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बैंक मैनेजरों से मिलीभगत, खातों की खरीदारी फिर साइबर ठगों को बिक्री; मेवात में बैठकर ऐसे चला रहे ठगी का धंधा

दस दिनों के अंतराल में ठगों को खाता उपलब्ध कराने में गुरुग्राम की कोटक महिंद्रा बैंक यस बैंक के बाद अब एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के अधिकारियों का नाम भी सामने आया है। गाजियाबाद पुलिस ने भी गुरुवार को ही नोएडा सेक्टर-18 स्थित इंडसइंड बैंक के डिप्टी मैनेजर सुरजीत को गिरफ्तार किया था। इन मामलों से स्पष्ट हो गया है कि साइबर ठग नियोजित ढंग से वारदात कर रहे हैं।

By Vinay Trivedi Edited By: Pooja Tripathi Updated: Sat, 09 Mar 2024 05:31 PM (IST)
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साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोग, बैंक मैनेजरों का बड़ा हाथ।
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। मेवात के साइबर ठग हर दिन देशभर के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ठग रहे हैं। इनके इस काम में कई निजी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी भी साथ दे रहे हैं।

ग्राहकों के साथ धोखा कर बैंक अधिकारी ठगों को खाते उपलब्ध करा रहे हैं। पुलिस डाटा के अनुसार एनसीआर की अलग-अलग जिलों की साइबर पुलिस ने इन दो महीनों में ही विभिन्न बैंकों में छह हजार से ज्यादा खाते फ्रीज कराए हैं।

इन सभी का इस्तेमाल भी ठगी की राशि डालने में हुआ था। यह तो सिर्फ दो महीने का आंकड़ा है। अगर एक साल या उससे भी पहले का आंकड़ा निकाला जाए तो बैंक अधिकारियों और ठगों के बीच मिलीभगत के सैकड़ों मामलों का पर्दाफाश हो सकता है।

पहले के मामलों में नहीं हुई जांच, अब हो रहे कई खुलासे

पहले के मामलों में साइबर पुलिस ने ठगी की शिकायत आने के बाद कार्रवाई करते हुए खाते तो फ्रीज करा दिए, लेकिन उसकी जड़ तक जाने के लिए जांच नहीं की।

इधर धोखाधड़ी के मामलों में जिस भी बैंक खाते में ठगी की राशि गई और साइबर पुलिस ने खाताधारकों से पूछताछ की तो पांच निजी बैंकों के नौ अधिकारियों की साइबर ठगों से संलिप्तता मिली।

इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस पहले ही अगर इसी तरह से जांच करती तो एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होता।

कोटक, यस, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के अधिकारियों की रही मिलीभगत

दस दिनों के अंतराल में ठगों को खाता उपलब्ध कराने में गुरुग्राम की कोटक महिंद्रा बैंक, लाजपत नगर की यस बैंक के बाद अब एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के अधिकारियों का नाम भी सामने आया है।

गाजियाबाद पुलिस ने भी गुरुवार को ही नोएडा सेक्टर-18 स्थित इंडसइंड बैंक के डिप्टी मैनेजर सुरजीत को गिरफ्तार किया था।

इन चारों मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर ठग नियोजित ढंग से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। निजी बैंक मैनेजर खासतौर पर वे अधिकारी-कर्मचारी जो अस्थायी रूप से काम करते हैं, उनकी इन साइबर ठगों से मिलीभगत किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं है।

क्योंकि निजी बैंकों के मैनेजर स्थायी रूप से तो नौकरी करते नहीं है और खाता विवरण लेकर साइबर ठगों को देने के बाद कम ही पकड़ में आते हैं। ऐसे में निजी बैंकों में खाता सुरक्षित है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।

हरियाणा में एक दिन में साइबर ठगी

साइबर अपराध से जुड़े मामलों में सहायता के लिए छह मार्च को पूरे हरियाणा से 1771 लोगों ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन किया। उनसे बातचीत में पाया गया कि उनमें से 331 साइबर फ्राड के शिकार हुए हैं। उनसे कुल मिलाकर तीन करोड़ 51 लाख रुपये की ठगी की गई। इसमें भी गुरुग्राम, फरीबाद, सोनीपत, जींद, हिसार के लोगों ने अधिकतम शिकायतें दर्ज कराईं।

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा कार्रवाई

आंकड़ों को देखा जाए तो सबसे ज्यादा ठगी गुरुग्राम में हो रही है। यहां हर दिन 80 से सौ शिकायतें साइबर ठगी की आती हैं। एक जनवरी से सात मार्च तक साइबर पुलिस ने छह हजार से ज्यादा ठगी की शिकायत आने के बाद एनसीआर व उससे बाहर विभिन्न बैंकों में 5614 खाते फ्रीज कराए हैं। यह संख्या में महज 66 दिनों की है। यानी प्रतिदिन 85 खाते फ्रीज कराए गए।

अब तक हुई गिरफ्तारी

  • मानेसर साइबर पुलिस ने 26 फरवरी को कोटेक महिंद्रा बैंक की एमजी रोड शाखा के कारपोरेट कार्यालय में काम करने वाले असिस्टेंट मैनेजर मोहित राठी, दो डिप्टी मैनेजर महेश और विश्वकर्मा मौर्या को गिरफ्तार किया था।
  • यह तीनों मेवात के साइबर ठगों को बैंक खाता उपलब्ध कराते थे। इनका गठजोड़ आठ महीने से भी पुराना था। इन्होंने दो हजार से ज्यादा खाते खोले थे। एक खाते के बदले इन्हें 20 से 25 हजार रुपये दिए जाते थे।
  • साइबर थाना ईस्ट पुलिस ने दो मार्च को यस बैंक की दिल्ली की लाजपत नगर ब्रांच में तैनात मैनेजर मो. मुकिम, छतरपुर ब्रांच में तैनात डिप्टी सेल्स मैनेजर अनकेश व सेल्स आफिसर रोशन को गिरफ्तार किया था।
  • ब्रांच मैनेजर मुकीम ने बरेली निवासी दोस्त सुहेल के माध्यम से 12 बैंक खाते बेचने की बात स्वीकार की। पुलिस ने सुहेल को भी बरेली से गिरफ्तार किया था।
  • सात मार्च को फरीदाबाद साइबर पुलिस ने एचडीएफसी बैंक के मैनेजर मयंक और इंडसइंड बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर कृष्णवीर को बिजनौर से गिरफ्तार किया है। इन्होंने 20 से अधिक खाते बेचे। साथ ही यह भी पता चला कि ठगों का गिरोह चीन से आपरेट हो रहा था।
  • गाजियाबाद पुलिस ने सात मार्च को नोएडा सेक्टर-18 स्थित इंडसइंड बैंक के अधिकारी सुरजीत को गिरफ्तार किया। यह भी खाते उपलब्ध कराता था।

शिकायत मिलने के बाद सबसे पहला काम जिस बैंक खाते में राशि गई है, उसे फ्रीज कराना होता है। सभी मामलों में जांच की जाती है। कभी देर से तो कभी जल्दी। जितने भी खाते फ्रीज कराए गए हैं, उनकी बैंक वार डिटेल बनाकर उन खातों को खोलने वाले कर्मचारियाें के बारे में जानकारी की जाएगी। बैंक प्रबंधनों से भी जवाब-तलब किया जाएगा। संलिप्तता मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। -सिद्धांत जैन, डीसीपी साइबर क्राइम

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