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    Gurugram: प्रॉपर्टी ID से नाम और मोबाइल नंबर गायब, बढ़ी निगम टैक्स विंग की टेंशन

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 01:07 PM (IST)

    गुरुग्राम में लगभग 3.59 लाख संपत्ति मालिकों का रिकॉर्ड नगर निगम के पास नहीं है जिससे कर वसूली में दिक्कत आ रही है। कई संपत्तियों के मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर आईडी में दर्ज नहीं हैं जिसके कारण संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। इससे स्वयं सत्यापन का कार्य भी अटका हुआ है और निगम को करोड़ों रुपये के कर का नुकसान हो रहा है।

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    प्रॉपर्टी आइडी से गायब नाम-मोबाइल नंबर, बढ़ गई निगम की टेंशन।

    संदीप रतन, गुरुग्राम। गुरुग्राम में साइबर सिटी के सात लाख प्रॉपर्टी मालिकों में आधे लोगों का रिकॉर्ड नगर निगम के पास नहीं है। 3.59 लाख प्रॉपर्टी मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर आइडी में दर्ज ही नहीं है। इसको लेकर अब प्रॉपर्टी टैक्स विंग की टेंशन बढ़ गई है।

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    नगर निगम की टैक्स विंग के कर्मचारी और अधिकारी इन प्रॉपर्टी मालिकों से न तो संपर्क कर पा रहे हैं और न इनसे वर्षों पुराने प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी हो पा रही है। इसका कारण यह है कि कई जगह पर खाली प्लॉट पड़े हैं ताे कई मकान या फ्लैट में भी कोई नहीं रहता। कुछ प्रॉपर्टी मालिक विदेश में रहते हैं।

    नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, एक लाख 40 हजार 939 प्रॉपर्टी मालिकों के नाम आईडी में दर्ज नहीं हैं, सिर्फ आईडी बनी हुई है। इसके अलावा 2 लाख 18 हजार 519 प्रॉपर्टी मालिकों के मोबाइल नंबर आइडी के रिकॉर्ड में नहीं है।

    इस संबंध में नगर निगम के जोन एक के क्षेत्रीय कराधान अधिकारी पंकज का कहना है कि जोन में ऐसे संपत्ति मालिकों से संपर्क किया जा रहा है। संपत्तियों पर नोटिस भी चस्पा किए जा रहे हैं।

    स्वयं सत्यापन कार्य अटका

    3.59 लाख प्रापर्टी मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर आइडी में दर्ज नहीं होने के कारण इन प्रापर्टी आइडी में सुधार या बदलाव नहीं हो पा रहा है। प्रॉपर्टी मालिकों से संपर्क नहीं होने के कारण आइडी स्वयं सत्यापन यानी सेल्फ सर्टिफिकेशन का काम अटका हुआ है, जबकि बार-बारी शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा सत्यापन करवाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि लंबित मामलों का निपटारा किया जा सके। स्वयं सत्यापन होने से मालिक का नाम, संपत्ति का साइज सहित अन्य डिटेल की पुष्टि प्रापर्टी मालिक स्वयं करता है, जिससे बार-बार इसे ठीक करवाने के लिए निगम कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते।

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    करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया, नहीं हो रही रिकवरी

    प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों पर नगर निगम का करोड़ों रुपये बकाया है, लेकिन इनसे निगम रिकवरी नहीं कर पा रहा है। दो दिन पहले निगम ने पांच डिफाल्टर संपत्तियों को सील किया, लेकिन बाकी तीन जाेन में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। निगम को प्रापर्टी टैक्स से सालाना लगभग 250 से 300 करोड़ रुपये के बीच आय होती है।