लोन लेकर बिल्डर को दिया 14.96 लाख रुपये, पर नहीं मिला फ्लैट; परेशान महिला ने की आत्महत्या की कोशिश
माहिरा होम्स बिल्डर द्वारा विकसित की जा रही अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी प्रोजेक्ट के एक आवंटी की पत्नी ने मानसिक रूप से तंग होकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। बैंक से लोन लेकर फ्लैट लिया था। बिल्डर कंपनी को अब तक 14.96 लाख रुपये दे चुका हूं लेकिन फ्लैट मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। रोजाना बैंक वाले पैसे के लिए उनके घर के चक्कर काटते हैं।
By Aditya RajEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 30 Jun 2023 11:01 PM (IST)
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। सेक्टर-68 में माहिरा होम्स बिल्डर द्वारा विकसित की जा रही अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी प्रोजेक्ट के एक आवंटी की पत्नी ने मानसिक रूप से तंग होकर बृहस्पतिवार को आत्महत्या करने का प्रयास किया। आरोप है कि आवंटी ने 2018 में फ्लैट बुक कराया था, लेकिन आज तक फ्लैट नहीं मिला। बीते ढाई साल से पैसे रिफंड करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर कंपनी ने आज तक पैसा रिफंड नहीं किया।
बैंक से लोन लेकर लिया था फ्लैट
आवंटी विनोद कुशवाहा का कहना है कि बैंक से लोन लेकर फ्लैट लिया था। बिल्डर कंपनी को अब तक 14.96 लाख रुपये दे चुका हूं, लेकिन फ्लैट मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। आवंटी की तरफ से अब प्रदेश के मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह-विभाग और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई है।
चार लाख रुपये रिफंड करने की कही बात
आवंटी ने बताया कि रोजाना बैंक वाले पैसे के लिए उनके घर के चक्कर काटते हैं, जिससे पत्नी ने मानसिक रूप से तंग आकर यह कदम उठाया। लोन लेकर यह सोचा था कि अपना आशियाना मिल जाएगा, जिसके बाद किराया नहीं भरना पड़ेगा, लेकिन अब किराए के साथ-साथ किस्त भरने को भी मजबूर हैं। शुक्रवार को पत्नी की अस्पताल की फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई तो बिल्डर कंपनी की तरफ से आवंटी को फोन आया और चार लाख रुपये अभी रिफंड करने की बात कही और बाकी पैसा एक माह के भीतर रिफंड देने के लिए आश्वस्त किया।नौ महीने बाद भी ज्यों की त्यों स्थिति
गौरतलब है कि सेक्टर-68 अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट का पिछले नौ महीने से निर्माण कार्य बंद है। बीते साल इस प्रोजेक्ट का मई 2022 में लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। करीब छह माह के लिए लाइसेंस रिस्टोर हुआ तो प्रधान सचिव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने छह माह के भीतर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा कर आवंटियों को फ्लैट हैंडओवर करने के आदेश दिए थे, लेकिन आदेश के नौ महीने बाद भी प्रोजेक्ट की स्थिति ज्यों की त्यों है।
अब एक बार फिर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के महानिदेशक की तरफ से लाइसेंस से जुड़ी अनियमितताओं को दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है, नहीं तो फिर से लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई शुरू हो सकती है। प्रोजेक्ट में करीब 1498 आवंटी फंसे हुए हैं। माहिरा होम्स प्रबंधन के प्रतिनिधि का कहना है कि पिछले साल मई से हमारे इस प्रोजेक्ट के बैंक अकाउंट सीज हैं, जिसकी वजह से इनका रिफंड नहीं हो रहा था।
हमारे किसी प्रतिनिधि ने आवंटी को पैसे देने के लिए फोन नहीं किया। आवंटी पर हमारी तरफ से कोई दबाव नहीं था, बल्कि आवंटी ने पर्सनल लोन लिया हुआ था। हमने शुक्रवार को ही आवंटी को चार लाख रुपये का रिफंड कर दिया। बाकी पैसे भी 15 दिन के भीतर रिफंड कर दिए जाएंगे।
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