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भिखारी गैंग का पर्दाफाश: एक शहर में 15 दिन तक ठिकाना, बंद घरों को बनाते थे निशाना; गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार

Gurugram Crime गुरुग्राम में पुलिस ने एक भिखारी गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है। बताया गया कि इस गिरोह के सदस्यों पर दिल्ली हरियाणा राजस्थान मध्य प्रदेश में चोरी के एक दर्जन से भी अधिक केस दर्ज हैं। जानिए आखिर गिरोह के सदस्य कैसे बंद घरों को निशाना बनाते थे।

By Vinay Trivedi Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 13 Aug 2024 05:03 PM (IST)
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पुलिस ने भिखारी बन चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया। जागरण फोटो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। भिखारी बनकर चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का डीएलएफ फेस चार क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच ने इस बागरिया गिरोह के पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक सुनार भी शामिल है। यह गिरोह से चोरी के गहने खरीदता था।

डीएलएफ फेस चार क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने बताया कि 13 जून को एक व्यक्ति ने नाथूपुर चौकी में घर से चाेरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। केस दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व लोगों से पूछताछ के आधार पर आरोपितों की पहचान की और लेजर वैली पार्क से गिरोह के चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

इनकी पहचान राजस्थान के अजमेर निवासी विनोद उर्फ बागरिया, बाबूलाल उर्फ सोनू, मंगल व उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी बंटी के रूप में की गई। इनसे पूछताछ के आधार पर सोमवार रात चोरी के गहने खरीदने वाले सुनार राजस्थान के केकड़ी जिला निवासी आरोपित पन्नालाल को भी गिरफ्तार कर लिया।

शहर में झुग्गी डालकर रहते थे आरोपित, मांगते थे भीख

पुलिस पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपित बागरिया गिरोह के गुर्गे हैं और विनोद उर्फ बागरिया इस गिरोह का सरगना है। यह गिरोह चोरी या सेंधमारी करने के पहले किसी शहर, कस्बे या कॉलोनी को चिन्हित करता था।

इसके बाद गिरोह के गुर्गे खाली स्थान पर झुग्गी डालकर रहते थे और ये खाना बनाने के लिए एक महिला को भी रखते थे, ताकि इसकी झुग्गी को देखने पर ऐसा प्रतीत हो कि झुग्गी में परिवार रहता है।

पुलिस के अनुसार, ये दिन के समय भीख मांगने के बहाने क्षेत्र में जाते और मकानों की रेकी करते थे। जो मकान बंद या ताला लगा मिलता तो यह उस मकान का ताला तोड़कर घुस जाते। इनके दो साथी मकान के बाहर रहकर निगरानी करते थे। इसके बाद चोरी किए हुए गहनों को राजस्थान में जाकर पन्नालाल को बेच देते थे।

15 दिन बाद बदल देते थे शहर

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह एक शहर में आठ से 10 चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। इसके बाद शहर छोड़कर दूसरी जगह चले जाते थे। एक स्थान पर 15 से 20 दिन ही रुकते थे। गिरोह ने गुरुग्राम के विभिन्न थाना क्षेत्र से चोरी की आठ वारदात और दिल्ली से चोरी की दो वारदात को अंजाम देने की जानकारी दी।

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इनके खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में चोरी के एक दर्जन से भी अधिक केस दर्ज हैं। ये पहले भी जेल जा चुके हैं। इनके पास से दो पेचकस और दो लोहे की सरिया बरामद की गई। फिलहाल इन्हें कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया गया है।

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