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महरौली रोड आईटीआई दिन में शिक्षा का मंदिर, रात में जुए का अड्डा

गुरुग्राम के महरौली रोड स्थित जिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में सुरक्षा के इंतजाम बेहद खराब हैं। तीन साल से अधिक समय से संस्थान की चारदीवारी नहीं बन पाई है जिससे छात्र-छात्राएं असुरक्षित महसूस करते हैं। दिन में शिक्षा का मंदिर रात में जुए का अड्डा बन रहा है। टूटी दीवार से असामाजिक तत्व घुसकर जुआ खेलते हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।

By Sanjay Gulati Edited By: Pooja Tripathi Updated: Thu, 22 Aug 2024 07:46 PM (IST)
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गुरुग्राम स्थित आईटीआई में सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम। जागरण

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम के सबसे बड़े महरौली रोड स्थित जिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में सुरक्षा के इंतजाम बेहतर नहीं हैं।

यहां पर लगभग तीन साल से अब तक चारदीवारी तक नहीं बन पाई है। ऐसे में विद्यार्थी खासकर छात्राएं बिना चारदीवारी के संस्थान में अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। संस्थान का यह भवन दिन में शिक्षा का मंदिर और रात में जुए का अड्डा बन रहा है।

लगभग तीन वर्ष पहले संस्थान की बाहरी दीवार जर्जर घोषित की गई और उसे तोड़ दिया गया। लेकिन अब तक यहां पर टूटी दीवार का मलबा तक नहीं हटाया गया है।

अधूरी पड़ी दीवार आज तक पूरी नहीं बन पाई है। ऐसे में असामाजिक तत्व यहां अंदर प्रवेश कर जाते हैं और रात के समय संस्थान में जुआ आदि खेलते हैं।

नहीं बनी दीवार, सरकारी संपत्ति को हो रहा नुकसान

संस्थान की नई दीवार बनाने का कार्य काफी पहले शुरू हुआ था, लेकिन कर्मचारी बीच में ही वापस लौट गए थे। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया दोबारा होना तो दूर की बात टूटी दीवार का मलबा तक नहीं हटाया गया है।

वर्तमान में संस्थान में 1500 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए जरूरी है कि यह दीवार जल्द बनाई जानी चाहिए। कई बार यहां पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाएं भी हुई हैं।

मारपीट और चोरी के भी कई मामले सामने आए हैं। टूटी दीवार को बनाने का कार्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का है। विभाग को आईटीआई प्रिंसिपल की तरफ से 50 से अधिक बार लिखित में पत्र भेजकर आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द दीवार को बनवाया जाए।

इसके अलावा जिला उपायुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त काे भी टूटी दीवार को लेकर सुरक्षा के इंतजामों में बरती जा रही लापरवाही के बारे में बताया गया था।

मौके पर ही डीसी और एडीसी ने संबंधित एक्सईएन को फोन कर जल्द से जल्द नई दीवार बनाने का कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी आज तक कोई सुध नहीं ली गई है। यहां पर रात के समय असामाजिक तत्व भवन के अंदर आ जाते हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाते हैं।

तीन साल से जर्जर भवन को तोड़ने का इंतजार

पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा संस्थान की एक बिल्डिंग तीन साल पहले जर्जर घोषित कर दी गई थी। इसके बाद भी भवन को अब तक तोड़ा नहीं गया है। जबकि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा इस भवन को तोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी के पास पांच लाख रुपये जमा भी हो चुके हैं।

यह भवन लगभग 65 साल पुराना है। वर्षा के दिनों में इस भवन के गिरने का डर सताता रहता है। भवन के अंदर टूटी छतों से वर्षा का पानी जमा हो जाता है।

पिछले वर्ष यहां पर डेंगू का लार्वा भी मिला था। लगातार भवन में पानी भरा रहने से यह कभी भी गिर सकता है। इस भवन को तोड़कर यहां पर 500 विद्यार्थियों की क्षमता वाला मल्टीपरपज हाल और नए क्लासरूम तथा वर्कशाप बनाई जानी है।

अब तक पीडब्ल्यूडी को 50 से अधिक रिमांइडर भेज दिए गए हैं। वर्षा के दिनों में जर्जर भवन को लेकर हमेशा डर बना रहता है। क्योंकि शाम के समय यहां पर टूटी दीवार से बाहरी लोग भी अंदर आ जाते हैं और यहां बैठकर नशा करते हैं। संस्थान के बाहर खड़े होने वाले आटो चालक भी अपना आटो संस्थान के अंदर ले आते हैं।-जयदीप कादियान, प्रिंसिपल, जिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

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