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अब दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के साथ-साथ RRTS होगा विकसित, सराय काले खां से अलवर तक बनेगा कॉरिडोर, जानें खासियत

गुरुग्राम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि जानकारों का मानना है कि ओल्ड दिल्ली रोड को कॉरिडोर से जोड़ने पर अधिक लाभ होगा। पहले गुरुग्राम शहर के भीतर से होते हुए कॉरिडोर को विकसित करने की योजना थी। अब दिल्ली की एयरोसिटी से आगे दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ कॉरिडोर विकसित करने पर विचार शुरू किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiPublished: Thu, 14 Sep 2023 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2023 05:00 PM (IST)
कॉरिडोर विकसित होने के बाद इस तरह की ट्रेनें चलेंगी। फाइल फोटो

गुरुग्राम, आदित्य राज। गुरुग्राम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। अगले महीने तक रूट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कहां पर कॉरिडोर भूमिगत रहेगा और कहां पर ऊपर, इस बारे में निर्णय होना है।

ट्रैफिक कम करना है तो करना होगा ये काम

हालांकि जानकारों का मानना है कि ओल्ड दिल्ली रोड को कॉरिडोर से जोड़ने पर अधिक लाभ होगा। ट्रैफिक का दबाव कम करना है तो कॉरिडोर को शहर के भीतर से निकालना होगा। दिल्ली में सराय काले खां से लेकर राजस्थान में अलवर तक आरआरटीएस का कॉरिडोर विकसित करने की योजना है।

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पहले गुरुग्राम शहर के भीतर से होते हुए कॉरिडोर को विकसित करने की योजना थी, यानी ओल्ड दिल्ली रोड को भी कॉरिडोर से जोड़ने की योजना थी। किंतु अब दिल्ली की एयरोसिटी से आगे दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ कॉरिडोर विकसित करने पर विचार शुरू किया गया है।

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इन जगहों से होकर गुजरेगी ट्रेन

इसके मुताबिक सराय काले खां से आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, साइबर सिटी, इफको चौक, राजीव चौक, हीरो होंडा चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पचगांव चौक और बिलासपुर चौक से आगे अलवर की तरफ कॉरिडोर हाईवे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा।

इससे जहां कॉरिडोर विकसित करने में समय कम लगेगा, वहीं दिल्ली-जयपुर हाईवे पर से ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में एनसीआर में काम करने वाले आसपास ही रहना चाहते हैं।

निर्माण शुरू करने से पहले की जांच पूरी

कॉरिडोर का जमीनी स्तर पर कार्य शुरू करने से पहले के कई काम पूरे हो चुके हैं। मिट्टी की जांच पूरी हो चुकी है। रूट पर कहां पाइपलाइन है, कहां सीवरलाइन है और कहां टेलीफोन लाइन है आदि के बारे में जानकारी हासिल की जा चुकी है। बिजली के टावर भी शिफ्ट किए जा चुके हैं।

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ऐसे में केंद्र सरकार से डीपीआर मंजूर होते ही जमीनी स्तर पर दो से तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा। रूट में बदलाव करने का विचार शुरू करने के पीछे क्या कारण है, इस बारे में एनसीआरटीसी के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

70 मिनट में दिल्ली से पहुंचेंगे एसएनबी

योजना के मुताबिक रूट पर 10 मिनट के अंतराल पर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी। ट्रैक पर औसतन 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इससे एसएनबी तक दिल्ली से केवल 70 मिनट में पहुंच जाएंगे।

तीन चरणों में बनेगा कॉरिडोर

बता दें कि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा प्रथम चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक 106 किमी का कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में सोतानाला तक और तीसरे चरण में अलवर तक कॉरिडोर बनेगा।


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