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NRI की 40 करोड़ की जमीन हड़पने के केस में ASI समेत पांच गिरफ्तार, फर्जी कागजात के आधार पर कराई थी रजिस्ट्री

फर्जी जीपीए के आधार पर एनआरआई की 40 करोड़ की 15 कनाल जमीन को छह करोड़ में दिखाकर रजिस्ट्री कराने में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गुरुग्राम पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा में तैनात एएसआई प्रदीप समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदीप द्वारा आरोपितों से रुपये लेने की पुष्टि हुई है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि धोखाधड़ी में संलिप्त सभी आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By Edited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 27 Sep 2023 11:56 PM (IST)
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NRI की 40 करोड़ की जमीन हड़पने के केस में ASI समेत पांच गिरफ्तार

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। फर्जी जीपीए के आधार पर एनआरआई की 40 करोड़ की 15 कनाल जमीन को छह करोड़ में दिखाकर रजिस्ट्री कराने में शामिल गिरोह का गुरुग्राम पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने फर्जी जीपीए बनाने में मददगार रहे दिल्ली के कालकाजी तहसील के कर्मचारी समेत पांच को गिरफ्तार किया है।

फर्जी कागजात के आधार हड़पने का आरोप

जानकारी के अनुसार एक मार्च 2022 को पूर्ण मनचंदा नाम के व्यक्ति ने पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत देकर कुछ व्यक्तियों पर गांव बेगमपुर खटोला में उसकी जमीन को जाली व फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत कराकर हड़पने का आरोप लगाया था। इस मामले में बादशाहरपुर पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने मामले में एसआईटी बनाई थी।

जांच में फटा मिला रिकॉर्ड रजिस्टर का पेज

एसआईटी ने जीपीए के रिकॉर्ड की असल बही व रजिस्टर में रिकॉर्ड की जांच की तो रिकॉर्ड रजिस्टर का वह पेज फटा मिला, जिसमें उक्त जमीन की जीपीए का इंट्री की गई थी। टीम ने विभिन्न रिकॉर्ड, दस्तावेज, साक्ष्य व जानकारी एकत्रित की। इसके बाद इस साजिश में संलिप्त चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान हेलीमंडी निवासी सुभाष चंद व टोनी यादव, दिल्ली के कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड कीपर संजय गोस्वामी व सूर्य विहार निवासी भीम सिंह राठी के रूप में की गई।

पुलिस टीम 19 सितंबर को सुभाष चंद व टोनी यादव को गुरुग्राम से, 20 सितंबर को संजय गोस्वामी को दिल्ली से और 26 सितंबर को भीम सिंह राठी को गुरुग्राम से पकड़ा। पुलिस पूछताछ में पता चला कि सुभाष चंद यह जानता था कि इस मामले में शिकायतकर्ता एक एनआरआई है और अधिकतर वह दूसरे देश में रहता है। सुभाष ने अपने साथियों के साथ मिलकर एनआरआई की जमीन को हड़पने के इरादे से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराने व उन कागजात के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन पंजीकृत कराने की साजिश रची।

सुभाष ने पेशे से वकील भतीजे टोनी के साथ जमीन का सजरा, म्यूटेशन व सेलडीड के दस्तावेज हासिल किए।टोनी की कालकाजी तहसील में अच्छी पहचान थी। टोनी कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रूम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत संजय से मिला। संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असल बही दी और कहा कि उस बही में से किसी भी एक जीपीए का कागज निकालकर उसकी जगह एक फर्जी जीपीए लगा दे, ताकि उनक उस जमीन पर अधिकार बन जाएगा। अक्टूबर 2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असल बही दे दी।

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सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार की फर्जी GPA

उसके बाद कम्पूटर व स्कैनर व सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन्होंने सुभाष के नाम से एक फर्जी जीपीए तैयार की और उस फर्जी जीपीए की कापी वर्ष-1996 की असल बही लगा दी। असल बही को कॉपी करके उस पर बही का पुराना कवर लगा दिया गया। उसके बाद वह असल बही संजय को दे दी गई और संजय ने वह बही रिकॉर्ड में रख दी।

रिकॉर्ड रूम से असल बही निकालने व वापस जमा करने के लिए संजय ने पांच लाख रुपये लिए। फर्जी जीपीए पर सुभाष की फोटो एल्बम से लेकर लगाया गया था। पुलिस टीम ने सुभाष के घर में रखी एल्बम से वह फोटो भी बरामद की है। उसके बाद आरोपितों द्वारा जीपीए इनके नाम होने की पुष्टि करने के लिए जीपीए की सर्टिफाइड कापी भी प्राप्त की।

हेलीकॉप्टर क्रैस में मारे गए मेजर को बनाया गवाह

आरोपितों ने फर्जी जीपीए में मेजर पीके मेहता नाम के व्यक्ति को गवाह बनाया। उसकी वर्ष-2001 में ही एक हेलीकाप्टर क्रैस में मौत हो चुकी थी तथा इसमें दूसरा गवाह संदीप नाम के एडवोकेट को बना गया। इसके हस्ताक्षर टोनी द्वारा किए गए थे।उसके बाद आरोपितों ने फर्जी जीपीए को आधार बनाकर एनआरआई की 15 कनाल दो मरला जमीन को कुछ व्यक्तियों के नाम करा दी। आरोपितों ने करीब 40 करोड़ कीमत की जमीन को 6.6 करोड़ रुपये में खरीदना बताकर एक एनआरआई व्यक्ति की जमीन को अपने नाम कर लिया।

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आर्थिक अपराध शाखा के ASI ने दबाया मामला

मनचंदा की शिकायत पर दर्ज केस की जांच के दौरान जालजासों को फायदा पहुंचाने के लिए आर्थिक अपराध शाखा में तैनात एएसआई प्रदीप द्वारा भी आरोपितों से रुपये लेने की पुष्टि हुई। प्रदीप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं में केस दर्ज कर बुधवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि धोखाधड़ी में संलिप्त सभी आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गुरुग्राम पुलिस भ्रष्टाचार में जीरो-टालरेंस की नीति पर कार्य कर रही है।

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