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Gurugram: रेप करके बच्चियों की हत्या करने वाले सीरियल किलर को आजीवान कारावास, पहले भी मिल चुकी है फांसी की सजा

गुरुग्राम की फास्टट्रेक स्पेशल कोर्ट ने एक सनसनीखेज मामले में दोषी सुनील कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सुनील पर तीन साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का आरोप था। इससे पहले उसे एक अन्य मामले में फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है। कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

By Aditya Raj Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 26 Oct 2024 10:01 AM (IST)
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रेप करके बच्चियों की हत्या करने वाले सीरियल किलर को आजीवान कारावास
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। फास्टट्रेक स्पेशल कोर्ट तथा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत ने मासूम से दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में फांसी की सजा पा चुके दोषी को एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।

मुआवजे की राशि मासूम बच्ची के माता-पिता को बराबर हिस्से में जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण (डालसा) देगा। दोषी सुनील कुमार पर मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के कई मामले चल रहे हैं।

भोंडसी जेल में बंद है सुनील

अदालत तीन वर्षीय मासूम से दुष्कर्म व हत्या के मामले में दोषी सुनील को फांसी की सजा सुना चुकी है। फांसी की सजा अदालत ने इसी वर्ष फरवरी में सुनाई थी। दोषी सुनील भोंडसी जेल में बंद है। 2018 से भोंडसी जेल में बंद है।

दो बच्चियां हुईं थी गायब

जनवरी 2017 में सिविल लाइन थाना क्षेत्र में दो बच्चियां अपनी दादी के साथ पीर बाबा की मजार पर गई थीं। वहां भीड़ में प्रसाद लेने के दौरान एक पांच वर्षीय बच्ची गुम हो गई थी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने बच्ची के गुम होने की शिकायत दर्ज की थी। उसके बाद बच्ची का शव बरामद हुआ था।

बाद में मासूम का व राजीव चौक के पास एक पार्क में बन पानी के होद में मिला था। पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल कर उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के गंज गांव के सुनील को नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया।

पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए फरिश्ते ग्रुप के पदाधिकारी एडवोकेट डॉ. अंजू रावत नेगी एडवोकेट, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज एवं एडवोकेट पंकज वर्मा ने इस केस की निशुल्क पैरवी की। संस्था की मुख्य सचिव डॉ. अंजू रावत नेगी ने कोर्ट में इस केस को अंजाम तक पहुंचाया।

गरीब बच्चियों पर रखता था नजर

दोषी सुनील का बच्चियों के प्रति एक दरिंदे जैसा व्यवहार था। हत्या को अंजाम देने के बाद अपनी जगह बदल लेता था। वह अधिकतर झुग्गियों व मंदिरों में भंडारे में आ रही बच्चियों पर नजर रखता था। गरीब बच्चियों को खाने का लालच देकर उन्हें सुनसान जगह ले जाता था। उनसे दुष्कर्म कर उन्हें भूखा रखता और जान से मार देता था।

इसी तरह के तीन अन्य मामले लंबित

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने बताया कि सीरियल किलर सुनील को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश शशि चौहान की अदालत ने तीन वर्षीय मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। सुनील के विरुद्ध इसी तरह के तीन अन्य मामले अदालत में लंबित हैं।

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नवंबर 2018 में दोषी सुनील को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब उसने पुलिस रिमांड के दौरान 10 मासूम बच्चियों से दुष्कर्म व उनकी हत्या करने की बात स्वीकार की थी।

तत्कालीन पुलिस आयुक्त केके राव ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक पुलिस आयुक्त उषा कुंडू के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने इस पूरे मामले में गहन जांच पड़ताल कर दोषी सुनील के विरुद्ध काफी साक्ष्य जुटाए थे।

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