'भारत का अपना विकास मॉडल हो, जिसे दुनिया अनुसरण करे', गुरुग्राम के SGT यूनिवर्सिटी में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने पर भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के युवा शोधकर्ताओं को संबोधित किया। डॉ. सोमनाथ ने कहा विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अनुसंधान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उद्योगों स्टार्टअप शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के की क्षमता को बढ़ाता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जिले के एसजीटी विश्वविद्यालय में भारतीय शिक्षण मंडल के 'विविभा 2024: विजन फॉर विकसित भारत' कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत पहुंचे। मोहन भागवत ने विकास के भारतीय मॉडल की प्रशंसा की है जो प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर काम करता है। वहीं, उन्होंने विकास के पश्चिमी मॉडल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत को विकास का अपना मॉडल विकसित करना चाहिए जिसका दुनिया अनुसरण कर सके।
उन्होंने कहा, "शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है, लेकिन यह शिक्षा भारत केंद्रित होनी चाहिए। हमें दुनिया भर से अच्छे विचार लेने चाहिए लेकिन कभी भी अंधभक्त नहीं बनना चाहिए। यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे भारतीय ज्ञान पर आधारित रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन करें।" आरएसएस प्रमुख ने भारतीय शिक्षण मंडल - युवा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोधकर्ता सम्मेलन 'विविभा 2024: विजन फॉर विकसित भारत' के उद्घाटन सत्र में पहुंचे।
अगले 25 वर्ष भारत के लिए महत्वपूर्ण: इसरो प्रमुख
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने पर भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के युवा शोधकर्ताओं को संबोधित किया। डॉ. सोमनाथ ने कहा, "विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अनुसंधान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उद्योगों, स्टार्टअप, शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा कई अन्य क्षेत्रों की क्षमता को बढ़ाता है।" उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।"कैलाश सत्यार्थी ने भी रखे अपने विचार
इसरो प्रमुख ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और नवाचार के बिंदुओं को विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ने की जरूरत है। डॉ. सोमनाथ ने इसरो की योजनाओं को रेखांकित करते हुए कहा, "हमने चंद्रमा को छू लिया है और भविष्य में हम मंगल, शुक्र और अन्य ग्रहों पर भी मिशन चलाना चाहते हैं।" कैलाश सत्यार्थी ने इस कार्यक्रम की मेजबानी के लिए आयोजकों की प्रशंसा और धन्यवाद करने के बाद कहा, "यह सम्मेलन एक ऐसे यज्ञ की शुरुआत थी जो पूरी दुनिया को प्रबुद्ध करेगा।"
यह भी पढ़ें- लेडी डॉन के खुले कई बड़े राज, रिमांड का आज चौथा दिन; पूछताछ के लिए राजस्थान ले गई पुलिस
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।