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टारगेट के चक्कर में बिना KYC खोला खाता, फिर वही अकाउंट साइबर ठगों को बेचा; अब पीएनबी के डिप्टी मैनेजर सहित दो गिरफ्तार

गुरुग्राम साइबर पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए एक बैंक कर्मचारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर एक व्यक्ति से 1 करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी की थी। जांच में पता चला कि बैंक कर्मचारी ने बिना मौके पर जाए ही केवाईसी कर दी और खाता खोल दिया।

By Vinay Trivedi Edited By: Pooja Tripathi Updated: Sat, 19 Oct 2024 04:54 PM (IST)
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पुलिस ने गिरफ्तार किए तीन आरोपी। जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगी के मामले में गुरुग्राम साइबर पुलिस ने एक और बैंक कर्मचारी समेत दो लोगों को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया। यह आरोपित उत्तर प्रदेश के कायमगंज की पंजाब नेशनल बैंक शाखा में डिप्टी मैनेजर है।

उसे पूछताछ के लिए कायमगंज से गुरुग्राम लाया गया। इसके बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया। साइबर ठगी के अलग-अलग मामलों में अब तक कुल 20 बैंक कर्मचारियों को पकड़ा जा चुका है।

एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि 19 जून को एक व्यक्ति ने साइबर थाना ईस्ट में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।

शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 20 लाख ठगे

पीड़ित ने बताया था कि आरोपितों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर उनसे एक करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी कर ली।

केस दर्ज होने के बाद साइबर ईस्ट थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार की टीम ने जांच करते हुए शुक्रवार रात एक बैंक कर्मचारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

इनकी पहचान उत्तर प्रदेश के एटा के गोविंदा दास मोहल्ला निवासी रोहित शर्मा और फरुखाबाद के कायमगंज निवासी विश्वास कुमार के रूप में की गई।

जिसके खाते से किया खेल उसे साइबर ठगों को बेचा

पुलिस पूछताछ में पता चला कि विश्वास कुमार पंजाब नेशनल बैंक कायमगंज शाखा में डिप्टी मैनेजर के पद पर काम करता है।

साइबर ठगी में इस्तेमाल किया गया बैंक खाता रोहित शर्मा का था। रोहित ने छह महीने पहले नोएडा के सदरपुर के फर्जी पते पर फर्म के नाम पर खाता खुलवाया था।

विश्वास ने टारगेट पूरा करने के लिए बिना मौके पर जाए ही केवाईसी कर दी और खाता खोल दिया। रोहित ने एक लाख रुपये लेकर एक अन्य आरोपित के माध्यम से साइबर ठगों को यह बैंक खाता बेच दिया।

सात बैंक खातों में गई थी ठगी की राशि

साइबर पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ठगी की एक करोड़ 20 लाख रुपये की राशि सात अलग-अलग बैंक खातों में गई थी। इससे पहले इस केस में छह आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

रोहित के खाते में ठगी की राशि में से 44 लाख रुपये गए थे। इस खाते में छह महीने में सात करोड़ 19 लाख रुपये का लेनदेन हुआ।

साइबर पुलिस ने बताया कि विश्वास दस साल से पीएनबी की अलग-अलग ब्रांचों में तैनात था। यह डेढ़ साल पहले ही कायमगंज की शाखा में तैनात हुआ था।

इससे पहले 19 पकड़े गए बैंक कर्मचारी

तारीख आरोपियों के नाम
26 फरवरी  मोहित राठी, महेश और विश्वकर्मा मौर्या (कोटक महिंद्रा गुरुग्राम)
2 मार्च  मो. मुकीम, अनिकेश, रोशन (यस बैंक दिल्ली)
11 मार्च दीपक, धर्मेंद्र (यस बैंक, रोहिणी, दिल्ली)
1 अप्रैल  अमित (आरबीएल, हौज खास, दिल्ली)
8 अप्रैल  जेलदार बरार (एयू स्माल फाइनेंस बैंक)
10 अप्रैल हिमांशु गंगवार (यस बैंक, राजेंद्रा प्लेस दिल्ली)
10 मई देवेंद्र शर्मा (पीएनबी, जयपुर)
20 मई यूसुफ मोहम्मद चांद (यस बैंक, अंधेरी, मुंबई)
23 मई  सतीश (आइडीएफसी, झुंझुनू, राजस्थान)
3 जुलाई  राहुल कुमार (एसबीआइ, गुरुग्राम)
9 जुलाई  हरप्रीत (आइसीआइसीआइ, मंडी गोविंदगढ़, पंजाब)
27 जुलाई उत्सव (पूर्वी कर्मी आइसीआइसीआइ, इंदौर)
17 सितंबर आकाशदीप (आइसीआइसीआइ, मंडी गोविंदगढ़, पंजाब)
23 सितंबर मुकुल (इंडसइंड बैंक, उदयपुर)
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