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20 बिल्डरों के खिलाफ जारी हुए थे 207 गिरफ्तारी वारंट, कार्रवाई न करने पर गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ HC पहुंचा हरेरा

हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) ने फ्लैट और मुआवजा न देने पर 20 बिल्डरों के विरुद्ध जारी किए गए 207 गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई न होने से गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पुलिस की निष्क्रियता से हजारों घर खरीदारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये गिरफ्तारी वारंट फरवरी से सितंबर 2024 के बीच जारी किए गए थे।

By Vinay Trivedi Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 14 Oct 2024 11:00 PM (IST)
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गुरुग्राम के सिविल लाइंस स्थित हरेरा कार्यालय।

गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा, HRERA) ने फ्लैट और मुआवजा न देने पर 20 बिल्डरों के विरुद्ध जारी किए गए 207 गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई न होने से गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

पुलिस की निष्क्रियता पर हाईकोर्ट ने गुरुग्राम पुलिस उपायुक्त मुख्यालय को नोटिस भेजकर तलब किया है। यह वारंट उन डेवलपर्स के विरुद्ध हैं, जो फ्लैट्स की देरी से डिलीवरी पर खरीदारों को मुआवजा देने में विफल रहे हैं।

हरेरा के आदेशों की अवेहलना

ये गिरफ्तारी वारंट फरवरी से सितंबर 2024 के बीच जारी किए गए थे और इनमें उन डेवलपर्स के नाम शामिल हैं, जिन्होंने हरेरा के मुआवजा आदेशों की अवहेलना की है। हरेरा के एडजूकेटिंग आफिसर (निर्णय अधिकारी) राजेंद्र कुमार का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण हजारों घर खरीदारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

पुलिस ने अबतक नहीं की कार्रवाई

राजेंद्र कुमार ने कहा कि हमने 207 गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक एक भी वारंट पर कार्रवाई नहीं की। हमें हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा और पुलिस के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू करनी पड़ी। पुलिस की निष्क्रियता के कारण घर खरीदार असहाय महसूस कर रहे हैं।

खरीदारों में नाराजगी

गिरफ्तारी वारंटों पर कार्रवाई न होने से कई घर खरीदार निराश और वित्तीय संकट में हैं। कई खरीदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है और कहा कि यह प्रक्रिया उनकी उम्मीदों को तोड़ रही है और सिस्टम में उनके विश्वास को कमजोर कर रही है। 2017 में गुरुग्राम में फ्लैट खरीदने वाले रवि शर्मा ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि मैं वर्षों से अपने फ्लैट की डिलीवरी का इंतजार कर रहा हूं।

हरेरा ने मुआवजे का आदेश दिया था, लेकिन मुझे अभी तक एक भी पैसा नहीं मिला है। इसी तरह एक अन्य परेशान खरीदार मेघा अरोड़ा ने इस स्थिति से हो रहे भावनात्मक और वित्तीय नुकसान को बताया। मैंने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई इस फ्लैट में लगाई और अब भी किराए के मकान में रह रही हूं।

हरेरा के आदेशों ने हमें थोड़ी उम्मीद दी थी लेकिन गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हजारों घर खरीदार अब हरेरा और हाईकोर्ट से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

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इन बिल्डरों के विरुद्ध जारी किए वारंट

बिल्डरों के विरुद्ध जारी किए जाने वाली सूची में सबसे ऊपर रहेजा डेवलपर्स है जिसके अकेले के विरूद्व 48 वारंट जारी किए गए है। इसके बाद अंसल हाउसिंग के 40, रामप्रस्था के 30, पार्श्वनाथ, इंपीरिया, एसोटेक, आईएलडी समेत कुल 20 बिल्डर वारंट की सूची में शामिल है।

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