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कई शहरों में नेटवर्क...पुलिस से पहले गोतस्करी की मिलती खबर; मोहित यादव से गोरक्षक मोनू मानेसर बनने की कहानी

गुरुग्राम के गांव मानेसर का रहने वाला 28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर आठ साल पहले तक एक साधारण लड़का था। पुलिस ने एक केस में मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया है। इससे एक बार फिर मोनू का नाम हरियाणा समेत कई राज्यों में चर्चा में आ गया है। आईए आपको बताते हैं एक साधारण से लड़के मोहित यादव से गोरक्षक मोनू मानेसर तक बनने की कहानी।

By Vinay TrivediEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:02 PM (IST)
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मोहित यादव से गोरक्षक मोनू मानेसर बनने की कहानी

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। नल्हड़ मंदिर में ब्रजमंडल धाम जलाभिषेक यात्रा के दौरान 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा में मोनू मोनसर का नाम सामने आया था। यह पहला मौका नहीं था, जब मोनू का नाम किसी मामले में सामने आया हो, इससे पहले भी इसी साल फरवरी में राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड समेत कई आपराधिक मामलों में नाम उछल चुका है।

मंगलवार दोपहर मानेसर गांव के मार्केट से नूंह पुलिस ने एक केस में मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया है। इससे एक बार फिर मोनू का नाम हरियाणा समेत कई राज्यों में चर्चा में आ गया है। आईए आपको बताते हैं एक साधारण से लड़के मोहित यादव से गोरक्षक मोनू मानेसर तक बनने की कहानी।

दो भाइयों में सबसे बड़ा है मोनू 

गुरुग्राम के गांव मानेसर का रहने वाला 28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर आठ साल पहले तक एक साधारण लड़का था। मोनू के पिता की मौत हो चुकी है। वह दो भाइयों में बड़ा है। एक बहन है, उसकी शादी हो चुकी है। मोनू भी शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं।

गोरक्षा में रुचि होने के चलते वह बजरंग दल से जुड़ा और एक कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगा। शुरुआत में उसने गुरुग्राम जिले में कई गो-तस्करों के साथ मुकाबला किया। साल 2016 तक उसने खुद को गोरक्षा दल का प्रमुख चेहरा बनाने के लिए अपना नेटवर्क बनाया। उसके सूचनातंत्र का नेटवर्क हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, सोनीपत, पलवल, रेवाड़ी, और झज्जर समेत कई शहरों में खड़ा हो गया।

यहां उसकी टीम और बजरंग दल के लोग हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करने लगे। बताया जाता है कि कथित गो-तस्करों को पकड़ने के बाद टीम के सदस्य उनको पुलिस को सौंप देते थे। मोनू मानेसर का सूचनातंत्र ऐसा था कि गोतस्करी के मामले में पुलिस से पहले उसके पास सूचना पहुंचती थी। उसकी टीम में कई युवा शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर भी सक्रिय

मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहता था। उसके फेसबुक पर 90 हजार तो यूट्यूब पर दो लाख से ज्यादा फालोवर हैं। कथित गो-तस्करों को धमकी और रोड पर उनके साथ मुकाबला करते हुए कई बार मोनू मानेसर और उसकी टीम के वीडियो सामने आते रहे हैं। युवाओं का संगठन होने के चलते हिंदू समुदाय से जुड़े संगठनों में भी उसका काफी नाम है।

कई मामलों में सामने आया नाम

28 जनवरी 2023 को भिवाड़ी-तावडू रोड पर सेंट्रो कार में सवार वारिस व उसके साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान वारिस की मौत हो गई। वारिस की मौत से पहले का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ लोग वारिस और उसके साथियों से धमकी भरे लहजे में गांव और उनका नाम पूछ रहे थे। इस मामले में स्वजन ने मोनू मानेसर और उसके साथियों पर कथित गोतस्करी के आरोप में वारिस की हत्या करने का आरोप लगाया था।

7 फरवरी 2023 को गुरुग्राम के पटौदी में फायरिंग हुई थी। यहां की एक लड़की ने दूसरे समुदाय के लड़के से शादी कर ली थी। दोनों पक्षों के बीच काफी तनाव हुआ और उसमें मोनू मानेसर भी अपनी टीम के साथ पहुंचा। झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से फायरिंग हुई और इसमें मोइन नाम के युवक को गोली लगी। इसमें भी मोनू पर ही फायरिंग का आरोप लगा।

16 फरवरी 2023 को राजस्थान के भरतपुर के पहाड़ी इलाके के गांव घाटमीका निवासी नासिर और जुनैद के एक गाड़ी में कंकाल बरामद हुए थे। इस मामले में दोनों के परिवार ने गोरक्षक मोनू मानेसर और उसके साथियों पर मारपीट के बाद दोनों को जिंदा जलाकर मार देने का आरोप लगाया था। भरतपुर थाना पुलिस ने मोनू मानेसर सहित अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया था।

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इस केस में वह पिछले आठ महीने से फरार था। मोनू मानेसर पर पहले भी गुरुग्राम में कई मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन ये मुकदमे किन्हीं कारणों से वापस ले लिए गए। उस समय यह चर्चा रही थी कि मोनू के डर और पुलिस में उसके रसूख के चलते यह मुकदमे वापस लिए गए।

2019 को लगी थी गोली

2019 में गोतस्करों का पीछा करते समय तस्करों ने उसे गोली मार दी थी। गोली लगने से मोनू गंभीर रूप से घायल हो गया था। ठीक होने के बाद मोनू ने घर बैठने की बजाय गोतस्करों के खिलाफ और बड़ा अभियान छेड़ा और अपने नेटवर्क को कई अन्य जिलों में फैलाते हुए खुलेआम गोतस्करों को चुनौती भी दी।

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26 अगस्त को डाली गई पोस्ट

मोनू मानेसर के नाम से 26 अगस्त को एक पोस्ट डाली गई थी। इसमें लिखा था-''''''''परिणाम की चिंता हम नहीं करते, वार एक ही होगा, पर आखिर होगा...। Monumanesar''''''''। इंटरनेट मीडिया सेल के सिपाही मनोज कुमार ने नूंह साइबर क्राइम थाने में इसकी शिकायत दी थी।

साइबर पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह पोस्ट मोनू मानेसर नाम के अकाउंट से डाली गई।पुलिस के मुताबिक इस अकाउंट होल्डर ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव के नाम पर चल रहे मोबाइल नंबर से ही यह पोस्ट डाली गई।