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Haryana Crime: फिर मिले दो कंकाल, मचा हड़कंप; उठा सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

अरावली पहाड़ी में एक बार फिर दो कंकालों के मिलने से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी यहां पर बीते दो-तीन सालों में 10 से ज्यादा शव बरामद किए जा चुके हैं। अपराधियों द्वारा हत्या करने के बाद यहां शवों का फेंका जाना सबसे आसान है। क्योंकि इन पहाड़ियों पर महीना तक कोई भी आता जाता नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Tue, 05 Dec 2023 06:47 AM (IST)
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अरावली पहाड़ी में 25 वर्षीय महिला तो 30 वर्षीय पुरुष के कंकाल मिले
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। अरावली पहाड़ी में एक बार फिर दो कंकालों के मिलने से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी यहां पर बीते दो-तीन सालों में 10 से ज्यादा शव बरामद किए जा चुके हैं। अपराधियों द्वारा हत्या करने के बाद यहां शवों का फेंका जाना सबसे आसान है। क्योंकि इन पहाड़ियों पर महीना तक कोई भी आता जाता नहीं है। जब कभी यहां से कंकाल बरामद होते हैं, तब उनकी पहचान हो पाना मुश्किल हो जाता है। इससे अपराधियों को पकड़ पाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है।

रविवार रात और सोमवार सुबह अरावली पहाड़ी में दो किलोमीटर के दायरे में 25 वर्षीय महिला और 30 वर्षीय पुरुष के कंकाल बरामद किए गए। दोनों ही कंकाल दो से तीन महीने पुराने थे। महिला और पुरुष के कंकाल बरामद होने के बाद आईएमटी थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

थाना पुलिस जल्द ही आसपास के थानों में संपर्क कर मिसिंग रिपोर्ट की जांच करेगी और वास्तविक स्थिति का पता लगाएगी। यह देखा जाएगा कि इन रिपोर्ट में कहीं 25 से 30 वर्षीय महिला और 30 से 35 वर्षीय युवक के लापता होने की जानकारी तो नहीं है। जानकारी मिलने के साथ ही सभी के स्वजन से संपर्क कर मामले का पता लगाया जाएगा।

मानेसर घाटी में फेंके जा रहे शव

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर मानेसर गांव के समीप घाटी शुरू हो जाती है। यहां दोनों तरफ ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं। इस हाईवे से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात के लिए वाहन गुजरते हैं। हाईवे से लगने के लिए अपराधियों के लिए यह घाटी मुफीद साबित हो रही है। अपराधी दूसरे राज्यों से शव लाकर यहां फेंक कर चले जाते हैं। 20 सितंबर को ही कुछ लोग रेवाड़ी के धारूहेड़ा से चाबी बनाने वाले सुभाष सिंह नाम के व्यक्ति को अपहरण कर गुरुग्राम लेकर आए थे और उनकी हत्या कर मानेसर घाटी में शव फेंक दिया था।

पुलिस गस्त और सीसीटीवी कैमरे लगे तो रुकेंगी वारदात

मानेसर घाटी जाने के लिए हाईवे के किनारे बने ढाबों के पास से कई रास्ते जाते हैं। इन रास्तों पर ना तो पुलिस गश्त रहती है और ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि यहां पर अगर पुलिस गस्त बढ़ाई जाए और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं तो ऐसी वारदात रोकी जा सकती हैं।

घाटी में बीते वर्षों में मिले कंकाल

21 सितंबर 2023 को धारूहेड़ा से लाकर एक चाबी बनाने वाले की हत्या कर शव अरावली घाटी में फेंक दिया गया।

अगस्त 2023 में रेस्टोरेंट में काम करने वाले एक कर्मचारी की हत्या कर उसके शव घाटी में फेंका गया था।

21 अप्रैल 2023 को पूर्व नेवी कर्मी ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव के टुकड़े मानेसर घाटी में ही फेंके थे

22 जून 2022 मानेसर घाटी राम मंदिर के पास एक महिला का शव बरामद किया गया था। इसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई थी।

17 मार्च 2022 को सहरावन की ढाणी में एक व्यक्ति का शव पाया गया था।

मार्च 2022 में ही मानेसर घाटी में कटे हुए हाथ और पैर मिलने के बाद यहां तलाशी अभियान चलाया गया था। 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने पहाड़ी क्षेत्र में छानबीन की।नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) की दीवार के नजदीक एक कुत्ता कटे हुए हाथ को लेकर जा रहा था।

एनबीआरसी के सुरक्षाकर्मी ने देखकर पुलिस को इसकी सूचना दी थी।पुलिस ने अभियान चलाया तो पहाड़ी क्षेत्र में एक कटा हुआ पैर भी मिला था। 9 मार्च 2021 में मानेसर घाटी में एक नरकंकाल मिला था। इस दौरान क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। काफी दिनों बाद भी इसका कोई सुराग नहीं लगा सका था।

मानेसर घाटी का पूरा इलाका दस से 15 किलोमीटर के दायरे में आता है। हर जगह पर सीसीटीवी कैमरा और नाकेबंदी करना मुश्किल है। फिर भी घटनाओं को देखते हुए घाटी जाने वाले रास्तों पर पूरी तरह पुलिस कर्मियों को मुस्तैद किया जाएगा।  

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