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Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली कूच ने बढ़ाई साइबर सिटी की चिंता, अधिकतर IT कंपनियों ने लागू किया वर्क फ्रॉम होम

किसानों के पंजाब से हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच करने के चलते आइटी आइटी इनेबल्ड एवं टेलीकाम सेक्टर की अधिकतर कंपनियों ने शहर के बाहर से आने वाले कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है। शहर में रहने वाले कर्मियों से भी कहा गया है कि यदि वे वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं तो करें। अधिक दिक्कत ऑटोमोबाइल एवं गारमेंट सेक्टर में है।

By Aditya Raj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 14 Feb 2024 09:32 AM (IST)
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गुरुग्राम की अधिकतर IT कंपनियों ने लागू किया वर्क फ्रॉम होम

आदित्य राज, गुरुग्राम। आइटी, आइटी इनेबल्ड, ऑटोमोबाइल, टेलीकाम एवं गारमेंट सेक्टर में विश्वस्तरीय पहचान बनाने वाली साइबर सिटी की चिंता किसानों के दिल्ली कूच से बढ़ गई है।

मंगलवार को काफी संख्या में कर्मी काम पर नहीं पहुंचे। जो पहुंचे वह भी काफी देरी से। इसे देखते हुए आइटी, आइटी इनेबल्ड एवं टेलीकाम सेक्टर की अधिकतर कंपनियों ने शहर के बाहर से आने वाले कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है।

शहर में रहने वाले कर्मियों से भी कहा गया है कि यदि वे वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं तो करें। अधिक दिक्कत ऑटोमोबाइल एवं गारमेंट सेक्टर में है। दोनों सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम लागू नहीं किया जा सकता। कर्मियों को फैक्ट्रियों में आकर काम करना ही होगा। इससे दोनों सेक्टर में भारी नुकसान होने की आशंका है।

फैक्ट्रियों के पास होता है कितने दिन का रा-मेटेरियल का स्टाक?

फैक्ट्रियों के पास अधिक से अधिक 10 दिन तक के लिए रा-मेटेरियल का स्टाक होता है। आबकारी विभाग के राजस्व को भी भारी नुकसान होने की आशंका है। साइबर सिटी में 300 से अधिक पब एवं बार हैं। इनमें प्रतिदिन हजारों लोग एनसीआर से पहुंचते हैं।

लोगों की आवाजाही में आएगी काफी कमी

माहौल खराब होने पर लोगों की आवाजाही में काफी कमी आएगी। साइबर सिटी व आसपास आटोमोबाइल सेक्टर की 10 हजार से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयां हैं। चार हजार से अधिक गारमेंट सेक्टर की कंपनियां हैं।

पांच हजार से अधिक आइटी, आइटी इनेबल्ड एवं टेलीकाम सेक्टर की इकाइयां हैं। इनमें लाखों लोग एनसीआर से काम करने के लिए पहुंचते हैं। खासकर आइटी, आइटी इनेबल्ड एवं टेलीकाम सेक्टर में नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, दिल्ली, सोनीपत सहित कई इलाकों से लोग काम करने के लिए पहुंचते हैं। गारमेंट सेक्टर की कंपनियों में काम करने के लिए दिल्ली के कापसहेड़ा एवं रजोकरी इलाके से हजारों लोग पहुंचते हैं।

रजोकरी बॉर्डर एवं कापसहेड़ा बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाए जाने से गारमेंट सेक्टर की कंपनियों में भी मंगलवार को उपस्थिति कम रही। आगे और कमी आने की आशंका है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में काम करने वाले अधिकतर लोग आसपास ही रहते हैं, लेकिन बाहर से रा-मेटेरियल नहीं आने पर उत्पादन प्रभावित होगा। पिछली बार जब किसानों ने प्रदर्शन किया था तो ऑटोमोबाइल सेक्टर को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा था। न रा-मेटेरियल आ पा रहा था और न ही उत्पाद बाहर जा पा रहे थे।

पंजाब है ऑटो कंपोनेंट का हब

पंजाब का लुधियाना ऑटो कंपानेंट का हब है। वहां से साइबर सिटी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में स्टील के वायर पहुंचते हैं। लोहे के आटो कंपोनेंट भी अधिकतर लुधियाना से ही पूरे देश में पहुंचते हैं। इस बार 90 प्रतिशत से अधिक किसान पंजाब से ही पहुंच रहे हैं। इस वजह पंजाब के अधिकतर इलाकों से आवाजाही प्रभावित हो गई है।

वहां से माल बाहर नहीं निकलना बंद हो गया है। पंजाब से साइबर सिटी तक आने का रास्ता अंबाला होकर है। इस रूट से ही किसानों का दिल्ली कूच है। बताया जाता है कि पहले किसानों ने प्रदर्शन करने के बाद लंबा आंदोलन चलाने की तैयारी की थी। इस बार पूरी तैयारी के साथ दिल्ली कूच कर रहे हैं। ऐसे में आंदोलन फिर से लंबा चलने की आशंका है।

पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच से साइबर सिटी को ही नहीं बल्कि पूरे देश को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अधिक से अधिक 10 दिनों तक रा-मेटेरियल का स्टाक सभी के पास होता है। किसानों को चाहिए कि आवाजाही प्रभावित न करें। लुधियाना ऑटो कंपोनेंट का हब है। लुधियाना के डिस्टर्ब होने से पूरा देश डिस्टर्ब हो जाता है।

- केके गांधी, अध्यक्ष, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन

किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए अधिकतर आइटी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम कर दिया है। अब वर्क फ्रॉम हाेम करने में अधिक नुकसान नहीं होता है क्योंकि सभी अभ्यस्त हो गए हैं। जैसे प्लांट में आकर काम करते हैं वैसे ही घर पर रहकर काम करते हैं। माहौल बेहतर होने तक वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था रहेगी।

- संदीप ठकराल, एमडी, टेक्नालिसिस साफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड

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