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इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे 15-18 साल के युवा, असुरक्षित यौन संबंध बनाना है वजह; ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क

What is Syphilis विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी 15 से 18 साल के बच्चों में अधिक हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल है। अभिभावकों की व्यस्तता के चलते अब घर के हर सदस्य के पास खुद का स्मार्टफोन है। ऐसे में बच्चा मोबाइल में क्या सर्च करता है इस संबंध में अभिभावकों को भी जानकारी नहीं रहती।

By joohi dass Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 04 Jan 2024 02:24 PM (IST)
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खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे 15-18 साल के युवा

जूही दास, गुरुग्राम। आज की युवा पीढ़ी में एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। असुरक्षित यौन संबंध कुछ युवाओं को गंभीर बीमार का शिकार बना रही है। यह चौंकाने वाली बात चर्म रोग विशेषज्ञ के माध्यम से सामने आई है। उनका कहना है कि 15-18 वर्ष के युवा सिफलिस (Syphilis) बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। अगर सही समय पर उपचार नहीं हुआ तो यह एक जानलेवा बीमारी भी है।

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज मेहता की माने तो जहां पहले छह महीने में एक मामला सामने आता था, वहीं बीते छह महीने में पांच से छह पीड़ित अस्पताल पहुंचे हैं। डॉक्टर ने बताया कि सिफलिस (Syphilis) एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण है जो आमतौर पर यौन संपर्क से फैलता है।

गंभीर दुष्प्रभावों के विकसित होने का खतरा

  • यह जननांगों, मलाशय या मुंह पर दर्द रहित घाव के रूप में शुरू होता है।
  • यौन संबंधों के दौरान एक से दूसरे व्यक्ति में यह बीमारी फैल सकती है।
  • अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इस रोग के कारण हृदय, मस्तिष्क या अन्य अंगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है, कुछ स्थितियों में इसके जानलेवा होने का भी खतरा रहता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं यह अन्य यौन संचारित रोगों के मुकाबले अधिक चिंताजनक इसलिए है, क्योंकि इसके कारण शरीर में कई गंभीर दुष्प्रभावों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

मोबाइल पर गलत वीडियो देखना कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी 15 से 18 साल के बच्चों में अधिक हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल है। अभिभावकों की व्यस्तता के चलते अब घर के हर सदस्य के पास खुद का स्मार्टफोन है।

ऐसे में बच्चा मोबाइल में क्या सर्च करता है इस संबंध में अभिभावकों को भी जानकारी नहीं रहती। बच्चे बहुत कुछ जानने के इच्छुक होने के कारण गलत जानकारी वाले वीडियो भी देख लेते हैं।

यह है लक्षण

  1. सिफलिस से संक्रमित होने के तीन से छह माह बाद इसके लक्षण दिखते हैं।
  2. इसमें त्वचा पर लाल-लाल चकत्तों का उभरना
  3. जख्म बनना
  4. जख्मों में दर्द या खुजली न होना, सिरदर्द, गले में दर्द, भूख न लगना, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, हीमोग्लोबिन की समस्या
  5. जोड़ की ग्रंथियों में सूजन, बुखार आना, मुंह, होंठ, जननांग और मलद्वार में घाव होना है।
  6. संक्रमण बढ़ने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है और होने वाले बच्चे दिव्यांग हो सकते हैं।

एंटीबायोटिक दवाएं भी कारगर नहीं

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज मेहता ने बताया कि अभिभावकों को जागरूक होने की जरूरत है। बताया कि बीमारी (Syphilis) की चपेट में आने से जो घाव होते है वह एंटीबायोटिक दवा खाने से सही तो हो जाएंगे, लेकिन कीटाणु जीवित रहता है और छह महीने बाद नए लक्षणों के साथ उभरता है।

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