Move to Jagran APP

Gurugram News: गुरुग्राम के मोहम्मद पुर झाड़सा गांव में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए उतरे दो लोगों की मौत

कहा जा रहा है कि दोनों ही गुरुग्राम के गांव मोहम्मद पुर झाड़सा के रहने वाले थे। परिजनों का आरोप है कि दलीप तो सफाई कर्मी था लेकिन शहाबुद्दीन दर्जी का काम करता था। बावजूद इसके दोनों को सेप्टिक टैंक में उतारा गया।

By Jagran NewsEdited By: JP YadavUpdated: Mon, 31 Oct 2022 05:59 AM (IST)
Hero Image
गुरुग्राम के मोहम्मद पुर झाड़सा गांव में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए उतरे दो लोगों की गई जान।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। दिल्ली से सटे सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए उतरे दो व्यक्तियों की मौत हो गई। छह घंटे के बाद दोनों शव बाहर निकाले गए। गुरुग्राम नगर निगम की ओर से शहर में सेफ्टिटैंक और सीवर की सफाई के लिए मैनुअल तरीके पर बैन लगाया हुआ है। बावजूद इसके दो व्यक्तियों को टैंक में क्यों जबरदस्ती उतारा गया? यह बड़ा सवाल हैं।

घर वालों को आरोप, जबरन घुसाया गया था सेफ्टीटैंक में

हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के नाम दलीप और शहाबुद्दीन हैं।  आरोप है कि दलीप और शहाबुद्दीन को रविवार शाम को गांव के लोग जबरदस्ती अपने घर के सेप्टी टैंक की सफाई करने के लिए ले गए। वहीं, रविवार देर रात तक घर नहीं पहुंचे तो गांव में उनकी तलाश शुरू हुई।

जहरीली गैस की चपेट में आकर गई जान

इस बीच जानकारी मिली कि दलीप औऱ शहाबुद्दीन की मौत हो गई। इस सूचना के बाद गांव में सन्नाटा छा गया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद मौके पर पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची और दोनों के शवों को बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबि, दलीप और शहाबुद्दीन की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हुई।

समूचे हरियाणा में 17 लोगों की इस साल जा चुकी है जान

बता दें कि इसी साल जनवरी से सितंबर के बीच हरियाणा में सीवरों की सफाई के दौरान कम से कम 17 कर्मचारियों जान जा चुकी है। पिछले महीने ही फरीदाबाद में चार श्रमिक एक सेप्टिक टैंक के अंदर फंस गए थे और उनका दम घुट गया था। आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद और हिसार में छह-छह, बहादुरगढ़ में चार और पलवल में एक की मौत हुई है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।