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NHAI को देने होंगे जुर्माने के 45 करोड़, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान पर्यावरण को पहुंचाया नुकसान

गुरुग्राम में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान हुए पर्यावरण के नुकसान के लिए एनएचएआई को 45 करोड़ रुपये जुर्माने के चुकाने होंगे। NGT ने शुक्रवार को एनएचएआई की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। एनजीटी ने परियोजना की कीमत का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया है। पर्यावरण के नुकसान को लेकर एनजीटी में 2022 को याचिका दायर की गई थी।

By virat tyagi Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 07 Jul 2024 08:34 PM (IST)
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पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर एनएचएआई को जुर्माने के देने होंगे 45 करोड़ रुपये।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) के निर्माण के दौरान सोहना के गांव हाजीपुर और नूंह के गांव किरंज में पेड़ों को काटने और जलाशयों को नुकसान पहुंचाने पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की तरफ से एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) पर लगे 45 करोड़ रुपये के जुर्माना राशि देनी होगी। NGT ने शुक्रवार को एनएचएआई की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।

NHAI को जुर्माने के 45 करोड़ रुपये पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को देने होंगे। यह आदेश एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने दिया है।

काटे गए पेड़, नाले किए बंद

गांव हाजीपुर निवासी प्रेम मोहन गौड़ ने एनजीटी में 2022 को याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान गांव हाजीपुर और गांव किरंज में पेड़ों को काटने के साथ ही प्राकृतिक नालों को बंद कर दिया गया था।

जांच के लिए हुई थी कमेटी गठित

याचिका में एनएचएआई के साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री, वन विभाग सहित 17 अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया था। एनजीटी ने गुरुग्राम जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की थी। कमेटी ने मौके का निरीक्षण करके रिपोर्ट बनाई थी।

908 करोड़ की थी परियोजना

दोनों पक्षों को सुनने के बाद फरवरी में एनजीटी ने एनएचएआई की परियोजना के 908 करोड़ रुपये पर पांच प्रतिशत का जुर्माना लगाया गया। इस पर एनएचएआई की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर क गई। पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने जुर्माने को ठीक मानते हुए याचिका खारिज कर दी।

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