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राव नरबीर सिंह जैसा हरियाणा में कोई नहीं, बनाया अनोखा रिकॉर्ड; जितनी बार विधायकी जीती, उतनी बार बने मंत्री

राव नरबीर सिंह हरियाणा के एक दिग्गज राजनेता हैं जिन्होंने विधायक के रूप में जितनी बार जीत हासिल की उतनी ही बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। वह चौथी बार विधायक और चौथी बार मंत्री बने हैं। इस लेख में उनके राजनीतिक सफर मंत्री पदों पर उनके कार्यकाल और गुरुग्राम के विकास में उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानें।

By Aditya Raj Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 17 Oct 2024 04:09 PM (IST)
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राव नरबीर सिंह ने जितनी बार विधायकी जीती, उतनी बार प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया।

आदित्य राज, गुरुग्राम। अहीरवाल के दिग्गज राजनीतिज्ञों में से एक राव नरबीर सिंह ने जितनी बार विधायकी जीती, उतनी बार प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है। वह चौथी बार विधायक ही नहीं बल्कि चौथी बार मंत्री भी बने हैं। यही नहीं अलग-अलग मुख्यमंत्री के कार्यकाल में मंत्री बने। वह ताऊ देवीलाल की सरकार में भी मंत्री रहे और उनकी चौथी पीढ़ी के दुष्यंत सिंह चौटाला के साथ भी मंत्री रहे। ऐसा रिकॉर्ड फिलहाल प्रदेश के किसी अन्य नेता के नाम नहीं है।

प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर पर दूसरी बार कमल खिलाने वाले राव नरबीर सिंह ने चुनावी राजनीति की शुरुआत 1987 में जाटूसाना विधानसभा क्षेत्र से की थी। लोकदल के टिकट पर उन्होंने वर्तमान में अहीरवाल के सबसे बड़े नेता और केंद्रीय योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह को मात दी थी। इसका इनाम उन्हें ताऊ देवीलाल ने अपनी सरकार में गृह राज्यमंत्री बनाकर दिया था। उस समय उनकी उम्र केवल 26 साल थी।

बंसीलाल की सरकार में बने मंत्री

दूसरी बार वह 1996 में सोहना विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे व बंसीलाल की सरकार में परिवहन, सहकारिता एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बने। तीसरी बार 2014 में प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर से जीत हासिल कर मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण मंत्री बने। वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इस बार फिर उन्हें भाजपा ने बादशाहपुर से ही टिकट दिया और उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की। इस बार वह चौथी बार चौथे मुख्यमंत्री की सरकार में मंत्री बने हैं।

दादा राव मोहर सिंह भी रहे विधायक

राव नरबीर सिंह के दादा स्व. राव मोहर सिंह देश की आजादी से पहले दो बार 1942 एवं 1946 में पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। यही नहीं राव नरबीर सिंह के पिता स्व. महाबीर सिंह तीन बार विधायक रहे। महाबीर सिंह प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। राव नरबीर सिंह के चाचा भी विधायक रहे।

2014 से 2019 के बीच बनाई काम से पहचान

राव नरबीर सिंह लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं लेकिन विकास पुरुष के रूप में उनकी पहचान 2014 से 2019 के बीच में बनी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बेहतर केमेस्ट्री एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से बेहतर संबंध होने का लाभ गुरुग्राम को मिला। इफको चौक, सिग्नेचर टावर चौक, महाराणा प्रताप चौक, राजीव चौक पर फ्लाईओवर का निर्माण 2014 से 2019 के बीच किया गया।

गुरुग्राम-सोहना हाईवे, द्वारका एक्सप्रेस-वे, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी, मेडिकल कालेज की योजना भी 2014 से 2019 के दौरान ही बनाई गई। उसी पांच साल के कार्यकाल को देखते हुए जनता ने उनके ऊपर इस बार भरोसा जताया है। चुनाव प्रचार के दाैरान उन्होंने इसी विषय पर जोर दिया कि यदि 2019 से 2024 तक वह मंत्री रहते तो गुरुग्राम बदहाल नहीं होता।

समर्थकों ने आतिशबाजी कर जताई खुशी

राव नरबीर सिंह को मंत्री बनाए जाने पर समर्थकों ने सिविल लाइन स्थित उनके आवास के सामने जमकर आतिशबाजी की। साथ ही मिठाइयां एक-दूसरे को खिलाकर खुशी प्रकट की। समर्थकों ने उम्मीद जाहिर की है कि अब गुरुग्राम में विकास की आंधी चलेगी।

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