतों में फायर सिस्टम है या नहीं, इसका भी पता किया जाएगा।

लोगों को किया जाएगा जागरूक

सर्वे के बाद जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को जानकारी दी जाएगी कि इमारत में अधिक क्षमता का एमसीबी न हो। लोड के हिसाब से एमसीबी लगाने पर शार्ट सर्किट होते ही डाउन हो जाती है। इससे आगे नहीं बढ़ती है। स्विच सिस्टम के ऊपर ध्यान देना चाहिए। यह कवर होना चाहिए। पानी इसके ऊपर नहीं पड़ना चाहिए।

10 साल के अंतराल पर पूरा बिजली सिस्टम बदल देना चाहिए। उतना ही लाेड डालना चाहिए जितनी सिस्टम की क्षमता है। पैसे बचाने के चक्कर में लोग बिजली निगम से लोड कम लेते है और बाद में उसके ऊपर अधिक लोड डाल देते हैं। इससे शार्ट सर्किट की आशंका बढ़ जाती है।

सर्वे कराने व लोगों को जागरूक करने का निर्णय बेहतर है। इसके ऊपर गंभीरता से काम होना चाहिए। इमारतों के निर्माण के दौरान बिजली सिस्टम का काम लोगों को अपने सामने कराना चाहिए। दीवार के भीतर तारों का ज्वाइंट अधिक नहीं होना चाहिए। खासकर एमसीबी लगाने के ऊपर काफी ध्यान देना चाहिए। एमसीबी का काम ब्रेकर का है यानी एमसीबी डाउन होने पर ही आग आगे नहीं बढ़ेगी। शार्ट सर्किट से आग बहुत तेजी से फैलती है। -गजेंद्र त्यागी, प्रबंध निदेशक, क्लासिक सिविल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड

सरस्वती एन्क्लेव हादसे की जांच की जिम्मेदारी एसडीएम गुरुग्राम को सौंपी गई है। बहुत ही दुखद हादसा है। आगे से ऐसा न हो इसके लिए इमारतों का खासकर ऊंची इमारतों का सर्वे कराया जाएगा। औद्योगिक इकाइयों का भी सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए मैं औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय के साथ बैठक करूंगा। बैठक में तय किया जाएगा कि सर्वे किस तरह से किया जाए। जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा ताकि इमारतों के निर्माण के दौरान किसी भी स्तर पर चूक न हो। -निशांत कुमार यादव, उपायुक्त, गुरुग्राम

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