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गुरुग्राम में मेट्रो लाइन से जुड़ेगा RRTS कॉरिडोर, अलवर जाना होगा बेहद आसान

साइबर सिटी गुरुग्राम में आरआरटीएस कॉरिडोर को मेट्रो लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे मानेसर से लेकर अलवर तक की ओर से आने वाले लोगों का गुरुग्राम तक आना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही सड़कों से ट्रैफिक का दबाव कम होगा। आरआरटीएस कॉरिडोर पर अधिकतम 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली से लेकर अलवर तक की तस्वीर बदल जाएगी।

By Aditya Raj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 05 Aug 2024 08:56 AM (IST)
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पुराने गुरुग्राम में भी इसी तरह विकसित किया जाएगा मेट्रो का कॉरिडोर। फोटो- जागरण आर्काइव

आदित्य राज, गुरुग्राम। साइबर सिटी में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) हीरो होंडा चौक एवं साइबर हब के सामने मेट्रो कॉरिडोर से जुड़ेगा। इसका लाभ यह होगा कि मानेसर से लेकर अलवर तक की ओर से आने वाले लोग भी साइबर सिटी के विभिन्न इलाकों में आसानी से पहुंच सकेंगे।

इससे जहां सड़कों पर से ट्रैफिक का दबाव कम होगा, वहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। पुराने गुरुग्राम में मेट्रो विस्तार का कार्य शुरू हो चुका है। आरआरटीएस विकसित करने के लिए रूट लगभग फाइनल शुरू हो चुका है। जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होने की उम्मीद है।

दिल्ली-एनसीआर के ऊपर से आबादी का बोझ व सड़कों पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत दिल्ली से अलवर तक कॉरिडोर विकसित किया जाना है।

इस रूट पर होंगे कई स्टेशन

कॉरिडोर दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो का विस्तार मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन से आगे पुराने गुरुग्राम के इलाके से होते हुए साइबर हब तक होना है। रूट पर कई स्टेशन होंगे। इनमें से दो स्टेशन साइबर हब एवं हीरो होंडा चौक स्टेशन के नजदीक से आरआरटीएस कॉरिडोर गुजरेगा।

कॉरिडोर पर 160 KM की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

जंक्शन बनाए जाने से आरआरटीएस के यात्री मेट्रो की सुविधा का और मेट्रो के यात्री आरआरटीएस की सुविधा का आसानी से लाभ उठा सकेंगे। आरआरटीएस कॉरिडोर पर अधिकतम 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। औसतन रफ्तार 80 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। इससे कम से कम समय में अलवर तक से लोग दिल्ली पहुंच सकेंगे।

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दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव होगा कम

इसका लाभ यह होगा दिल्ली और आसपास रहने की बजाय लोग मानेसर से लेकर अलवर तक रहना पसंद करेंगे। इससे दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। बता दें कि एनसीआरटीसी द्वारा प्रथम चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक 106 किलोमीटर का कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।

बदल जाएगी दिल्ली से अलवर तक की तस्वीर

आरआरटीएस कॉरिडोर एवं मेट्रो लाइन को आपस में जोड़ने का निर्णय बहुत ही बेहतर है। अब जितनी जल्द हो दोनों योजना के ऊपर काम शुरू होना चाहिए। साइबर सिटी व आसपास की सड़कों के ऊपर ट्रैफिक का इतना दबाव बढ़ गया है कि कुछ किलोमीटर जाने-आने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। दोनों योजना के ऊपर काम पूरा होते ही साइबर सिटी व आसपास विकास के और अधिक पंख लगेंगे। दिल्ली से लेकर अलवर तक की तस्वीर बदल जाएगी। - दिनेश नागपाल, निदेशक, अर्बन लैंड मैनेजमेंट

मेट्रो लाइन एवं आरआरटीएस कॉरिडोर को आपस में जोड़ने से काफी लाभ होगा। इसे ध्यान में रखकर ऐसा निर्णय लिया गया है। मेट्रो विस्तार को लेकर कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही आरआरटीएस के ऊपर काम शुरू होने वाला है। दोनों प्रोजेक्ट विकसित होने के बाद सार्वजनिक परिवहन सुविधा के मामले में साइबर सिटी की तस्वीर कुछ अलग ही हो जाएगी। बेहतर से बेहतर प्रोजेक्ट तैयार हो सके, इसके लिए बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है। - चंद्रशेखर खरे, प्रबंध निदेशक, हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन

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