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Haryana Election 2024: हरियाणा में तीसरी बार खिलेगा कमल? AAP-कांग्रेस गठबंधन से बढ़ेगी भाजपा की चुनौती

Haryana Vidhansabha Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन करने से भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है। पार्टी का गुड़गांव विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखना आसान नहीं होगा। यहां पर पिछले 10 सालों से बीजेपी का कब्जा है। 2019 के चुनाव में महज 30 हजार वोटों के अंतर से भाजपा को जीत मिली थी।

By Aditya Raj Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 05 Sep 2024 11:25 AM (IST)
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प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाना बीजेपी के लिए बनी चुनौती? फाइल फोटो
आदित्य राज, गुरुग्राम। आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि पार्टी के लिए गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा बरकरार रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। क्षेत्र में भाजपा की तरह ही आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस के पास कई मजबूत दावेदार हैं।

वर्ष 2014 एवं 2019 जैसी स्थिति भाजपा की नहीं दिख रही है। ऐसे में यदि भाजपा से बगावत करके कोई निर्दलीय सामने नहीं आया फिर आमने-सामने का मुकाबला होगा। निर्दलीय के सामने आने पर गठबंधन की स्थिति मजबूत हो जाएगी।

प्रदेश में गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। लगातार 10 सालों से इसके ऊपर भाजपा का कब्जा है। हरियाणा बनने के बाद सबसे पहला चुनाव जनसंघ ने जीता था। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही नहीं बल्कि संघ के वैचारिक संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारत विकास परिषद सहित कई संगठनों का काफी प्रभाव है। इस गढ़ पर कांग्रेस की लंबे समय से नजर है।

कई बार इस क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। आम आदमी पार्टी से गठबंधन होने पर कांग्रेस की ताकत बढ़ गई है। पिछले चुनाव में भाजपा की जीत केवल 30 हजार से अधिक मतों से हुई थी। निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले मोहित ग्रोवर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। मोहित दूसरे स्थान पर रहे थे।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भाजपा एवं कांग्रेस की स्थिति बराबर वाली है। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन होने से कांग्रेस का पलड़ा मजबूत दिख रहा है। ऐसे में भाजपा एवं गठबंधन के बीच घमासान होगा। यदि भाजपा ने अपने असंतुष्टों को नहीं संभाला वैसी स्थिति में परिणाम कुछ भी हो सकता है। बता दें कि भाजपा में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है।

इनमें विधायक सुधीर सिंगला, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नवीन गोयल, खेल प्रकोष्ठ के सह-संयोजक मुकेश शर्मा पहलवान, एनजीओ प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक व उद्योगपति बोधराज सीकरी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा प्रियदर्शी, पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, पूर्व पार्षद सीमा पाहूजा, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पूर्व पार्षद कपिल दुआ, पूर्व पार्षद सुभाष सिंगला।

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विश्व हिंदू परिषद के गुरुग्राम विभाग के अध्यक्ष ईश्वर मित्तल, रामअवतार गर्ग बिट्टू, वरिष्ठ अधिवक्ता हरकेश शर्मा एवं मनीष मित्तल दावेदार हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, मोहित मदनलाल ग्रोवर, पंकज डावर, कांग्रेस राष्ट्रीय कमेटी में सचिव आशीष दुआ, वरिष्ठ नेता डा. मुकेश शर्मा एवं कुलदीप कटारिया के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के दावेदारों में पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल के साथ ही डा. सारिका वर्मा, निशांत आनंद।

मुकेश डागर एवं माइकल सैनी के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। टिकट के बंटवारे के बाद तीनों पार्टियों में से दो-तीन के निर्दलीय मैदान में आने की चर्चा जोरों पर है। खासकर भाजपा में कई ऐसे हैं जो हर हाल में चुनाव लड़ने काे तैयार बैठे हैं। उन्हें संभालने का प्रयास किया जा रहा है। सफलता कितनी मिलती है, यह तो समय ही बताएगा। कुल मिलाकर गठबंधन होने से भाजपा को उसके गढ़ में जबर्दस्त चुनौती मिलने की संभावना है।

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