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Haryana News: छापा पड़ते ही मचा हड़कंप, मौके से 3 गिरफ्तार; लाखों रुपये की नकली दवाइयां बरामद

Haryana News मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ड्रग्स विभाग और क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुग्राम में मोहम्मदिया फार्मेसी में छापेमारी की तो हड़कंप मच गया। इस दौरान वहां हड़कंप मच गया। टीम ने मौके से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया और लाखों रुपये की नकली दवाइयां बरामद की हैं। टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर कहां-कहां पर ये दवाइयां सप्लाई की जा रही थी।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 25 Sep 2024 09:17 PM (IST)
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मुख्यमंत्री उड़नदस्ता, ड्रग्स विभाग और क्राइम ब्रांच ने छापेमारी की। जागरण फोटो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम में सेक्टर 39 स्थित मोहम्मदिया फार्मेसी में आर्थराइटिस बीमारी में काम आने वाली सिप्ला कंपनी की टोफाजेक-5 नाम से नकली दवा बेची जा रही थी। सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता, ड्रग्स विभाग और सेक्टर 40 क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से फार्मेसी में बुधवार को छापा मारा। इस दौरान सिप्ला कंपनी के डायरेक्टर कार्पोरेट अफेयर को भी मौके पर बुलाया गया।

वहीं, फार्मेसी से बरामद दवाई चेक करने पर नकली पाई गई। जांच करते हुए फार्मेसी संचालक समेत सप्लाई करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।

मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की ओर से बताया गया कि काफी दिनों से सूचनाएं मिल रही थीं कि सेक्टर 39 में एक फार्मेसी पर नकली दवाएं बेची जा रही हैं। जब संयुक्त टीम मोहम्मदिया फार्मेसी पर पहुंची तो इसका मालिक नूंह के घसेड़ा गांव निवासी यूसुफ मिला। फार्मेसी पर जांच के दौरान सिप्ला कंपनी की टोफाजेक-5 एमजी गोली की 50 डिब्बी मिली। इसमें एक डिब्बी में 60 गोलियां होती हैं। इस दवाई का कोई बिल भी यहां से नहीं मिला।

बता दें कि सिप्ला कंपनी की यह दवा आर्थराइटिस बीमारी में काम आती है। दवाई नकली होने के शक पर कंपनी के डायरेक्टर कार्पोरेट अफेयर को मौके पर बुलाया गया। फार्मेसी से बरामद दवाई चेक करने पर नकली पाई गई।

पूछताछ में पता चला कि नूंह के संलभा गांव निवासी नसीम फार्मेसी में यह दवाई सप्लाई करता है। निशानदेही पर सेक्टर 39 स्थित किराए के मकान में छापेमारी कर नसीम को भी पकड़ लिया गया। इस मकान से 964 डिब्बी बरामद की गई। इसकी कीमत करीब 10 से 12 लाख रुपये बताई गई। नसीम के एक अन्य साथी नूंह के करेरा गांव निवासी जुबेर को भी सेक्टर 39 से हिरासत में लिया गया। यह भी दवाई सप्लाई करने के काम में इनकी मदद कर रहा था।

डिमांड के हिसाब की जा रही थी सप्लाई

पूछताछ में पता चला कि डिमांड के हिसाब से दवाई आगे बेची जाती है। इन दवाइयों को सप्लायर 500 रुपये प्रति डिब्बी के हिसाब से देता था। 690 रुपये में फार्मेसी को दी जाती थी। फार्मेसी संचालक इस दवाई को 900 रुपये में मरीजों को बेचते हैं। जबकि इस दवाई की असल कीमत 1200 रुपये है। आरोपित यूसूफ 12वीं पास है । वर्ष 2018 से सेक्टर 39 में मोहम्मदिया फार्मेसी चला रहा था। मोहम्मद नसीम भी 12वीं पास है। यह दवाइयों की सप्लाई करता था और जुबेर पांवी पास है। यह जून 2024 से दवाई सप्लाई में इनकी मदद कर रहा था।

पांच दिन के रिमांड पर आरोपित

आरोपितों से तीन मोबाइल फोन व फार्मेसी संचालक से दो लाख 67 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई। सदर थाने में मेडिकल एक्ट की धारा 18(सी), 18ए, 18बी व 17बी ड्रग्स व कास्मेटिक एक्ट 1940 के तहत केस दर्ज किया गया। अदालत में पेश करके यूसुफ, नसीम को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। जुबेर को भोंडसी जेल भेजा गया।

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सेक्टर 40 क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर अमित ने बताया कि आरोपितों से पता किया जाएगा कि यह नकली दवाई कहां पर बनाई जाती हैं और इन दवाइयों को कहां-कहां पर सप्लाई किया जाता है। दवाइयों के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे। ड्रग्स विभाग की ओर से मेडिकल स्टोर को सील कर उनके लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की जांच ड्रग्स विभाग की ओर से की जा रही है।

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