क्या है देवोत्थान एकादशी का महत्व? आज से होगी मांगलिक कार्यों की शुरुआत; हर तरफ गूंजेंगी शहनाई
आज यानी मंगलवार को देवाेत्थान एकादशी है। आज से चारों तरफ शहनाई गूंजेंगी। वहीं आज से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। बताया गया कि मंगलवार को देवोत्थान एकादशी पर गुरुग्राम में बहुत शादियां होंगी। देवोत्थान एकादशी के दिन नारायण भगवान सोकर उठते हैं। वहीं भगवान विष्णु के रूप शालिग्राम और विष्णुप्रिया तुलसी का विवाह इसी दिन हुआ था। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मांगलिक कार्यों की शुरुआत देवोत्थान एकादशी के साथ शुरू हो जाएगी। मंगलवार को देवोत्थान एकादशी पर जिले में काफी संख्या में शादियां होंगी। देवोत्थान एकादशी अबूझ मुहूर्त होता है।
बता दें कि इस दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह हुआ था। इसलिए इसे श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। एकादशी पर शहर के बैंक्वेट से लेकर वाटिका और सामुदायिक केंद्र कई महीनों पहले से ही बुक हो चुके हैं।
श्री एसएन सिद्धेश्वर मंदिर के पुजारी लक्ष्मी कांत गोस्वामी ने बताया कि अबूझ मुहूर्त होने के चलते इस दिन काफी अधिक संख्या में विवाह होते हैं। माना जाता है कि नारायण भगवान इस दिन सोकर उठते हैं। भगवान विष्णु के रूप शालिग्राम और विष्णुप्रिया तुलसी का विवाह इसी दिन हुआ था। इसलिए इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
मंदिरों में होंगे कार्यक्रम
मंदिरों और घरों में भी भगवान शालिग्राम और मां तुलसी का विवाह कराया जाएगा। पूरे विधि-विधान से सभी रस्मों के साथ विवाह कराया जाएगा। शहर के प्राचीन मंदिरों में पूरा दिन भजन-कीर्तन होंगे। घरों में भी महिलाओं की भजन मंडली मंगल गीत गाएंगी। एकादशी पर लोग व्रत भी करते हैं।
वहीं, शहर के इस्कान मंदिरों में देवोत्थान एकादशी पर पूरा दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूरे विधि-विधान से भगवान की पूजा होगी और पूरा दिन नारायण के भजन गूजेंगे।
मनाया जाएगा श्याम बाबा का जन्मदिन
एकादशी के दिन श्याम बाबा का भी जन्मदिन मनाया जाता है। शहर के मंदिरों में बाबा श्याम का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। श्री एसएन सिद्धेश्वर मंदिर में बाबा के जन्मदिन पर भजन संध्या होगी। रात को आठ से बारह बजे तक भजन-कीर्तन होंगे। दिल्ली और मेरठ से भी भजन गायक बुलाए गए हैं। इसके बाद बाबा के जन्मदिन का केक काटा जाएगा और आतिशबाजी भी होगी।
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