गुरुग्राम में ठंड के साथ बढ़ रही सांस के रोगियों की समस्या, दो दिन बाद खुले सिविल अस्पताल में मरीजों की रही भीड़
ठंड का आगाज हो गया है। मौसम बदलने से सर्दी खांसी बुखार के साथ सांस के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा सांस की परेशानी उन लोगों को हो रही है जो पुरानी टीबी कोरोना से गंभीर पीड़ित रहे और लंग्स में इंफेक्शन के शिकार रहे हैं। इस मौसम में बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 29 Nov 2023 09:37 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। ठंड का आगाज हो गया है। मौसम बदलने से सर्दी, खांसी, बुखार के साथ सांस के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा सांस की परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो पुरानी टीबी, कोरोना से गंभीर पीड़ित रहे और लंग्स में इंफेक्शन के शिकार रहे हैं।
इसके अलावा धूमपान करने वाले लोगों को भी सांस की तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को दो दिन बाद खुले सिविल अस्पताल में 150 से ज्यादा सांस के रोगी जांच के लिए पहुंचे। मंगलवार को सुबह सात बजे से मरीजों के आने का सिलसिला सुबह हो गया। आठ बजे अल्ट्रासाउंड, एक्स-रा समेत ओपीडी में पर्चे बनने शुरू हुए। इससे पहले मरीजों की लाइनें लग गए। नौ बजे से ओपीडी में जांच शुरू हुई।
मेडिसिन वार्ड और बाल रोग कक्ष के बाहर रही सबसे ज्यादा भीड़
मेडिसिन विभाग से लेकर, चर्म रोग कक्ष, बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष और गायनी व ईएनटी और नेत्र रोग कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लग गई। सबसे ज्यादा भीड़ मेडिसिन वार्ड और बाल रोग कक्ष के बाहर रही। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नवीन ने बताया कि मंगलवार को 380 मरीजों ने ओपीडी में जांच कराई।बताया कि 150 मरीज अकेले सांस के रोगी थे। बताया कि सर्दी और वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही पहले से ही अस्थमा एवं सांस के रोगियों की परेशानियां बढ़ रही है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग सांस रोगों की चपेट में अधिक आ रहे हैं। मास्क लगाकर रहें। ऑक्सीजन स्तर कम होने पर तुरंत चिकित्सक की राय लें।
वहीं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश ने बताया कि इस मौसम में बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बताया कि जरा सी लापरवाही बच्चों को अस्पताल में भर्ती करा सकता है। बताया कि बच्चे बुखार और सर्दी की चपेट में आ रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इन लक्षणों को न करें अनदेखा
- तेजी से सांस लेना।
- बलगम के साथ खांसी आना।
- सीने में इंफेक्शन व जकड़न होना।
- कमजोरी आ जाना
इन सावधानियों को बरतें
- मरीजों को हमेशा गर्म कपड़े पहनने चाहिए
- बाहर निकलने पर नाक और मुंह को कवर जरूर करें
- अस्थमा और काला दमा पीड़ितों के कमरे में अंदर धूपबत्ती न जलाएं।
- घरों में अंगीठी, हीटर आदि के प्रदूषण से मरीज को बचाएं।
- मरीज के लिए सप्ताह में तीन से चार बार 45-45 मिनट के लिए व्यायाम बेहद आवश्यक है।