गुरुग्राम में रुपये की लालच में सहकर्मी को किडनैप कर मार डाला, युवक की हत्या के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार
पालिमर प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले एक व्यक्ति ने दो साथियों के साथ मिलकर सहकर्मी का अपहरण कर लिया। चार दिनों तक बंधक बनाकर उनके खाते से करीब चार लाख रुपये निकाल लिए। इसके बाद हत्या कर शव को मेवात के गांव मोहम्मदपुर अहीर में फेंक दिया। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। आईएमटी मानेसर स्थित रानी पालिमर प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले एक व्यक्ति ने दो साथियों के साथ मिलकर सहकर्मी का अपहरण कर लिया। चार दिनों तक बंधक बनाकर उनके खाते से करीब चार लाख रुपये निकाल लिए।
तीन आरोपितों को पुलिस ने दबोचा
इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर शव को मेवात के गांव मोहम्मदपुर अहीर में फेंक दिया। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने बताया कि एक व्यक्ति ने सिविल लाइंस थाने में 45 वर्षीय प्रवीण त्रिवेदी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
परिवार ने बताया था कि वह आईएमटी मानेसर स्थित रानी पालिमर कंपनी में काम कर रहे थे और पांच अक्टूबर से उनकी बातचीत नहीं हो रही थी। प्रवीण यहां पटेल नगर में अकेले रहते थे। इनका परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रहता है। थाना पुलिस ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की। सिविल लाइंस थाना प्रभारी पूनम हुड्डा की टीम ने कार्रवाई करते हुए गुमशुदा व्यक्ति के बारे में विभिन्न माध्यमों से जानकारी एकत्रित की।
इस दौरान जांच में पता चला कि पांच से नौ अक्टूबर तक प्रवीण के बैंक खाते से प्रतिदिन अलग-अलग एटीएम से रुपये निकाले जा रहे थे। एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर प्रवीण की जगह कोई और पैसे निकालता दिखा। इस पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया।
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टीम ने आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई और 14 अक्टूबर को हरिद्वार से एक आरोपित अक्षय को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ में प्रदीप और विनय का नाम भी सामने आया। इन दोनों को रामपुरा फ्लाइओवर के पास से धर दबोचा गया। पुलिस पूछताछ में तीनों ने प्रवीण का अपहरण कर हत्या करने की बात स्वीकार की।
प्रदीप को लग गई थी प्रवीण के बैंक खाते की जानकारी
आरोपितों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि प्रवीण त्रिवेदी व प्रदीप दोनों एक साथ कंपनी में काम करते थे। आरोपित प्रदीप को प्रवीण के बैंक खाते में लाखों रुपये होने की जानकारी हो गई थी। इसके बाद उसने अपने रिश्तेदार विनय और एक अन्य साथी अक्षय के साथ मिलकर प्रवीण का अपहरण कर हत्या की साजिश रची।
तीनों ने पांच अक्टूबर को पटेल नगर में घर के बाहर बुलाया। सभी लोग उन्हें वहां से मानेसर ले गए। यहां अक्षय के कमरे में बंधक बनाकर रखा गया। इसके खाते से रुपये निकलवाए और उन्हीं रुपये से एक पुरानी वैगनार कार खरीदी। नौ अक्टूबर की रात आरोपितों ने प्रवीण की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को गांव मोहम्मदपुर अहीर में फेंक दिया।
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