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नगर निगम गुरुग्राम की वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार, एडहॉक कमेटी में बनी सहमति

डीसी ने कहा कि नगर निगम की वार्डबंदी में प्रत्येक वार्ड में 40 हजार की जनसंख्या को औसत संख्या माना गया है। जिसमें 20 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के साथ यह संख्या कम से कम 32 हजार रहेगी। बैठक में सभी सदस्यों के फाइनल ड्राफ्ट पर सहमति हस्ताक्षर करने के बाद डीसी ने अधिकारियों को ड्राफ्ट को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश दिए।

By Sandeep KumarEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 14 Aug 2023 03:59 PM (IST)
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नगर निगम गुरुग्राम की वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार, एडहॉक कमेटी में बनी सहमति
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। नगर निगम गुरुग्राम की वार्डबंदी का खाका तैयार हो गया है। फाइनल ड्राफ्ट की मंजूरी का प्रस्ताव सोमवार को सरकार के पास भेज दिया गया।

डीसी निशांत कुमार यादव ने सोमवार को लघु सचिवालय में वार्डबंदी को लेकर गठित एडहॉक कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में एडीसी हितेश कुमार मीणा सहित कमेटी के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

डीसी निशांत कुमार यादव ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि जुलाई में एडहॉक कमेटी की बैठक में कमेटी के सदस्यों से मिले सुझावों और आपत्तियों के आधार पर वार्डबंदी को अंतिम रूप देते हुए आवश्यक बदलाव किए गए हैं।

36 वार्ड में बांटा गया नगर निगम गुरुग्राम

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा म्युनिसिपल एक्ट में किए गए बदलावों के तहत परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) व इलेक्शन डेटा को आधार मानते हुए नगर निगम गुरुग्राम को 36 वार्ड में विभाजित किया गया है।

डीसी ने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम की वार्डबंदी में प्रत्येक वार्ड में 40 हजार की जनसंख्या को औसत संख्या माना गया है। जिसमें 20 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के साथ यह संख्या कम से कम 32 हजार और अधिकतम 48 हजार के करीब रहेगी।

बैठक में सभी सदस्यों के फाइनल ड्राफ्ट पर सहमति हस्ताक्षर करने के बाद डीसी निशांत कुमार यादव ने संबंधित अधिकारियों को ड्राफ्ट को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश दिए।

पीपीपी को माना गया जनसंख्या का आधार

बैठक के दौरान कमेटी के सदस्यों को एक पीपीटी के माध्यम से वार्डबंदी के दौरान अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई जिसमें बताया गया कि प्रत्येक वार्ड में पीपीपी और इलेक्शन डाटा का आकलन करते हुए जिस वार्ड में पीपीपी की संख्या ज्यादा है, वहां पीपीपी को जनसंख्या का आधार माना गया है।

वहीं, इलेक्शन डाटा में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ यदि वह संख्या पीपीपी से ज्यादा होती है तो वहां इलेक्शन डाटा को वार्डबंदी का आधार बनाया गया है। बैठक में गुरुग्राम के पूर्व मेयर विमल यादव, निवर्तमान डिप्टी मेयर सुनीता यादव, यशपाल बत्रा, भूपेंद्र चौहान, रंजीत सिंह, नगर निगम गुरुग्राम के एडिशनल कमिश्नर रोहताश बिश्नोई, निगम के संयुक्त आयुक्त डा. नरेश सहित नगर निगम गुरुग्राम के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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