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Haryana News: इस चुनाव में गुरुग्राम की सभी सीटों पर कांग्रेस का क्यों हुआ सूपड़ा साफ? बड़ी वजह आई सामने

Gurgaon Chunav Results गुरुग्राम की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा को प्रचंड जीत मिली। अब सबसे बड़ा सवाल या है कि यहां से सभी सीटें गंवाने वाली कांग्रेस क्यों हारी? जबकि वोटिंग से पहले तक कांग्रेस लहर की बात कही जा रही थी। एक्जिट पोल भी कांग्रेस के पक्ष में आए। आज इस लेख के माध्यम से पढ़ें बीजेपी की जीत और इनकी (कांग्रेस) हार का कारण।

By Vinay Trivedi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 10 Oct 2024 12:02 PM (IST)
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Gurgaon Vidhan Sabha Chunav Results: पंजाबी समाज पर पकड़ नहीं बना सकी कांग्रेस, भाजपा ने साधा। फाइल फोटो
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। कांग्रेस पार्टी गुड़गांव सीट पर 15 साल का सूखा खत्म करने में नाकाम साबित हुई। अपने पुराने गढ़ पर कब्जे के लिए पार्टी ने जातीय समीकरण साध कर पंजाबी समाज से मोहित ग्रोवर को टिकट दिया था। लेकिन इस बार भी भाजपा अंदर ही अंदर रणनीति तैयार कर पंजाबी समाज को अपने साथ लाने में कामयाब हुई। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने भी अहम भूमिका निभाई।

गुड़गांव सीट पंजाबी बहुल मानी जाती है। 1967 से 2019 तक हुए चुनावों में चार बार जाट, चार बार पंजाबी, तीन बार बनिया और दो बार यादव बिरादरी से विधायक जीते। छह बार कांग्रेस तो तीन बार भाजपा का कब्जा रहा। पंजाबी समाज से आने वाले अकेले धर्मबीर गाबा ही कांग्रेस से चार बार विधायक रहे।

मोहित ग्रोवर पिछले चुनाव में निर्दलीय मैदान में थे और 48 हजार वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।इन्हीं जातिगत समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस ने इस बार पंजाबी उम्मीदवार पर दांव लगाया था। इसके लिए मोहित ग्रोवर को विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले पार्टी में शामिल कराया गया और टिकट दिया गया लेकिन मोहित ग्रोवर पंजाबी वोटरों में पैठ बनाने नाकामयाब हुए।

भाजपा में ब्राह्मण को टिकट देने से नाराज था पंजाबी समाज

दूसरी ओर भाजपा ने जातिगत समीकरणों को दरकिनार कर ब्राह्मण समाज से मुकेश शर्मा को टिकट दिया था। इस पर पंजाबी समाज से आने वाले अधिकतर भाजपा नेता नाराज हो गए थे। कइयों ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय और दूसरे प्रत्याशियों को समर्थन दिया।

इस रुख को देखते हुए भाजपा ने भी अंदर ही अंदर रणनीति बनाई। पंजाबी समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पंजाबी समाज को एकजुट करने के लिए मैदान में उतार दिया। उन्होंने चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले ब्लिस बैंक्वेट हॉल में पंजाबी समाज के अधिकतर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।

इसमें बड़ी संख्या में नेता जुटे थे। यही जुड़ाव समाज को साधने में कामयाब रहा और 2024 में गुड़गांव सीट से पहली बार ब्राह्मण समाज से मुकेश शर्मा को विधायक चुना गया। चुनाव में जीत के लिए आरएसएस की ओर से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। एक्स पोस्ट के माध्यम से कहा कि संघ और भाजपा के राजनीतिक समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाया गया।

पांच में से तीन सभाएं पंजाबी मोहल्ले में

इस क्षेत्र में सबसे बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भाजपा और कांग्रेस पार्टियों ने रणनीति के तहत पांच में से तीन सभाओं को पंजाबी मोहल्लों में किया। चुनाव परिणाम में मोहित ग्रोवर को 435 बूथों में से सिर्फ सात बूथों पर ही बढ़त मिल सकी। जबकि भाजपा प्रत्याशी मुकेश शर्मा अन्य सभी बूथों पर आगे रहे।

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