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लेडी डॉन मनीषा ने पूछताछ में उगले कई राज, भाई के साथ खड़ा किया कौशल गैंग का नेटवर्क; जेल से मिलते थे निर्देश

कुख्यात गैंगस्टर कौशल चौधरी की दूसरी पत्नी और लेडी डॉन मनीषा ने गुरुग्राम पुलिस की पूछताछ में कई राज उगले हैं। 2024 में जेल से बाहर आने के बाद पुलिस की निगरानी हटते ही वह फिर सक्रिय हो गई थी। वह अपने भाई के साथ मिलकर फिर से कौशल गैंग का नेटवर्क खड़ा कर रही थी। होटल संचालकों शराब और सट्टा कारोबारियों से वह रंगदारी वसूल रही थी।

By Vinay Trivedi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 13 Nov 2024 02:43 PM (IST)
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कुख्यात गैंगस्टर कौशल चौधरी की पत्नी मनीषा। फोटो सौजन्य: पुलिस
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। कुख्यात गैंगस्टर कौशल चौधरी की पत्नी मनीषा अपने भाई सौरभ गाडौली के साथ मिलकर फिर से कौशल गैंग का नेटवर्क खड़ा कर रही थी। सौरभ की मदद से लेडी डॉन बन रही मनीषा होटल संचालकों, शराब और सट्टा कारोबारियों से रंगदारी वसूलती थी।

गुरुग्राम पुलिस ने मनीषा से पूछताछ के बाद गैंग संचालित करने में हर प्रकार की मदद करने वाले उसके पिता, बुआ और महिला दोस्त को भी मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया।

दूसरे दिन मनीषा से हुई कई घंटे की पूछताछ

छह दिन के रिमांड पर चल रही मनीषा से दूसरे दिन कई घंटे पूछताछ चली। बिलासपुर क्षेत्र स्थित ओल्ड राव होटल समेत चार होटल संचालकों से दो-दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में उसे सोमवार को देवीलाल कॉलोनी से पकड़ा गया था। मंगलवार को पूछताछ के दौरान उसने गैंग के नेटवर्क के बारे में जानकारी दी।

भाई के अलावा परिवार के अन्य लोगों की तरफ से मिल रही मदद के बारे में जानकारी मिलने पर गुरुग्राम पुलिस की एक टीम ने गाडौली से उसके पिता 75 वर्षीय सुरेश, बुआ विद्यावती और दोस्त मीनाक्षी को भी गिरफ्तार कर लिया। एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने बताया कि उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड में लिया जाएगा।

 गैंग को फिर सक्रिय कर रही थी मनीषा

कुख्यात गैंगस्टर कौशल चौधरी को 2019 में गिरफ्तार किया गया था। मनीषा कौशल की दूसरी पत्नी है। पहली बार उसका नाम 2019 में बादशाहपुर में बुकी विजय की हत्या में आया था। उसे गिरफ्तार किया गया था। जेल से बाहर आने के बाद वह काफी दिनों तक अंडरग्राउंड रही। कई बार मनीषा ने जेल में कौशल से मुलाकात की। उसके बाद गैंग को जिंदा रखने के लिए कई और वारदात कीं।

फरवरी 2023 में जेल से बाहर आई थी मनीषा

कौशल का नेटवर्क गुरुग्राम, दक्षिण हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में भी फैला हुआ था। उसने पंजाब में होशियारपुर के कारोबारी से रंगदारी मांगी। उस मामले में भी पंजाब पुलिस ने उसे पकड़कर जेल भेजा। अक्टूबर 2023 में उसका नाम खांडसा मंडी में कारोबारियों से रंगदारी मांगने में सामने आया।

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गुरुग्राम पुलिस ने उसे पकड़ा था। फरवरी 2023 में वह जमानत पर जेल से बाहर आई थी। उसके बाद पुलिस की उस पर काफी दिनों तक निगरानी रही। निगरानी हटते ही उसने फिर से गैंग की सक्रियता बढ़ा दी। होटल संचालकों, शराब और सट्टा कारोबारियों से रंगदारी मांगनी शुरू की। सूत्रों के अनुसार शराब और सट्टा कारोबारियों ने कई बार उसको पैसे दिए भी।

फोन की जांच करेगी पुलिस

मानेसर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तारी के दौरान मनीषा के पास से दो मोबाइल बरामद किए थे। पूछताछ में पता चला कि वह गिरोह के गुर्गों से जंगी एप के द्वारा बातचीत करती थी। यह टेलीग्राम की तरह का ही दूसरा मैसेंजर एप है। हालांकि इस एप के बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं है।

एप से बात करने के लिए केवल मोबाइल नंबर डालकर रजिस्टर करना जरूरी है। यहां किसी प्रकार के वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती और पहचान छिपाई जा सकती है। साइबर पुलिस बरामद दोनों मोबाइल की जांच करेगी।

रिमांड पर लेकर राजस्थान पुलिस भी करेगी पूछताछ

बिलासपुर के होटल संचालकों से रंगदारी मांगने से पहले उसके गिरोह ने नीमराना के होटल हाईवे किंग्स से भी पैसे मांगे थे। नहीं देने पर आठ सितंबर को शूटरों ने फायरिंग की थी। इसकी मुख्य साजिशकर्ता भी मनीषा ही थी। इस काम में उसका साथ विदेश में बैठे उसके भाई सौरभ गाडौली ने दिया था। पंजाब से अन्य गिरोह के शूटर बुलाए गए थे और वहीं से हथियार भी उपलब्ध कराए गए थे।

क्या दूसरे देश में बैठे गैंगस्टर कर रहे मदद?

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में शूटरों को पहले ही पकड़ लिया था। उनसे पूछताछ में इसका नाम सामने आया था। मनीषा की गिरफ्तारी में राजस्थान पुलिस ने भी काफी सहयोग किया। नीमराना की वारदात के मामले में राजस्थान पुलिस भी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। यह भी पता चला कि गिरोह संचालित करने में मनीषा को दूसरे देश में बैठे कुख्यात गैंगस्टर पवन शौकी और दिनेश गांधी की भी मदद मिल रही है।

यह भी जानकारी मिली है कि गिरोह को संचालित करने के दौरान पुलिस से बचने के लिए मनीषा ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग जिलों में किराये पर मकान लिए। पहचान छिपाने के लिए पिता के नाम पर घर लेती थी और उन्हीं की आईडी देती थी। उससे पूछताछ के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है। तभी ये गिरफ्तारियां की गई हैं।

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