Gurugram: गाड़ी में बिठाकर सवारियों से लूटपाट करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा, खुद को बताते थे पुलिसकर्मी
गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गाड़ी में सवार होकर यात्रियों को लूटता था। इस गिरोह ने 12 अक्टूबर को मानेसर निवासी एक व्यक्ति से लूटपाट की थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली के त्रिलोकपुरी के रहने वाले हैं। आरोपियों ने पूछताछ में कई अन्य वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मानेसर क्राइम ब्रांच की टीम ने गाड़ी में बिठाकर सवारियों से लूटपाट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ा है। 12 अक्टूबर को इस गिरोह ने मानेसर निवासी एक व्यक्ति से लूटपाट की थी।पीड़ित की शिकायत थाने में केस दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के तीन आरोपियों को धर दबोचा। तीनों दिल्ली के त्रिलोकपुरी के रहने वाले हैं।
मानेसर क्राइम ब्रांच के प्रभारी सब इंस्पेक्टर ललित कुमार ने बताया कि रविवार को मानेसर निवासी सुनील कुमार ने मानेसर थाने में लूटपाट की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि वह शनिवार रात मानेसर के नजदीक हाइवे पर वाहन के इंतजार में खड़े थे।
कार में बैठ गए थे सुनील
इसी दौरान ईकोस्पोर्ट गाड़ी रुकी। इसमें तीन लोग थे। गुरुग्राम जाने के लिए सुनील इसमें बैठ गए। कूछ दूर चलने पर गाड़ी में बैठे लोगों ने चाकू दिखाकर सुनील से पर्स ले लिया और कार से नीचे उतार दिया। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में शिकोहपुर गांव के पास से रविवार रात तीन आरोपियों को धर दबोचा।आरोपियों की पहचान
इनकी पहचान दिल्ली के त्रिलोकपुरी निवासी रमेश, गंगाराम व के. सेलवराज के रूप में की गई। आरोपियों ने पूछताछ में पीड़ित से लूट की वारदात की जानकारी दी।
रास्ते में खड़े अकेले व्यक्ति को बनाते थे निशाना
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी रास्ते में किसी अकेले व्यक्ति को निशाना बनाते और फिर उस व्यक्ति को सवारी के रूप में अपनी गाड़ी में बिठा लेते थे। गाड़ी में वर्दी टांग कर रखते थे और सवारी को अपना परिचय पुलिसकर्मी के रूप में कराते थे। फिर ये अपने मोबाइल फोन में पहले से रिकॉर्ड की गई एक सूचना चलाते, जिसमें किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए सवारियों व उनके समान को चेक करने की बात कही जाती थी।इसके बाद आरोपी व्यक्ति की व उसके सामान की तलाशी लेने के नाम पर उसका सामान, पर्स व अन्य सामान लूट लेते थे। इसके बाद गिरोह के लोग मोबाइल फोन में रिकार्ड दूसरा संदेश चलाते थे, जिसमें कहा जाता था कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है, उनकी टीम वापस आ जाए। इस पर व्यक्ति को रास्ते में छोड़कर चले जाते थे।
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