खुशखबरी: 90 दिनों के भीतर आवंटियों को फ्लैट देने का आदेश, पजेशन में देरी के लिए ब्याज का भी करना होगा भुगतान
हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने गुरुग्राम के चार बिल्डरों को 90 दिनों के भीतर फ्लैट का कब्जा देने और देरी के लिए ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया है। आदेश का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इन बिल्डरों में रहेजा डेवलपर्स रामप्रस्था डेवलपर्स ताशी लैंड डेवलपर्स और सनरेज हाइट्स शामिल हैं।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने चार बिल्डरों को आदेश दिया है कि वे अपने आवंटियों को 90 दिनों के भीतर फ्लैट का कब्जा दें। कब्जा देने में देरी के लिए ब्याज का भुगतान करें।
बिल्डरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
आदेश का पालन न करने पर बिल्डरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इन बिल्डरों में रहेजा डिवेलपर्स, रामप्रस्था डिवेलपर्स, ताशी लैंड डिवेलपर्स और सनरेज हाइट्स शामिल हैं। हरेरा के इन आदेशों से आवंटियों को राहत मिलने की उम्मीद है जो लंबे समय से फ्लैट का इंतजार कर रहे थे और वित्तीय नुकसान का सामना कर रहे थे।
रहेजा डिवेलपर्स को आदेश
नई दिल्ली के अलखनंदा निवासी धर्मपाल सिंह और मंजीत कौर स्वामी ने सेक्टर 109 स्थित रहेजा शिलास में 2010 में करीब 74 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा था जिसमें से 66 लाख रुपये का भुगतान भी हो चुका है। टाऊन एंड कंट्री विभाग द्वारा कब्जा प्रमाण पत्र जारी न होने के कारण फ्लैट का कब्जा नहीं मिला। हरेरा सदस्य वीके गोयल ने बिल्डर को आदेश दिया है कि 90 दिन के भीतर फ्लैट का कब्जा दें और देरी के लिए ब्याज का भुगतान करें।
रामप्रस्था डिवेलपर्स को भी दिए आदेश
द्वारका के विजय कुमार और सोनाली राजक ने सेक्टर-37डी स्थित प्रीमेरा सोसायटी में 2013 में फ्लैट बुक किया था और एक करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं। उन्हें 2018 में कब्जा मिलना था। हरेरा के आदेश में कहा गया है कि फरवरी 2018 से फ्लैट का कब्जा देने तक 11.10% सालाना ब्याज याचिकाकर्ताओं को देना होगा।ताशी लैंड डेवलपर्स और केएनएस इंफ्राकान भी करेगा रिफंड
द्वारका सेक्टर-9 की निवासी सुषमा रानी ने कैपिटल गेटवे सेक्टर-111 में फ्लैट बुक किया था और 76 लाख रुपये का भुगतान कर चुकी हैं लेकिन कब्जा नहीं मिला। हरेरा सदस्य अशोक सांगवान ने बिल्डर को 2015 से अब तक 11.10% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया है। 90 दिनों के भीतर कब्जा और ब्याज का भुगतान न करने पर हरेरा अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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