कारों की डिलीवरी पर रूस-यूक्रेन युद्ध का साया, बढ़ सकता है इंतजार!
आटोमोबाइल सेक्टर की डिलीवरी पर रूस-यूक्रेन युद्ध का काला साया पड़ता दिख रहा है। यही कारण है कि आटोमोटिव सेक्टर के विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में कारों के खरीदारों को इनकी डिलीवरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है
By JagranEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 09:36 PM (IST)
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
आटोमोबाइल सेक्टर की डिलीवरी पर रूस-यूक्रेन युद्ध का काला साया पड़ता दिख रहा है। यही कारण है कि आटोमोटिव सेक्टर के विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में कारों के खरीदारों को इनकी डिलीवरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वर्तमान में जिन कारों की बुकिग के बाद डिलीवरी में डेढ़ से आठ माह तक की वेटिग है, वह जल्द बढ़ कर 10 से 11 माह के स्तर तक पहुंच सकती है। यही नहीं स्टील, प्लास्टिक और रबर जैसे कच्चे माल की बढ़ती कीमत से सभी प्रकार के वाहनों के रेट में भी वृद्धि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 की दस्तक के बाद से ही सेमीकंडक्टर का उत्पादन बाधित है। पिछले डेढ़ माह से स्थिति में सुधार की संभावना बलवती हो रही थी कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया। इससे पलेडियम और नियोन की आपूर्ति में बड़ी बांधा पढ़ गई है। रूस पलेडियम और यूक्रेन नियोन के बड़े निर्यातक हैं। इसके बिना चिप की मैन्यूफैक्चरिग का काम एक बार फिर से बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। दोनों देशों में बीच यह युद्ध जितना लंबा चलेगा वाहनों के उत्पादन में उतनी ही गिरावट आएगी। यदि कारों का उत्पादन नहीं हो पाएगा तो बुकिग कराने वालों का इंतजार भी उसी अनुपात में बढ़ता जाएगा।
कारों की वेटिग से संबंधित आंकड़े
कार अभी वेटिग बलेनो (न्यू) 6 से 8 सप्ताह
अर्टिगा (जीएनजी) 14 से 16 सप्ताह थार (जीप) 5 से छह माह एक्सयूवी 700 8 माह क्रेटा 3 से 4 माह अल्ट्रोज 7 से 8 सप्ताह अल्ट्रोज एक्सई 8 से 12 सप्ताह नेक्सान 8 से 16 सप्ताह पंच प्योर (एडीवी) 14 से 16 सप्ताह पंच प्योर (रिद्म) 32 से 40 सप्ताह नेक्सान ईवी 14 से 16 सप्ताह (नोट : इनकी वेटिग बढ़कर 10 से 11 माह तक होने की आशंका) निश्चित रूप से सेमीकंडक्टर के अभाव में कारों की बुकिग कराने वाले वालों को डिलीवरी के लिए छह सप्ताह से आठ माह तक का औसतन इंतजार करना पड़ रहा है। अब रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण यह वेटिग 10 से 11 माह तक जाने की आशंका प्रबल हो गई है। यही नहीं कच्चे माल की महंगाई से करों की कीमत भी बढ़ सकती है। चेतन अरोड़ा, आटोमोबाइल एक्सपर्ट आटोमोबाइल सेक्टर के लिए यह समय काफी कठिन है। मार्केट में कारों की जितनी मांग है उसके मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। फरवरी 2021 की तुलना में फरवरी 2022 में वाहनों की रिटेल बिक्री में 9.21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यदि फरवरी 2020 की बात की जाए तो सेल्स में यह गिरावट 20.65 प्रतिशत है। सुमित मंगला, डायरेक्टर, वीडी मोटर्स
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