नीली गोली खाकर 'सुपरमैन' बनने में जुटे लोग, यौनवर्धक दवाओं के सेवन से लीवर और किडनी हो रहे खराब; बढ़ रही नपुंसकता
वरिष्ठ फिजिशियन और मानसिक रोग चिकित्सकों की रिपोर्ट बताती है कि यौन पावर बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री तेजी से बढ़ी है। इसके अनियंत्रित सेवन से ब्लड प्रेशर बिगड़ने अनियमित धड़कन हेडेक आंखों के आगे अंधेरा छाने से लेकर हार्ट अटैक तक हो सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दवाओं से तमाम दुष्प्रभाव हैं। यह दवा सबसे ज्यादा लीवर खराब करती हैं।
जूही दास, गुरुग्राम। नई पीढ़ी न सिर्फ नशाखोरी की लत में फंस रही, बल्कि चंद पल के आनंद की भूख मिटाने और पार्टनर की नजर में 'सुपरमैन' बनने के लिए ऐसी शक्तिवर्धक दवाएं ले रहे हैं, जिससे जान पर जोखिम बन रहा। वरिष्ठ फिजिशियन और मानसिक रोग चिकित्सकों की रिपोर्ट बताती है कि यौन पावर बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री तेजी से बढ़ी है। इसके अनियंत्रित सेवन से ब्लड प्रेशर बिगड़ने, अनियमित धड़कन, हेडेक, आंखों के आगे अंधेरा छाने से लेकर हार्ट अटैक तक हो सकता है।
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नवीन कुमार बताते हैं कि आधुनिक जीवनशैली में तनाव, फास्टफूड और खतरनाक रसायनयुक्त सेवन और शारीरिक श्रम की कमी से युवाओं की प्राकृतिक सामर्थ्य घट गई है। जिम क्लबों में मांसपेशियों को फुलाने वाले स्टेरायडयुक्त प्रोटीन पावडर दिए जाने से युवा अपनी पुरुष शक्ति खो रहे हैं।दिन रात स्क्रीन की नीली रोशनी के संपर्क में रहने कामुक कल्पना करने और ऐसी फिल्में देखने से उसकी मनोवृति बिगड़ रही है।
क्लब कल्चर ने बढ़ाई भूख
नाइट क्लबों की बढ़ती कल्चर, नशाखोरी, अल्कोहल और हर पल को जीने की हवस में शक्तिवर्धक दवाओं की बिक्री बढ़ी। मेडिकल स्टोरों के संचालक बताते हैं कि लोग यौनवर्धक दवाओं के नाम पर सिडनेफिल सिट्रेट यानी वियाग्रा का बिना डॉक्टरों से परामर्श लिए सेवन करते हैं। कई तो हाई डोज की टैबलेट ले जाते हैं जो पूरी शरीर का मेटाबालिज्म बिगाड़ सकता है। इसके सेवन से किडनी और लिवर खराब हो सकता है। स्थाई नपुंसकता तक संभव है। कई लोग हृदय रोगी तक बन गए।हर महीने नागरिक अस्पताल पहुंचते हैं 20 से ज्यादा मरीज
विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दवाओं से तमाम दुष्प्रभाव हैं। यह दवा सबसे ज्यादा लीवर खराब करती हैं। बच्चे पैदा करने में परेशानी होती है। किडनी खराब होती है। हर महीने अस्पताल में इस दवा से होने वाले साइड इफेक्ट से पीड़ित 20 ज्यादा पीड़ित अस्पताल में इलाज कराने आते हैं। इन गोलियों के अधिक सेवन लोग इनफर्टिलिटी का शिकार हो जाते हैं।
यौन डिसआर्डर का शिकार
मनोरोग विशेषज्ञ डा. अजय कहते हैं कि इंटरनेट और टीवी पर बढ़ता यौनेच्छा कंटेंट के कारण युवाओं में यौन को लेकर गलत धारणा बन गई है। उन्हें लगता है कि ज्यादा तनाव और यौन का लंबा समय एक अच्छा इंटरकोर्स है जिसके चलते वह वायग्रा जैसे दवा का ज्यादा सेवन करते हैं। इससे यौन डिसआर्डर बढ़ जाता है।कैसे करती है काम
इस दवा से प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इससे इरेक्शन मेनटेन रहता है और इंटरकोर्स पासिबल हो पाता है। हालांकि बिना एक्सपर्ट की सलाह के इस दवा को लेना काफी नुकसानदायक होता है। हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, वियाग्रा लेने के एक घंटे बाद ही काम करना शुरू कर देती है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह है नियम
ड्रग कंट्रोल ऑफिसर अमनदीप चौहान ने बताया कि मेडिकल स्टोर के लिए ड्रग व कास्मेटिक लाइसेंस फार्मासिस्ट के नाम पर रजिस्टर किया जाता है। फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से पंजीकृत मान्य दवा दुकानों से ही दवा की खरीदारी करनी चाहिए। बिना चिकित्सकों के परामर्श के यदि कोई वायग्रा लेते हैं तो मुश्किल साइड इफेक्ट का शिकार हो सकते हैं। अगर आप इसे इंटरनेट के जरिए खरीदते हैं तो इसका ख्याल रखें कि वो वेबसाइट आपसे डाक्टर का पर्चा दिखाने को कहे। कई देशों में ऑनलाइन वायग्रा की खरीददारी अवैध होती है।जिले में रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर की संख्या
- 4500 है जिले में मेडिकल स्टोर पंजीकृत
- 1500 के करीब पांच साल में किए कैंसिल
- 3000 से ज्यादा को पांच साल में किया गया है रजिस्टर्ड
- 10 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक मेडिकल स्टोर पर मिलती है इस तरह की दवाएं